बरेली (ब्यूरो) दिव्यांग इंसान भी सब कुछ कर सकता है, बशर्ते वह पढ़ा-लिखा हो और कुछ करने का जज्बा हो। वह भी आम लोगों जैसे जिंदगी जी सकता है, जॉब कर सकता है और अपना बिजनेस भी कर सकता है। यह करके भी दिखाया है शहर के कुछ दिव्यांग बच्चों ने। कुछ दिव्यांग आज आम लोगों के साथ जॉब कर रहे हैं तो कुछ अपना बिजनेस कर रहे हैं। आज वल्र्ड हैंडीकैप्ड डे है, पढि़ए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की पूरी रिपोर्ट।
टीचर्स मानक के अनुरूप कम
संकेत विद्यालय के प्रिंसिपल की मानें तो उनके पास इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी नहीं है। बिल्ंिडग भी काफी बड़ी है जहां सभी सुविधाएं हैं। लेकिन टीचर की संख्या जरूर कुछ कम है। नवम्बर माह में सीडीओ जग प्रवेश संकेत विद्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। उसके बाद उन्होंने दो टीचर बढ़ा दिए हैं लेकिन स्टूडेंट्स की संख्या के हिसाब से टीचर्स की संख्या कम है। मानक के अनुरूप दस दिव्यांग बच्चों पर एक टीचर होना चाहिए, विद्यालय में वर्तमान में 136 बच्चे स्टडी करते हैं अब ऐसे में विद्यालय में 13 टीचर तैनात होने चाहिए लेकिन इस समय एक प्रिंसिपल जिन्हें फरुखाबाद के बाद अतिरिक्त प्रभार बरेली का भी दिया गया है और दो टीचर तैनात है। जबकि दो टीचर सीडीओ के निर्देश पर टेम्परेरी तैनाती पर दिए गए हैं।
लिखी सफलता की कहानी
शहर में लंबे समय से संचालित संकेत विद्यालय से स्टडी करने वाले स्टूडेंट्स कई अलग-अलग ऑफिसेस में तैनात हैं, तो कई स्टूडेंटस ने अपना बिजनेस भी शुरू कर लिया है। स्कूल के प्रिंसिपल डॉ। बलवंत सिंह की मानें तो उनके यहां 8वीं तक स्कूल संचालित है। आगे की स्टडी के लिए स्टूडेंट़्स दूसरे विद्यालयों में जाते हैं। कई ऐसे स्टूडेंट्स हैं जो अभी हाल ही में जॉब में लगे हैं। जिसमें से हरेन्द्र, सुरेन्द्र और ऋषिराज नगर पालिका में तैनात हैं। जबकि यामीन की पीएनबी में जॉब लगी है। इसके साथ अरविंद और लाखन की लखनऊ डाकघर में जॉब लगी है। इसके साथ ही जफर, जीतू और शैलेष दिल्ली की एक फैक्ट्री में जॉब कर रहे हैं।
स्पोट्र्स में भी आगे
संकेत विद्यालय से स्टडी करने वाले बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए कोई स्पोट्र्स टीचर भले ही तैनात न हो लेकिन इन्हें स्कूल के ही टीचर स्पोट्र्स एक्टिविटी भी कराते हैं। इससे स्पोट्र्स में भी बच्चे पीछे नहीं है। 11 व 12 दिसम्बर को शाहजहांपुर में होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में संकेत विद्यालय से 9 बच्चे प्रतिभाग करेंगे।
यह हैं सुविधाएं
-बच्चों को लाने-ले जाने के लिए फ्री वाहन सुविधा
-खेल-खेल में बचपन डे केयर में कराई जाती है स्टडी
-रहने के लिए हॉस्टल की फ्री सुविधा
-स्कूल में बच्चों के लिए फ्री कराई जाती है स्टडी
-सिलाई, कढ़ाई की फ्री ट्रेनिंग कराई जाती है गल्र्स के लिए
-कंप्यूटर की फ्री ट्रेनिंग दी जाती है सभी बच्चों को
-स्मार्ट क्लासेस से कराई जाती है स्टडी
-स्टूडेंट्स की ऑनलाइन एप के माध्यम से लगती है प्रजेंट
विद्यालय में 136 बच्चे रजिस्टर्ड हैं, विद्यालय में बच्चों को फ्री एजुकेशन दी जाती है। बच्चों के लिए विद्यालय में स्मार्ट क्लासेस आदि की भी सुविधा है। विद्यालय के कई बच्चे ऐसे हैं जो आज जॉब में हैं तो कई बच्चों ने अपना बिजनेस भी करना शुरू कर दिया है।
डॉ। बलवंत सिंह, प्रिंसिपल, राजकीय संकेत विद्यालय