फीमेल हॉस्पिटल में मैटरनिटी विंग बनाने की कवायद पर लग रहे ब्रेक

अगस्त भी बीता, शासन से नहीं मिली पुरानी इमारतों को गिराने की मंजूरी

BAREILLY: सरकारी योजनाओं को समय रहते शुरू कराने और समय पर ही पूरा करने में सरकार की मंशा ही कई बार समझ से परे रहती है। डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल के अपग्रेडेशन और मैटरनिटी विंग बनाने की कवायद सरकारी ब्रेक लगने से शुरू होने में ही कई साल का समय ले रही है। सरकार की ओर से हॉस्पिटल में मैटरनिटी विंग बनाए जाने की योजना को मंजूरी दिए जाने के साथ ही इस बाबत करोड़ों का बजट भी जारी कर दिया गया। लेकिन नए निर्माण के लिए पुरानी इमारतों को गिराए जाने की मंजूरी नहीं दी जा रही। पुरानी इमारतों के डिमोलिशन को लेकर शासन की ओर से की जा रही यह देरी मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी है।

अगस्त बीता, ऑर्डर नहीं मिला

साल ख्0क्ख् में फीमेल हॉस्पिटल में मैटरनिटी विंग बनाए जाने की योजना को शासन ने मंजूरी दी। प्रसूता महिलाओं को बेहतर सुविधाएं देने के लिए क्00 बेड वाले इस मैटरनिटी विंग का बजट ख्0 करोड़ रुपए मंजूर हुआ। इसके लिए प्राइवेट वॉर्ड को डिमोलिश कर जमीन की व्यवस्था की जानी थी, लेकिन ढाई साल से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद मैटरनिटी विंग को शुरू किए जाने की कवायद ही फाइलों से बाहर नहीं निकल पाई। तीन महीने पहले सीएमओ ने शासन की ओर से मैटरनिटी विंग के लिए पुरानी इमारत को गिराए जाने का भरोसा मिलने की बात कही थी, लेकिन अगस्त बीतने के बाद भी यह योजना सरकारी आदेश की बाट जोह रही है।

पीडब्ल्यूडी ने किया इंस्पेक्शन

फीमेल हॉस्पिटल में मैटरनिटी विंग बनाने का जिम्मा पीडब्ल्यूडी को सौंपा गया है। पीडब्ल्यूडी को नई इमारत के लिए सरकार की ओर से बजट भी जारी कर दिया गया है। भ् सितंबर को पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर्स फीमेल हॉस्पिटल पहुंचे और मैटरनिटी विंग के निर्माण को लेकर इंस्पेक्शन किया। पीडब्ल्यूडी ने विंग के निर्माण के लिए प्राइेवट विंग गिराए जाने की जरूरत बताई। इस पर हॉस्पिटल के जिम्मेदारों ने शासन से पुरानी बिल्डिंग गिराए जाने की मंजूरी न मिलने की मजबूरी बताई।

सुस्त हुआ अपग्रेडेश्ान का काम

फीमेल हॉस्पिटल में अपग्रेडेशन की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था पैकफेड को दी गई है। पैकफेड की ओर से फीमेल हॉस्पिटल में अपग्रेडेशन की कवायद शुरू हो चुकी है। सीएमएस ऑफिस के सामने साढ़े चार करोड़ रुपए से तीन मंजिला इमारत बनाए जाने का काम शुरू हो गया है। लेकिन इस कवायद में सीएमएस ऑफिस और इससे जुड़ी इमारत को तोड़ा जाना है, जिसकी मंजूरी न मिलने से यह काम भी सुस्त रफ्तार से चल रहा है।

तो नहीं मिलेगी जल्द मंजूरी

मैटरनिटी विंग के निर्माण के लिए हॉस्पिटल के प्राइवेट वॉर्ड को तोड़ा जाना है। ऐसा करने पर प्राइवेट वॉर्ड के मरीजों के लिए कहीं और वैकल्पिक व्यवस्था नहीं रहेगी। सीएमएस ऑफिस को तोड़ कर मैटरनिटी विंग के लिए जमीन बनाई जा सकती है, लेकिन अपग्रेडेशन के तहत जब तक नई इमारत का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक सीएमएस ऑफिस को शिफ्ट नहीं किया जा सकता। वहीं मैटरनिटी विंग के निर्माण के लिए जिला स्वास्थ्य मुख्यालय से रिपोर्ट भेजे जाने के बाद विभाग और यहां से कैबिनेट को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा जाता है। जानकारों ने बताया कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के कैबिनेट की ओर से पुरानी इमारतों के डिमोलिशन का ऑर्डर जारी नहीं किया जाएगा। ऐसे में मैटरनिटी विंग बनने के सपने में अभी लंबा समय लगना तय माना जा रहा।

मैटरनिटी विंग बनाए जाने को लेकर सीएमओ, एडी हेल्थ को लेटर भेजा जा चुका है। पुरानी इमारत न गिराए जाने से हॉस्पिटल अपग्रेडेशन के काम में भी देरी हो रही है। प्रमुख सचिव को भी परेशानी बता दी गई है। उन्होंने क्भ् दिनों में मंजूरी मिलने का आश्वासन दिया है।

- डॉ। स्नेहलता सिंह, सीएमएस, फीमेल हॉस्पिटल