बरेली (ब्यूरो)। प्रधान मंत्री के स्वच्छता मिशन को आलमपुर जाफराबाद ब्लॉक में जिम्मेदारों द्वारा जम कर पलीता दिखाया जा रहा है। गांवों में सफाईकर्मी तैनात हैं, लेकिन उन्हें अधिकारियों ने अपनी सेवा में लग रखा है। इस कारण क्षेत्र के गांव गंदगी से बदहाल हैं। फलत: क्षेत्रवासियों पर बुखार का कहर टूटा हुआ है। इसको लेकर लोगों में आक्रोश का माहौल है। संडे को क्षेत्रवासियों का गुस्सा जवाब दे गया तो वे सडक़ पर उतर आए। उन्होंने इसको लेकर जम कर नारेबाजी की। जिम्मेदारों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें जी भर कर कोसा। इसके साथ ही जिलाधिकारी से समस्या का समाधान कराने की मांग की है।
ग्राम पंचायत नौगवां ठाकुरान का मझरा तखतपुर में तो कहने के लिए एक सफाईकमी की नियुक्ति की गई है, लेकिन गांव वाले ने अरसे से उसकी शक्ल ही नहीं देखी है। उसके न आने से गांव की गलियां गंदगी से पटी पड़ी हैं। नालियां गंदगी के कारण चोक हो चुकी है। इस सब के कारण जहां लोगों को बदबू का सामना करना पड़ता है। वहीं सडक़ों पर जलभराव और नालियों की गंदगी से पैदा हुए मच्छर गांव में बीमारी का कारण बन रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि गांव के अंदर 300 से अधिक लोग बुखार की चपेट में हैं। गांव वालों के अनुसार उन्होंने इसको लेकर कई बार अधिकारियों से कंप्लेंट की, लेकिन आज तक किसी ने उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया।
आंदोलन की चेतावनी
गांव की बदहाली को लेकर क्षेऋ के लोगों में खासा उबाल नजर आ रहा है। काफी दिनों से अधिकारियों से समस्या का समाधान कराने की मांग कर के परेशान हो चुके लोगों के सब्र का बांध संडे को आखिर छलक ही गया। शाम के समय सब अपने घरों से निकल कर सडक़ पर आ गए और इसके विरोध में नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शित किया। गांव वालों का कहना था कि सफाईकर्मी अधिकारियों की सेवा में व्यस्त रहते हैं। गांवों की अनदेखी की जा रही है।
बीडीओ खड़े कर चुके हैं हाथ
क्षेत्रवासियों का कहना है कि समस्या को लेकर खंड विकास अधिकारी से तो कोई आस लगाना ही बेकार है, क्योंकि तीन दिन पूर्व वह स्पष्ट रूप से हाथ खड़े कर चुके हैं। उनका दो टूक कहना था कि सफाईकर्मी एडीओ पंचायत के काम में लगे रहते हैं, मेरी कोई सुनता ही नहीं। गांववासियों का कहना है कि इसको लेकर उच्च अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए।
लोगों की बात
सफाई कर्मचारी कभी गांव में आता ही नहीं है। पूरे गांव में गंदगी फैली हुई है। सडक़ों से लेकर नालियां तक बदहाल हुई पड़ी हैं। ऐसी दशा में गांव में डेंगू, मलेरिया बुखार का प्रकोप फैला हुआ है। अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए। -मोहन लाल
गांव में कभी सफ़ाई कर्मचारी आया ही नहीं है। इसका परिणाम यह है कि गांव में गंदगी का अंबार लगा है। इसको लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। - ओमपाल
गांव में लोग बीमार हैं। इसका प्रमुख कारण गांव में गंदगी का होना है। नालियों से लेकर सडक़ों तक कीचड़ व जलभराव ाक बुरा हाल है। सफाईकर्मी कभी गांव में आता नहीं है। -बादशाह
हमारी ग्राम पंचायत बड़ी है। सफ़ाई कर्मचारी आते हैं, लेकिन उन्हें बीएलओ का काम भी देखना पड़ता है। एडीओ पंचायत से कई बार समस्या का समाधान कराने को कहा है, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई है। -सरोज देवी, प्रधान