-गांधी जयंती के दिन उन्हीं की तस्वीर वाली नोट लेकर उड़ाई नियमों की धज्जियां

-सौ फुटा पर टै्रफिक पुलिस के होमगार्ड ने पकड़ी हरी पत्ती और ट्रक को दे दी इंट्री

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BAREILLY: गांधी जंयती के मौके पर लोगों ने एक ओर बापू को नमन किया और नेकी के रास्ते पर चलने की शपथ ली। उनके व्यक्तित्व और उनके विचारों को खुद के व्यक्तित्व में ढालने का दृढ़ संकल्प लिया। वहीं दूसरी ओर टै्रफिक पुलिस ने गांधी जयंती पर उनके विचारों और उपदेश से किनारा कर उनकी तस्वीर वाली 'हरी पत्ती' लेकर नियमों की धज्जियां उड़ाने में मशगूल रही। मामला सौ फुटा रोड का है। जहां पर आई नेक्स्ट ने टै्रफिक पुलिस का लाइव ऑपरेशन किया तो गांधी छाप दिखाकर गांधी जयंती पर टै्रफिक पुलिस उनके विचारों का मखौल उड़ाती दिखी।

एंट्री करते ही झाड़ने लगे रौब

फ्राइडे दोपहर तमिलनाडु नंबर का ट्रक सामान लोड कर डेलापीर मंडी से सौ फुटा रोड के लिए जा रहा था। ट्रक ड्राइवर को एक ट्रैक्टर ड्राइवर ने बजरंग ढाबा पर जाने का रास्ता बताया था। नो एंट्री का बोर्ड न होने से वह ट्रक लेकर नो एंट्री में घुस गया। ट्रैफिक पुलिस के होमगार्ड ने देखा तो व्हीसल बजाई। इसके बाद ट्रक ड्राइवर वहीं रुक गया। ट्रक ड्राइवर के रुकते ही होमगार्ड ने उस पर रौब झाड़ना शुरू कर दिया। पूछा कि कैसे नो एंट्री में ट्रक लेकर आए। यह माजरा देखकर वहां कुछ लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने कहा कि जब नो एंट्री का बोर्ड ही नहीं है तो कैसे पता चलेगा। आप लोग सिर्फ रुपए लेने के लिए रौब झाड़ते हो।

इशारे में कहा हो गया काम

इधर ट्रक ड्राइवर और होमगार्ड के बीच बात हो ही रही थी कि ट्रक मालिक वहां पहुंचा उसने बिना देर किए दूसरे होमागार्ड को सौ-सौ के दो नोट थमा दिए। नोट पकड़ते ही होमगार्ड को समझ आ गया कि उसे करना क्या है। उसने तुरंत बैरियर हटाकर और ट्रक को पास करा दिया। रुपए लेने वाले होमगार्ड ने इशारा किया तो दूसरा होमगार्ड बिना देर किए वहां से हट गया। जैसे वह इशारे में समझ गया हो कि काम हो गया। हालांकि तब तक उनकी यह करतूत कैमरे में कैद हो गई थी। वहीं जब प्रभारी टीआई से जब इस बारे में पूछा गया तो वह कार्रवाई की बात करने लगे।

वसूली और सिर्फ करते हैं आराम

ट्रैफिक चौराहों पर पैसे वसूलने के साथ-साथ आराम भी फरमाती है। सेटेलाइट चौराहा पर ऑटो व टेंपो के 50 मीटर दूर खड़े होने का आदेश है लेकिन बीच चौक पर ही टेंपो सवारी भर रहे हैं। फ्राइडे को भी सैटेलाइट चौक पर टेंपो वाला पुलिस पिकेट के पीछे ही सवारी लोड करते दिखे। जबकि पिकेट के अंदर सिविल पुलिस के साथ ट्रैफिक पुलिस का जवान आराम फरमा रहे थे। किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि इससे वहां से निकलने वाले वाहनों को कितनी प्रॉब्लम हो रही है।