- कई बैंक की जमा पर्ची में 200 और 2 हजार रुपए का ऑप्शन ही नहीं
-बैंक
BAREILLY:
नोटबंदी के 22 महीने बाद भी बैंक एक हजार रुपए का नोट जमा कर रहे हैं। इस बात का कन्फ्यूजन बैंक की जमा पर्ची में रुपयों के दिए गए ऑप्शन को लेकर पैदा हो रहा है। यही नहीं तमाम बैंक खुद को अपडेट नहीं कर सके हैं, जिसके चलते अभी उनके यहां 200 और 2000 रुपए को नोट जमा करने का ऑप्शन पर्ची में नहीं दिया गया है।
बैंक प्रबंधन की लापरवाही
बैंक प्रबंधन ने जमा पर्ची में नोटबंदी के बाद जारी किए गए दो हजार रुपये के नोट को सबसे ऊपर रखा है। इसके बाद 1000, 500, 100, 50, 20, 10 और 5 रुपये के नोटों का ब्यौरा मांगने के लिए रखा है। इससे ब्रांच में कैश जमा करने पहुंच रहे लोगों को परेशानी हो रही है। सबसे अधिक समस्या कम पढ़े लिखे लोगों को हो रही है।
दो हजार के नोट के बाद छपाई
बैंक में नकदी जमा पर्ची की छपाई नोटबंदी के बाद हुई है। क्योंकि पर्ची में सबसे ऊपर वाले कॉलम में 2000 अंकित है। इसके बाद एक हजार के नोट के कॉलम को दर्शाया गया है। इससे साफ है कि बैंकों ने नई स्टेशनरी मंगा रखी है। बैंक पुरानी स्टेशनरी का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। फिर, भी उनकी नजर में 1 हजार के नोट चलन में हैं।
कस्टमर असमंजस में रहते हैं
नोटबंदी के एक साल के बाद 200 रुपये का नोट पहली बार बाजार में आया। नोट को आए हुए आठ महीने गुजर गए, लेकिन पर्ची में 200 रुपए के नोट जमा करने के लिए कॉलम ही नहीं है। कुछ बैंकों की जमा पर्ची में तो 2000 के नोट जमा करने क भी ऑप्शन नहीं है। पर्ची में इस नोट को कोई खास कॉलम नहीं होने से असमंजस की स्थिति रहती है।
हो सकता है कुछ बैंक पुरानी स्टेशनरी इस्तेमाल कर रहे हों। यह एक बढ़ी चूक है। इस संबंध में बैंकों को सुधार के लिए कहा जाएगा।
ओपी वडेरा, मैनेजर लीड बैंक, बीओबी