बरेली(ब्यूरो)। इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट और स्मार्ट सिटी (आईटीएमएस) कंट्रोल रूम से चौराहों और मुख्य मार्गों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर), पैन टिल्ट जूम (पीटीजेड) कैमराज से वाहनों का चालान किया जा रहा है, लेकिन तमाम चालक इस से दो कदम आगे हैं। वे हिंदी (शब्दों और अंकों) में लिखे नंबर प्लेट लगा कर इन कैमराज को धोखा दे रहे हैं, क्योंकि कैमरा का सॉफ्टवेयर हिंदी में लिखे नंबर की प्लेट नहीं पढ़ पाता है। इस कमजोरी का फायदा वाहन चालकों के साथ ही अपराधी भी उठा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि अब तो सब वाहनों में एचएसआरपी लगवाना अनिवार्य हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि जिन वाहनों पर एचएसआरपी नहीं लगी है उन के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
किया जाएगा चालान
वाहनों को जल्द ट्रेस करने के लिए गत 15 फरवरी को मिनिस्ट्री कॅफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य कर दिया है। हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) में आइएनडी (इंडिया) बार कोड होता है, जिसे कैमरा तत्काल स्कैन कर वाहन को ट्रेस कर लेता है। इस को ले कर यातायात विभाग एक अप्रैल से सघन अभियान चलाएगा। अब हिंदी की नंबर प्लेट किसी वाहन में मिली तो उसका चालान किया जाएगा।
5000 रुपये का चालान
वाहन स्वामी इस तरह उ.प्र। 00 जेएच 2014 (अंक भी हिंदी में) नंबर लिखते है ताकि वह चालान की कार्रवाई से बच सके। ट्रैफिक विभाग के अफसरों की माने तो हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट सभी वाहनों में लगवाने के निर्देश दिए गए हैं। अभियान के दौरान अगर वाहन चालकों ने एचएसआरपी रजिस्ट्रेशन की रसीद दिखा दी तो वह बच सकते हैं। अन्यथा चालान किया जाएगा।
ऐसे करें आवेदन
एचएसआरपी के लिए अधिकृत वेबसाइट 222.ह्यद्बड्डद्व.द्बठ्ठ पर आवेदन करें। ऑनलाइन भुगतान कीजिए। जिस कंपनी का वाहन है, उसी कंपनी का डीलर आपको एचएसआरपी उपलब्ध कराएगा। एचएसआरपी लगवाकर आप चालान और जुर्माने की कार्रवाई से बच सकते हैं, क्योंकि 15 फरवरी से सभी वाहनों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है।
डिजाइनर प्लेट पर भी शिकंजा
अक्सर रोड पर ऐसे वाहन भी फर्राटज्ञ भरते देखे जाते हैं, जिन पर बेहद आर्टिस्टिक वे में अंक लिखे रहते हैं। अंग्रेजी में लिखे यह अंक इस तरह अंकित होते हैं, जिन से हिंदी के भी कुछ विशेष शब्द नजर आते हैं। विभाग का कहना है कि अब ऐसे नंबर वाली प्लेटस लगाने वालों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
5 गुना आवेदन, फीस बढ़ी
शोरूम डीलरों की मानें तो 15 फरवरी से पहले दोपहिया वाहनों के लिए एचएसआरपी का शुल्क 435 रुपए था, अब 495 हो गया है। आवेदन के बाद सात दिनों में नंबर प्लेट आ जाती है। 15 फरवरी तक एक दिन में 10-20 लोग एचएसआरपी लगवाते थे। अब यह संख्या 100-110 पहुंच रही है। फिटमेंट चार्ज के साथ 634 रुपए में कार की नंबर प्लेट लगवाई जा सकती है।
क्या होती है एचएसआरपी
एल्युमिनियम से बनी प्लेट में क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम होता है। एआरटीओ जेपी गुप्ता ने बताया कि एचएसआरपी से वाहनों की चोरी को रोकने में हैल्प मिलेगी।
यह भी जान लीजिए
एचएसआरपी के बगैर दिल्ली एनसीआर, पंजाब, चंडीगढ़ व हिमाचल प्रदेश में वाहनों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
वर्ष 2019 से पहले खरीदे गए वाहनों में एचएसआरपी लगवाना जरूरी है। नए वाहनों पर डीलर ही एचएसआरपी लगवा रहे हैं।
बरेली की स्थिति पर एक नजर
7.79 लाख वाहन हैं जिले में
43203 व्यावसायिक वाहन
7.36 लाख निजी वाहन
2.65 लाख वाहनों में लगी है एचएसआरपी
5.14 लाख वाहन बिना एचएसआरपी के भर रहे रफ्तार
बोले अधिकारी
21 फरवरी के बाद जिले में 400 करीब वाहनों पर जुर्माना लगाया गया है। जिन वाहनों पर एचएसआरपी नहीं है, उनके चालान किए जा रहे हैं। वाहनों में एचएसआरपी लगवाने के लिए दलालों के झांसे में न आएं। स्वयं ऑनलाइन आवेदन कर करीबी वाहन डीलर से इसे हासिल करें।
- जेपी गुप्ता, एआरटीओ