- यूजीसी यूनिवर्सिटीज को कह चुका है डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स शुरू करने को

- यूनिवर्सिटी नहीं ले रही हैं दिलचस्पी

BAREILLY: किसी भी प्राकृतिक आपदा से मची तबाही के बाद राहत पहुंचाने में राहत कार्य का दल सबसे आगे रहता है। डिजास्टर मैनेजमेंट की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होती है। स्टूडेंट्स को डिजास्टर मैनेजमेंट के गुर सिखाने के मकसद से यूजीसी यूनिवर्सिटीज में इसे कोर्स के रूप में लागू करने का निर्देश जारी कर चुकी है। लेकिन यूनिवर्सिटीज मैनेजमेंट की सुस्ती के चलते यूजीसी की यह महत्वाकांक्षी योजना फलीभूत नहीं हो पा रही है।

यूजीसी की क्या थी ऑब्जेक्टिव

कैंपस के अंदर और बाहर कई तरह के एक्सिडेंट होते हैं। जिनमें से कुछ प्राकृतिक आपदाएं होती हैं तो कुछ मैन मेड। कैंपस के अंदर ईव टीजिंग से लेकर स्टूडेंट्स के बीच आपसी झड़पें हो जाती हैं। जो कभी-कभी गंभीर रूप ले लेती हैं। वहीं एजुकेशनल और पिकनिक टूर के दौरान भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें स्टूडेंट्स को जान तक गंवानी पड़ी है। यही नहीं प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए कुशल राहत दल की हमेशा ही कमी खलती रही है। इन एक्सीडेंट्स के बाद हुए जान-माल के नुकसान को ज्यादा से ज्यादा कम करने और बेहतर मैनेजमेंट के राहत पहुंचाने के लिए ही यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज में डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स को लागू करने की योजना बनाई थी। ताकि स्टूडेंट्स इसमें कुशलता हासिल कर आपदाओं के राहत कार्य में अपना योगदान दे सकें।

यूनिवर्सिटीज में नहीं है यह कोर्स

यूजीसी की योजना को यूनिवर्सिटीज की लापरवाही पलीता लगा रही है। न केवल आरयू बल्कि स्टेट के कई प्रमुख यूनिवर्सिटीज में यह कोर्स शुरू नहीं किया गया है। यहां तक कि राज्य की राजधानी में स्थित लखनऊ यूनिवर्सिटी में भी यह कोर्स कंडक्ट नहीं किया जाता है। पिछले वीक में भी यूजीसी के सेक्रेट्री प्रो। डॉ। जसपाल एस संधु ने सभी यूनिवर्सिटीज को सर्कुलर जारी कर इस कोर्स को लागू करने के निर्देश दिए थे।

केवल चर्चाओं में डिजास्टर मैनेजमेंट

आरयू में मैनेजमेंट कोर्स के तहत दो कोर्स संचालित हैं। एमबीए और होटल मैनेजमेंट की ही पढ़ाई कराई जाती है। डिजास्टर मैनेजमेंट कोर्स को लेकर आरयू के मैनेजमेंट स्तर पर अभी कोई पहल नहीं की गई है। मैनेजमेंट के डीन प्रो। पीके यादव ने बताया कि डिजास्टर मैनेजमेंट पर यूनिवर्सिटीज में सेमिनार ऑर्गनाइज किए जाते हैं। कोर्स के संबंधित कई बार विचार विमर्श किया जा चुका है। फ्यूचर में यह शुरू किया जा सकता है। यहां पर लाख टके का सवाल है कि जब डिजास्टर मैनेजमेंट के गुर सिखाने वाले कोर्स को ही लागू करने के लिए दिलचस्पी नहीं दिखाया जा रहा है तो किसी भी तरह की आपदा के बाद फौरी तौर पर राहत पहुंचाने की अपेक्षा कैसे की जा सकती है।