Certificate courses भी
बरेली कॉलेज में करीब 13 डिप्लोमा कोर्सेज कंडक्ट किए जाते हैं। इसके अलावा कुछ सर्टिफिकेट कोर्सेज भी कंडक्ट होते हैं। ये सभी डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा कोर्सेज की अवधि 1 वर्ष की है। डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग, डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइनिंग, डिप्लोमा इन फोटोग्राफी, डिप्लोमा इन स्कलप्चर, डिप्लोमा इन टेक्स्टाइल प्रिंटिंग, डिप्लोमा इन योगा एंड नेचुरोपैथी, पीजी डिप्लोमा इन कम्प्यूटर एप्लिकेशंस, पीजी डिप्लोमा इन ई कॉमर्स, पीजी डिप्लोमा इन एनवायरमेंट मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म मास कम्यूनिकेशन एंड मीडिया टेक्नीक्स, पीजी डिप्लोमा इन मॉर्डन एरेबिक, पीजी डिप्लोमा इन ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रीटेरियल प्रैक्टिस, पीजी डिप्लोमा इन प्रोफेशनल बायोटेक्नोलॉजी और पीजी डिप्लोमा इन ट्यूरिज्म एंड ट्रैवल मैनेजमेंट कोर्सेज कंडक्ट किए जाते हैं। ये सभी कोर्सेज रेग्युलर हैं और आरयू से सबंद्ध हैं। साथ ही इनमें एडमिशन लेने वाले कैंडीडेट्स रेग्युलर ही कहलाते हंैं।
ताकि चमकती रहे politics
कैंपस में अपनी पॉलिटिक्स चमकाने के लिए जब स्टूडेंट्स लीडर्स को और किसी कोर्स में ठिकाना नहीं मिला तो उन्होंने इन डिप्लोमा कोर्सेज की तरफ रुख कर दिया। इसके लिए उन्होंने लिंगदोह के नियमों को भी ध्यान में रखा। लिंगदोह के अनुसार वही कैंडीडेट इलेक्शन में लड़ सकता है जो मिनिमम एक वर्ष तक चलनेवाले कोर्स का रेग्युलर स्टूडेंट हो। वोटर्स बनने के लिए भी यही नियम फॉलो किए जाते हैं। इसके अलावा सभी डिप्लोमा कोर्सेज सेल्फ फाइनेंस के अंतर्गत हैं और सीट्स के मुकाबले काफी कम स्टूडेंट्स एडमिशन लेते हैं। ऐसे में जिन स्टूडेंट्स को और किसी कोर्स में एडमिशन मिलने में दिक्कत आ रही थी। उन्होंने इन्हीं कोर्सेज में एडमिशन लेना ही मुफीद समझा। जिससे वे रेग्युलर स्टूडेंट्स माने जाएं और अपनी सक्रिय छात्र राजनीति चमका सकें।
नए के साथ पुराने धुरंधर भी
नए स्टूडेंट्स लीडर्स जिन्होंने विभिन्न पदों के लिए दावेदारी कर रखी है, उन्होंने इन डिप्लोमा कोर्सेज में एडमिशन तो लिया ही है। साथ ही पुराने धुरंधरों ने एडमिशन लेकर फिर से कैंपस में दस्तक दी है। यह इसलिए कि वे अपने कैंडीडेट्स के लिए कैंपेनिंग कर सकें और समर्थन जुटा सकें। पुराने धुरंधरों में 2004-05 के प्रेसीडेंट प्रशांत पटेल, 2006-07 के जनरल सेक्रेट्री हरविंदर यादव, लास्ट ईयर एबीवीपी के टिकट पर जीत चुकी आरयू की पुस्तकालय मंत्री मोहिनी पाठक, ओमकार पटेल ने डिप्लोमा इन फोटोग्राफी में एडमिशन लिया है। वहीं नए स्टूडेंट्स लीडर्स में अरूण यादव ने डिप्लोमा इन प्रोफेशनल बायोटेक्नोलॉजी, रजत मिश्रा ने फोटोग्राफी और धूपेंद्र जायसवाल ने जर्नलिज्म में एडमिशन लिया है।
महेंद्र यादव ने फिर लिया एडमिशन
कॉलेज ने एडमिशन में किस तरह सारे नियम और कानून की धज्जियां उड़ाई हैं, महेंद्र यादव का एडमिशन इसकी एक सशक्त नजीर है। बीकॉम में हुआ फर्जी एडमिशन कैंसिल होने के बाद कॉलेज ने उसको डिप्लोमा इन फोटोग्राफी में एडमिशन दे दिया है। कॉलेज ने एडमिशन देने के बाद उसकी सारी गल्तियों को न केवल माफ कर दिया है बल्कि एक तरह से उसे सम्मानित करने का काम किया है। जबकि कायदे से उसे कॉलेज से बाहर कर ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए। महेंद्र पर फर्जी एडमिशन लेने और टीचर के साथ अभद्रता करने के आरोप में एफआईआर भी दर्ज है। बावजूद इसके रसूख के चलते कॉलेज ने सारे नियम व कानून को बौना साबित कर दिया। उसे एडमिशन देकर न केवल उपकृत किया है बल्कि गेस्ट हाउस में रहने की परमीशन भी दी है।
डॉ। वंदना से की थी अभद्रता
महेंद्र यादव ने प्रिंसिपल ऑफिस में डॉ। वंदना शर्मा के साथ अभद्र व्यवहार और अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। जिस पर कॉलेज में काफी हंगामा भी मचा। वहीं इससे पहले भी वह डॉ। एसके बैजल के साथ भी अभद्र व्यवहार और भाषा का प्रयोग कर चुका है। डॉ। वंदना ने उसके खिलाफ बारादरी थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई थी। लेकिन इस सब के बावजूद कॉलेज ने आंख मूंद कर शिक्षा के मंदिर में ऐसे स्टूडेंट्स लीडर्स को पनाह दी जिसके लिए टीचर्स के सम्मान के कोई मायने ही नहीं हैं।
अभी और भी हैं लाइन में
सोर्सेज की बात करें तो डिप्लोमा कोर्सेज में एडमशिन के लिए अभी और स्टूडेंट्स लीडर्स लाइन में लगे हुए हैं। 14 तक जो फीस जमा कर देगा वो वोटर्स लिस्ट में शामिल हो जाएगा.साथ ही 15 को नॉमिनेशन भी होना है। इसके अलावा दूसरे कोर्सेज जैसे बीलिब में भी स्टूडेंट्स लीडर्स ने एडमिशन लिया है।
Report by-Abhishek Singh