बरेली(ब्यूरो)। होली पर जिले में करीब 2800 स्थानों पर होलिका दहन किया गया था। लेकिन, अधिकांश स्थानों पर होलिका स्थल पर नीचे रेत या ईंट का चबूतरा नहीं बनाया गया था। ऐसे में रोड को नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। कई स्थानों पर होलिका की आग के कारण रोड का रंग भी काला हो गया है। वहीं इससे रोड पर क्रेक पडऩे के चांसेज बढ़ गए हैैं। ऐसे में अगर पहले ही थोड़ी सी सावधानी बरती जाती तो लाखों की लागत से बनी हुई सडक़ को नुकसान नहीं पहुंचता।
थोड़ी सी सावधानी होती है जरूरी
सिविल इंजीनियर शैलेंद्र बताते हैैं कि तेज आग से रोड को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है, जिससे रोड उखड़ भी सकती है। साथ ही उसकी क्वालिटी भी खराब हो जाती है। इसको लेकर थोड़ी सावधानी दिखाने की आवश्यकता थी। होलिका दहन से पहले ईंट का चबूतरा बनाना चाहिए था या रेत की लेयर बिछानी चाहिए थी, जिससे रोड को नुकसान नहीं पहुंचता।
निगम ने नहीं की अपील
होलिका दहन किस तरह से करें, साथ ही कौन से नियम का पालन करें। जिससे सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहंचे, इसके लिए नगर निगम की ओर से किसी प्रकार की कोई अपील नहीं की गई, वहीं अधिकारियों का दावा है कि निगम की और से लोगों को इसके बारे में अवेयर किया गया था। शहर में कई स्थानों पर रोड पर ही लकड़ी रख दी गई थी, जिससे होलिका दहन के दौरान रोड डायरेक्ट हीट के कांटेक्ट में आ गई। अब इन स्थानों की सफाई के बाद ही रोड को हुए नुकसान का आंकलन हो पाएगा।
रोड पर नहीं जलाई होलिका
नगर निगम के पूर्व पार्षदों का कहना है कि होलिका के नीचे रेत बिछाने के लिए निगम की ओर से भले ही लोगों से अपील नहीं की गई हो, लेकिन उन्होंने रोड से हटकर होलिका दहन किया। उसके नीचे रेत भी लगाई गई थी, जिससे रोड डैमेज न हो। सभी को ऐसा ही करने के लिए प्रेरित किया। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कम लकड़ी और अधिक उपलों का इस्तेमाल किया था। लेकिन, बदायंू रोड, कृष्णा नगर, ईसाइयों की पुलिया व अन्य स्थानों पर लोगों ने होलिका दहन से पहले रेत बिछाना उचित नहीं समझा।
बदायंू रोड
बदायंू रोड पर गन्ना मिल से लेकर पटेल विहार तक 20 से अधिक स्थानों पर होलिका दहन किया गया था। इसमें से अधिकांश स्थानों पर रोड पर रेत नहीं बिछाई गई थी। जिससे होलिका दहन के बाद रोड पर काले-काले निशान बन गए है, साथ ही क्रेक पडऩे की संभावना बनी हुई है।
रामपुर गार्डन
यहां पर रोड पर बहुत हल्की रेत की लेयर को बिछाया गया था। जिस कारण रोड पर काले निशान बन गए हैैं, जबकि रोड पर होलिका दहन करने से पहले मोटी लेयर बिछानी होती है। जिससे आग रोड के कांटेक्ट में न आ सके।
अक्षर विहार
यहां पर होलिका के लिए लकड़ी रखने से पहले रेत की पतली से लेयर बिछाई गई थी। जिस कारण रोड को कम नुकसान पहुंचने के चांसेज बताए जा रहे हैैं। यहां स्थानीय लोगों अवेयरनेस दिखाते हुए रोड का काफी हद तक नुकसान होने से बचा लिया।
वर्जन
होली से पहले होलिका दहन स्थल पर रेत बिछाने के लिए लोगों को अवेयर किया गया था। अब साफ-सफाई के बाद ही पता चल सकेगा कि रोड को नुकसान हुआ है या नहीं। हर वर्ष रेत की लेयर बिछाने के बाद ही होलिका दहन किया जाता है।
अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त