BAREILLY: सीआईएससीई बोर्ड पूरी तरह से इंग्लिश मीडियम है। इस बोर्ड से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स इंग्लिश में काफी फ्लूएंट होते हैं। यही वजह है कि बोर्ड ने भी क्लास क्0 में इंग्लिश को कंपलसरी कर रखा है, जबकि हिंदी नहीं है। बात जब बेस्ट फाइव की आती है तो कम्प्यूटर और मैथ्स में बेहतर मार्क्स लाने की वजह से वे हिंदी को एग्जेंप्ट कर देते हैं। ओवरऑल परसेंटेज में भले ही हिंदी की गिनती न के बराबर होती है, लेकिन इस बोर्ड में स्टूडेंट्स ने इंग्लिश से ज्यादा हिंदी सब्जेक्ट में बेहतर परफॉर्म किया है। इंग्लिश के मार्क्स ने एक तरफ जहां स्टूडेंट्स को मायूस किया तो वहीं दूसरी तरफ हिंदी ने उनके चेहरे खिलखिला दिए हैं।
98 मार्क्स तक आए हिंदी में
मार्क्स देने में हिंदी सब्जेक्ट को हमेशा से ही कंजूस का दर्जा दिया गया है। स्टूडेंट्स की यह धारणा रहती है कि कितनी भी कोशिश कर लें हिंदी में वे बेहतर मार्क्स नहीं ला सकते। 90 मार्क्स तक अचीव करना तो उनके लिए किसी सपने से कम नहीं होता, लेकिन इस बार डिक्लेयर हुए आईसीएसई के रिजल्ट में यह धारणा टूट गई है। इंग्लिश से बेहतर तो उन्होंने हिंदी में स्कोर किया है। अधिकांश स्टूडेंट्स ने 90 से एबोव मार्क्स अचीव किए हैं। मंडल टॉपर मेहदी रजा ने हिंदी में हाइएस्ट 98 मार्क्स स्कोर किया है, जबकि इंग्लिश में 9ब् मार्क्स गेन किया है। सेकेंड टॉपर सक्षम मेहरा ने हिंदी में 9म् और इंग्लिश में 9ब् मार्क्स स्कोर किया है। इसके साथ ही सेंट मारिया की टॉपर और सिटी में थर्ड पोजिशन रहीं अनुष्का मार्च ने इंग्लिश में 9ख् तो हिंदी में 9ब् मार्क्स स्कोर किया है। सेंट मारिया में हिंदी में हाइएस्ट 9म् और इंग्लिश में हाइएस्ट 9ख् मार्क्स दर्ज किया गया है, जबकि सेंट मैरीज में टॉप करने वाले शिरीष चंद्रा ने हिंदी में 9भ् तो इंग्लिश में इससे काफी कम 8म् मार्क्स स्कोर किया है।