--गांव उनई खालसा में घटी दिल दहला देने वाली घटना

BAHERI: प्रशासन की तमाम मुस्तैदी के बावजूद सैटरडे को कुत्तों ने एक बच्चे को निवाला बना लिया। घटना थाना क्षेत्र के उनई खालसा की है। मंदिर जा रहे बच्चे को कुत्तों के झुंड ने घेर हमला कर दिया। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर जब तक लोग बचाने दौड़े, तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं।

शाम छह बजे की घटना

घटना शाम 6 बजे की है गांव उनई खालसा निवासी रमेश का 9 वर्षीय पुत्र पुष्पेन्द्र गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर स्थित मन्दिर पर भागवत कथा सुनने जा रहा था। वह गांव के रास्ते पर कुछ दूरी पर ही पहुंचा था कि 10 -12 कुत्तों के झुंड ने उसे घेर लिया। मासूम को कुत्तों ने गिरा दिया और उसके मुंह, नाक, गला, पेट व गुप्तांग आदि बुरी तरह नोंच डाला। चीख पुकार सुनकर जब तक लोगों ने कुत्तों को भगाया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मासूम की मौत की सूचना पर एसडीएम पारसनाथ मौर्या उनई खालसा गांव पहुंचे और पीडि़त परिवार को सांत्वना दी।

शव देख बेहोश हो गई मां

आवारा कुत्तों से बेटे को नोंचे जाने का शोर सुनकर दौड़ी मां ने जब बेटे का लहूलुहान शव देखा तो वह बेहोश होकर गिर पड़ी। मौके पर मौजूद परिजनों ने किसी तरह उसे संभाला। पुष्पेन्द्र की मौत के बाद उसके भाई-बहन जितेन्द्र,सेनी व आरती भी दहशत में हैं।

बच्ची को किया घायल

गांव उल्हैतापुर में चार-पांच बच्चों के साथ जंगल से लौट रही महेन्द्र सिंह की आठ वर्षीय बेटी नन्हीं को कुत्तों ने बुरी तरह नोंचकर घायल कर दिया। ग्रामीणों ने उसे जैसे-तैसे बचाया और घायल अवस्था में उसे सीएचसी लेकर पहुंचे। परिजन उसे इलाज के लिए सीएचसी ले गए।

बीते दो साल में आवारा कुत्तों की प्रमुख वारदातें

- दिसम्बर 2013 में मोहल्ला मुहम्मदपुर में सात के बच्चे की मौत

- मार्च 2014 में लोधीपुर में नौ बर्षीय बच्चे की मौत

- दिसम्बर 2014 में गांव आदलपुर में बच्चे की मौत

- 2015 में उनई खालसा में ही च्योति पुत्री मनसुख की की मौत,युवराज व नन्ही घायल।

-27 दिसम्बर2016 में गांव सियाठेरी में सात वर्षीय अमित की मौत

- मार्च 2016 में हरहरपुर गांव की सात वर्षीय बच्ची की मौत

- 1 जनवरी 2016 गांव मिर्जापुर औरंगाबाद के तीन बच्चे कुत्तों के हमले में घायल

- 1 जनवरी को ही एक बुजुर्ग महिला रामप्यारी पर कुत्तों का हमला।

-18 अप्रैल 2016 को सकलैन नगर के आमीर की मौत

दो माह में दो की मौत,9 घायल

क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक मासूमों पर किस कदर कहर बनकर टूटा है इसकी बानगी महज दो माह की वारदातों को देखकर ही पता चल जाती है। बीती 18 अप्रैल में नगर के बीचो-बीच मोहल्ला सकलैनी नगर में चार साल के आमीर को आवारा कुत्तों के झुण्ड द्वारा नोंच-नोंच कर मार डाला गया तो इसके बाद मासूमों हर्षित, पिंकी, फात्मा, फिजा,अमित,श्रवण,सोमवती, कशिश तथा आज पुष्पेन्द्र की मौत के अलावा नन्ही को घायल कर दिया।

घटना दुखद है। मौके पर पहुंच रहा हूं। वैसे तो मासूम की मौत की भरपाई किसी तरीके से नहीं की जा सकती। मुख्यमंत्री राहत कोष से पीडि़त परिवार को कुछ आर्थिक सहायता मुहैय्या कराये जाने की पुरजोर कोशिश होगी।

पारसनाथ मौर्या, एसडीएम बहेड़ी