-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में डेढ़ महीने से रुका एनआईसीयू के अपग्रेडेशन का काम

-पूर्व डीएम संजय कुमार ने दिए थे अपग्रेडेशन के निर्देश, 2 महीने पहले तबादला

-इमारत का होना है रेनोवेशन, जरूरी मशीनों संग ट्रेंड स्टाफ की भेजी गई थी मांग

<-डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में डेढ़ महीने से रुका एनआईसीयू के अपग्रेडेशन का काम

-पूर्व डीएम संजय कुमार ने दिए थे अपग्रेडेशन के निर्देश, ख् महीने पहले तबादला

-इमारत का होना है रेनोवेशन, जरूरी मशीनों संग ट्रेंड स्टाफ की भेजी गई थी मांग

BAREILLY: BAREILLY: सुधार और विकास के तौर पर अपनी वर्किंग के लिए पहचान बनाने वाले बरेली के पूर्व डीएम संजय कुमार के तबादले के साथ ही डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के एनआईसीयू का डेवलपमेंट भी चला गया। पूर्व डीएम के बरेली से विदा होने के बाद हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में चल रही एनआईसीयू के अपग्रेडेशन की कवायद भी ठप पड़ गई है। पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़ी एनआईसीयू के अपग्रेडेशन को दोबारा शुरू करने में न तो हॉस्पिटल प्रशासन ने जिम्मेदारी निभाई और न ही डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ही हरकत में आया। जिसका खमियाजा नवजात और उनके परिजन भुगत रहे।

सिर्फ सांस मिल रही वार्ड में

पिछले डेढ़ महीने से काम रूकने के चलते एनआईसीयू की सीलिंग और इलेक्ट्रिक वायर की फिटिंग का काम भी लटक गया है। वहीं अपग्रेडेशन की कवायद रूकने से बच्चा वार्ड में भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। एनआईसीयू के बीच में ही लटक जाने से वॉर्मर मशीन पहले ही यूज नहीं हो पा रही थी। ऐसे में इमरजेंसी की स्थिति में नवजात की जान बचाने को सिर्फ ऑक्सीजन मास्क ही इकलौती इलाज व्यवस्था है। इसमें भी वार्ड में बच्चों की तादाद बढ़ने से इलाज में दिक्क्त आ रही।

खींच गया अच्छे दिन का इंतजार

क्7 नवंबर को पूर्व डीएम संजय कुमार ने एनआईसीयू का दौरा किया और इसकी बदहाली पर चिंता जताई। पूर्व डीएम ने सीएमएस डॉ। डीपी शर्मा को एनआईसीयू के अपग्रेडेशन व जरूरी मशीनों की डिमांड का प्रपोजल सीएमओ डॉ। विजय यादव को भेजने के निर्देश दिए थे। पूर्व डीएम के दौरे के बाद ही कई साल से बदहाल पड़े एनआईसीयू के दिन बहुरने का इंतजार होने लगा। मौजूदा समय में भी एनआईसीयू में लाइफ सेविंग मशीन व नवजात के इमरजेंसी के इलाज के नाम पर सिर्फ क्क् वॉर्मर ही हैं।

क्ब् इक्विपमेंट्स का है इंतजार

सीएमएस ने एनआईसीयू के अपग्रेडेशन और नवजातों को बेहतर इलाज देने के लिए क्ब् मेडिकल इक्विपमेंट्स की जरूरत डिमांड लिस्ट में दी थी। इनमें सबसे पहले ब् कंप्रेशर सहित वेंटीलेटर्स की जरूरत बताई गई। वहीं बेबी वॉर्मर, फोटोथेरेपी, पल्स ऑक्सीमीटर और इंफ्यूजन पम्प की ब्-ब् यूनिट की मांग भी लिस्ट में है। इसके अलावा सक्शन मशीन पीडियाट्रिक्स, नेबुलाइजर, डिजिटल वजन नापने की मशीन, एयर कंडीशनर, ब्लड गैस एनलाइजर, मल्टीपैरा मॉनीटर, एयर प्यूरीफायर और टीवी सहित सीसीटीवी कैमरा भी मुहैया कराने का प्रपोजल दिया गया था।

डॉक्टर्स व स्टाफ की भी मांग

पूर्व डीएम के निर्देश पर सीएमएस ने क्7 नवंबर को ही सीएमओ को प्रपोजल लेटर भेज दिया था। अपग्रेडेशन के तहत इस प्रपोजल में सीएमएस ने ब् मेडिकल ऑफिसर पीडियाट्रिशियन की मांग की। जिससे बच्चों और नवजातों के इलाज में कोई कसर न रहे। इसके अलावा क् सिस्टर, म् स्टाफ नर्स की जरूरत बताई गई है। वहीं म् वार्ड आया, ब् स्वीपर और ब् सिक्योरिटी गा‌र्ड्स की भी मांग प्रपोजल का अहम हिस्सा है। जिससे बच्चों और नवजातों के इलाज में सफाई और सुरक्षा को लेकर कोई चूक न रहे।

नई बिल्डिंग की बताई जरूरत

अपग्रेडेशन के तहत डीएम ने एनआईसीयू के अलावा बच्चा वार्ड की हालत भी दुरूस्त किए जाने को लेकर सीएमएस से प्रपोजल भिजवाने को कहा था। इस पर भी सीएमएस ने वार्ड की सेपरेट नई इमारत के लिए सीएमओ को डिमांड भेजी थी। इसमें ख् नए वार्ड, क् सिस्टर ड्यूटी रूम, स्टाफ ड्यूटी रूम, स्टोर क्, ख् टॉयलेट और क् तीमारदारों के रहने के लिए रूम की भी व्यवस्था की मांग की गई है। इसके अलावा बच्चा वार्ड की दीवारों के रंग रोगन और टाइल्स लगवाने की मांग भी प्रपोजल में रखी गई थी। हाल फिलहाल इन पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई।

पूर्व डीएम के ट्रांसफर के बाद ठेकेदार ने काम बंद कर दिया, जिससे एनआईसीयू के अपग्रेडेशन का काम लटक गया। इस बारे में सीएमओ व एडी हेल्थ को जानकारी दी गई थी। नए डीएम ने अपने दौरे में इसे फिर से जल्द पूरा कराने का भरोसा दिया है। नई मशीनों के आने का इंतजार है।

- डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस