अकेला पाकर किया हमला
मुवस्सर अली उर्फ लल्ला मोहम्मदपुर गांव में परिवार के साथ रहता है। उसका बहेड़ी थाना क्षेत्र के रुढ़की गांव में खेत है। वह सैटरडे सुबह गन्ने के खेत में पानी लगा रहा था। उसका 12 साल का बेटा सरफराज उसके लिए चाय लेकर पहुंचा। उसे अकेला पाकर अचानक चार- पांच कुत्तों ने उसपर हमला कर दिया। कुत्तों ने उसके शरीर को पूरी तरह से नोच खाया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
रिहान को किया घायल
कुछ देर बाद ही कुत्तों ने रुढ़की गांव में ही रहने वाले तहब्बर अली के 11 साल के बेटे रिहान पर हमला बोल दिया। रिहान घर के बाहर खेल रहा था। कुत्तों ने रिहान को इतनी बुरी तरह से नोचा कि उसके पूरी शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं। फैमिली ने उसे ट्रीटमेंट के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया है। उसकी कंडीशन काफी सीरियस बनी हुई है। इस घटना के बाद रिहान के पिता व मां फिरोजा काफी सदमें में हैं। रिहान के दो भाई कासिम और यासीन हैं।
मौके पर पहुंचा अमला
बार-बार हो रही घटनाओं से लोग गुस्से में आ गए और मोहम्मदपुर बाईपास पर जाम लगा दिया। सूचना पाकर मौके पर बहेड़ी सीओ अखिलेश भदौरिया, तहसीलदार हरिशंकर लाल शुक्ल और बहेड़ी इंस्पेक्टर बलेसिंह अन्य स्टाफ के साथ पहुंचे और लोगों को समझाया। करीब 2 घंटे बाद ट्रैफिक सुचारू रूप से चालू हो सका। मौके पर वन विभाग के अधिकारी भी पहुंचे। कुत्तों के पकडऩे के लिए वन विभाग की कई टीमें लगाई गई हैं।
6 जानें ले चुके हैं कुत्ते
यहां कुत्तों का आतंक नया नहीं है। सैटरडे को हुई घटना के बाद अब तक 6 बच्चे कुत्तों का शिकार बन चुके हैं और कई घायल हो चुके हैं। ये अक्सर यहां बच्चों को अकेला पाकर उन पर जानलेवा हमला कर देते हैं।
शिकायत की पर कार्रवाई नहीं
रुढ़की गांव के हैदर अली ने बताया कि चुनाव के दौरान भी एक बच्चे की कुत्तों के काटने से मौत हो गई थी। इसकी शिकायत की गई है लेकिन कोई नहीं सुनता। एक-एक करके 6 बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं। अब तो लोग बच्चों को बाहर भेजने से डरने लगे हैं।