- सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजिशन योजना के तहत शुरू हुआ काम
- 1245 ट्रांसफार्मर पर लगायी जाएगी डीएलएमएस मशीन
- कंट्रोल रूम को मीटर देगा बिजली चोरी का सिग्नल
BAREILLY
लाइन लॉस रोकने के लिए बिजली विभाग हाईटेक तकनीक से रोकेगा। इसके लिए विभाग सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्यूजिशन प्लान के तहत ब् अरब ख्ख् करोड़ रुपये खर्च करने जा रहा है। दिल्ली की एक कंपनी को प्लान पर काम करने की जिम्मेदारी भी दे दी गयी है।
प्लान के तहत वर्ष ख्0क्भ् तक शहर के सभी ट्रांसफार्मर को हाईटेक तकनीक से जोड़ दिया जाएगा। जिससे बिजली चोरी पर विभाग की सीधी नजर होगी। ट्रांसफार्मर से मिल रहे डाटा से विभाग को पता चल जाएगा कि निर्धारित लोड से कितना ज्यादा बिजली की खपत हो रही है।
फ् अरब फंड हुआ स्वीकृत
बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग कितना एक्टिव है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि चार अरब ख्ख् लाख की योजना में तीन अरब का फंड स्वीकृत हो चुका है। बिजली विभाग के एक्सईएन पीए मोगा ने बताया कि, प्रोजेक्ट के काम 'पार्ट ए' और 'पार्ट बी' के तहत जाने हैं। 'पार्ट ए' के अंतर्गत डाटा कलेक्शन यूनिट, बिलिंग सिस्टम, डिस्ट्रिब्यूशन लाइन मैसेज स्पेसीफिकेशन मीटर जैसे सारे काम आईटी बेस्ड होंगे। जबकि पार्ट बी के जरिए सारे काम मैनुअली होने हैं, जिनमें नये सब स्टेशन बनाने के साथ ही पुराने सब स्टेशन की क्षमता बढ़ाने, ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाने तथा बंच कंडक्टर लगाने का काम किया जाएगा।
फर्स्ट फेज में जगतपुर से शुरू होगा काम
कार्यदायी कंपनी केईआई फर्स्ट फेज में काम की शुरुआत जगतपुर व किला से करने जा रही है। कंपनी बिजली चोरी रोकने के लिए शहर में क्ख्ब्भ् ट्रांसफार्मरों पर डीएलएमएस मीटर लगाएगी। इसके लिए शहर में सर्वे का काम भी शुरू कर दिया गया है। ताकि, चोरी अधिक होने वाले इलाके में लगाम पहले लगायी जा सके। काम की गुणवत्ता देखने के लिए बिजली विभाग आईटी सेक्टर के अपने एक सहायक अभियंता की ड्यूटी भी लगायी है।
मीटर का सिग्नल बताएगा बिजली चोरी
'पार्ट ए' के तहत शहर के ट्रांसफार्मर के सभी सर्किट पर डिस्ट्रिब्यूशन लाइन मैसेज स्पेसीफिकेशन (डीएलएमएस ) मीटर लगाए जाएंगे। यह मीटर घरों में लगे वाले मीटर की अपेक्षा काफी तकनीकी फुल होगी। डीएलएमएस मीटर की एक खास बात यह होगी कि, यह न सिर्फ मीटरिंग करेगा बल्कि डाटा भी रिकॉर्ड करने का काम करेगा। ट्रांसफार्मर से गुजरने वाली तीनों फेज का डाटा रिकॉर्ड करती रहेगी। जैसे ही लाइन में लोड अधिक पडे़गा, मीटर विभाग के सर्वर रुम में सिग्नल देने लगेगा।
बनेगा डाटा कलेक्शन यूनिट
प्लान के तहत शहर के सभी सब स्टेशन पर डाटा कलेक्शन यूनिट भी बनायी जाएगी। यूनिट में जितने भी डाटा कलेक्ट होंगे उसे सेंट्रल सर्वर को भेजा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि, डीएलएमएस मीटर, डाटा कलेक्शन यूनिट के अलावा बिलिंग सिस्टम, मोबाइल पर मैसेज भेजने की सर्विस सहित अन्य काम भी होने हैं। जबकि 'पार्ट बी' के अंतर्गत विद्युतीकरण का सुदृढ़ीकरण, एरियल बंच कंडक्टर जैसे काम होंगे।
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शहर में आईटी बेस्ड कई सारे काम होने है। इसके लिए एक प्राइवेट कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। इस काम के लिए फंड स्वीकृत हो चुके है। काम पूरा होने के बाद शहर की बिजली व्यवस्था में काफी सुधार होंगे।
आरपी दुबे, एसई, बिजली विभाग