-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में कर्मचारियों के आवास में चल रहे हीटर-एसी

-हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का कहना स्टाफ को नहीं एसी की परमिशन

-ओवरलोडिंग के चलते भी अंडरग्राउंड केबिल बार बार हो रही खराब

BAREILY: डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में रेजिडेंशियल एरिया के स्टाफ क्र्वाटर का नजारा आम सर्वेट क्वार्टर सरीखा ही नजर आता है। लेकिन इन क्वार्टर की पुरानी, जर्जर और बदरंग दीवारों पर लगे महंगे एयर कंडीशनर इसे बाकियों से अलग दिखाते हैं। हॉस्पिटल कैंपस में बने इन सर्वेट क्र्वाटर में रहने वाले थर्ड और फोर्थ ग्रेड के कई कर्मचारी धड़ल्ले से हीटर और एसी का मजा ले रहे हैं। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का दावा है कि स्टाफ कर्मचारियों को हीटर और एसी के यूज की परमिशन नहीं, लेकिन वे सालों से इसका इस्तेमाल करने में गुरेज नहीं कर रहे। बेहद सस्ते दाम देकर बिजली की मनचाही मौज उड़ाने की यह आदत हॉस्पिटल की अंडरग्राउंड पॉवर लाइन पर भारी पड़ रही है। इस ओवरलोडिंग के चलते यह अंडरग्राउंड केबल बार बार फुंक रही है, जिसका खामियाजा पूरा हॉस्पिटल भुगत रहा है।

हीटर पर खाना, एसी की हवा

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के कैंपस में डॉक्टर्स व स्टाफ दोनों के लिए रेजिडेंशियल जोन बने हैं। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक कैंपस में जहां ख्0 डॉक्टर्स के लिए रहने की व्यवस्था है। वहीं करीब ब्0 थर्ड ग्रेड व 7भ् से ज्यादा फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों के भी क्वार्टर हैं, जिनमें ख्फ् नर्स, ब्फ् वार्ड ब्वॉय, फ्ख् स्वीपर और ब् चौकीदार परिवार सहित रहते हैं। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का दावा है कि डॉक्टर्स को छोड़ स्टाफ कर्मचारियों को एसी या हीटर यूज करने की परमिशन नहीं। उन्हें सिर्फ दो प्वाइंट का ही अप्रूवल है, जिसमें पंखा और लाइट शामिल है। लेकिन ज्यादातर स्टाफ के घरों में हीटर पर खाना पकता है। वहीं गर्मियों में कूलर एसी की मौज ली जा रही।

कौन कसे लगाम नहीं मालूम

बिना परमिशन स्टाफ के हीटर-एसी के इस्तेमाल पर रोक कौन लगाए इसके लिए जिम्मेदार एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने में जुटे हैं। हॉस्पिटल में एक कॉमन मीटर है, जिसकी रीडिंग से ही पॉवर कॉरपोरेशन बिल वसूलता है। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि कैंपस में अनअॅाथराइज्ड तरीके से बिजली यूज करने वाले स्टाफ की पॉवर कॉरपोरेशन की ओर से कभी कोई जांच नहीं की जाती। वहीं पॉवर कॉरपोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि हॉस्पिटल के सर्वेट क्वार्टर के कनेक्शन जांचने की उन्हें जरूरत नहीं। हॉस्पिटल के कॉमन मीटर से बिल बनाया जाता है। हॉस्पिटल खुद अपने स्टाफ के कनेक्शन की जांच कराकर कार्रवाई करे।

सस्ते दाम में महंगा शौक

कैंपस में रहने वाले डॉक्टर्स व स्टाफ से बिजली कनेक्शन का एक फिक्स चार्ज हर महीने हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से उनकी सेलरी से वसूला जाता है। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों के लिए बने टाइप वन सिंगल रूम वाले क्वार्टर से हर महीने फ्ख्भ् रुपए लिए जाते हैं। वहीं टाइप टू ख् कमरों वाले क्वार्टर में रहने वाले थर्ड ग्रेड कर्मचारियों से क्07ब् रुपए व टाइप फ् क्वार्टर में रहने वाले डॉक्टर्स से क्ख्ब्फ् रुपए बिजली बिल के लिए जाते हैं, जिससे कौडि़यों के दाम चुका कर कर्मचारी व डॉक्टर्स मनचाही बिजली का यूज करते हैं। एसी और हीटर चलने से हॉस्पिटल की अंडरग्राउंड पॉवर लाइन पर जबरदस्त ओवरलोडिंग रहती है।

ख्007 में हो चुका है बवाल

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में स्टाफ के अनऑथराइज्ड तरीके से एसी-हीटर यूज करने पर लगाम कसने को ख्007 में कवायद शुरू की गई थी। सोर्सेज के मुताबिक तत्कालीन सीएमएस डॉ। एबी लाल ने स्टाफ के घरों में अनऑथराइज्ड तरीके से यूज हो रही बिजली पर खिलाफत की थी। उनकी जांच कराने का स्टाफ कर्मचारियों ने जमकर विरोध किया था। कर्मचारियों ने खुद की मिल रही सहुलियतों पर तलवार चलती देख नाराजगी जताई और धरना प्रर्दशन दिया। कर्मचारियों के काम काज ठप करने और हड़ताल पर जाने से हॉस्पिटल की व्यवस्था चरमरा गई थी। जिसके बाद सीएमएस को अपने कदम वापस खींचने पड़े और तब से इस व्यवस्था पर किसी ने उंगली उठाने कही हिम्मत न उठाई।

डीजल पर खर्च हो रहे लाखों

शासनादेश के तहत ख्ब् घंटे हॉस्पिटल को बिजली सप्लाई किए जाने का प्रोविजन है, लेकिन पिछले साल से हॉस्पिटल की इस अंडरग्राउंड पॉवर लाइन में बार बार फॉल्ट आ रहा है। ओवरलोडिंग इसकी एक बड़ी वजह है, जिसकी वजह से हॉस्पिटल के सभी वार्ड में पॉवर सप्लाई के लिए जेनरेटर्स में रोजाना ख्ख्भ् लीटर से ज्यादा डीजल फूंका जा रहा है। हॉस्पिटल में क्ख्भ् केवी के बड़े जेनरेटर के लिए रोजाना दो बार 7भ् लीटर वाली पर्ची कट रही है, जबकि भ्0 केवी के दो जेनरेटर्स के लिए रोजाना भ्0 लीटर की दो पर्ची कट रही है। जिसका बजट शासन को भेजा जाता है। पिछले साल से अब तक अंडरग्राउंड केबल ब‌र्स्ट होने से डीजल पर लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं।

स्टाफ एसी यूज करने को ऑथराइज्ड नही है, लेकिन कैंपस में कई कर्मचारी हीटर और एसी यूज कर रहे हैं। स्टाफ क्वार्टर में बिजली कनेक्शन की जांच करने को पॉवर कॉरपोरेशन की टीम भी नहीं आई। विरोध के चलते कोई कारर्वाई नहीं हो पाती। रोजाना ख्भ्0 लीटर डीजल खर्च हो रहा। - डॉ। आर सी डिमरी, सीएमएस

ओवरलोडिंग से ज्यादा रोड की खुदाई से हॉस्पिटल की अंडरग्राउंड केबल बार बार खराब हो रही है। हम हॉस्पिटल के कॉमन मीटर से पूरा बिल वसूल करते हैं। स्टाफ क्वार्टर के बिजली कनेक्शन जांचने का काम हमारा नहीं, वह हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी है। - एके चौधरी, एसडीओ, पॉवर कॉरपोरेशन

कर्मचारियों के एसी यूज न करने पर कोई शासनादेश नहीं है। हालांकि ज्यादातर स्टाफ के घरों में हीटर का यूज होता है, जिससे हॉस्पिटल की पॉवर लाइन पर ओवरलोडिंग पड़ती है। स्टाफ को इस बारे में अवेयर किए जाने की भी जरूरत है, जिससे बिलजी का मिस यूज न होने पाए।

- बीसी यादव, कर्मचारी नेता, फार्मासिस्ट एसोसिएशन