दीपावली पर अपने पेट्स को आतिशबाजी व धमाकेदार बमों से रखें दूर
पेटलवर्स की लापरवाही से ज्यादातर पेट्स स्ट्रेस और ट्रॉमा का बनते हैं शिकार
BAREILLY: रोशनी, उल्लास और उमंग का त्यौहार दीपावली। परिवार के हर सदस्य का इसे मनाने को लेकर अपनी भागीदारी। बुजुर्ग सलाह देने में और बड़े खरीददारी में बिजी। जवान घर की सजावट से लेकर नए सामान की खरीद में आइडिया देने में बिजी। बचे बच्चे, तो उन्हें भी अपने पटाखों का स्टॉक बढ़ाने से फुरसत नहीं। पूरा परिवार पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ इसे सेलीब्रेट करने में व्यस्त। लेकिन कोई छूट तो नहीं रहा। वो भी तो परिवार का अहम हिस्सा है। पिछले कई साल साथ रहते हुए उसके बिना अब परिवार अधूरा सा लगता है। वो जो आपको और आपके परिवार में सबको अजीज है, आपके प्यारे पेट्स। क्या उसके लिए भी यह दीपावली इतनी ही खूबसूरत है या कहीं यह त्यौहार उसके लिए दहशत साबित होने जा रहा।
ताकि पेट्स को न हो स्ट्रेस
इकोफ्रेंडली दीपावली का नारा बुलंद होने के बावजूद इस साल भी आतिशबाजी का दौर कम न होगा। रोशनी के त्यौहार में तेज धमाके वाले पटाखे ही दीपावली की पहचान बन चुके हैं। ऐसे में बमों के यह धमाके आपके प्यारे पेट्स के लिए किसी ट्रॉमा से कम नहीं। दीपावली में तेज धमाके वाले पटाखों से पेट्स बुरी तरह डर जाते हैं और स्ट्रेस में आ जाते हैं। ऐसे में दीपावली से एक दिन पहले से लेकर अगले कुछ दिन तक ज्यादातर पेट्स खाना पीना छोड़ देते हैं। ऐसे में अपने पेट्स को घर के अंदरूनी हिस्से में रखे, जहां पटाखों का शोर बेहद या न हो। साथ ही पटाखे छुड़ाते समय पेट्स से पूरी दूरी बनाकर रखें।
बचाएं तेज रोशनी व धुएं से
पेट्स की विजिबिलिटी इंसान के मुकाबले कम होती है। ऐसे में दीपावली पर आतिशबाजी के दौरान रोशनी वाले पटाखों के मुकाबले तेज आवाज वाले बम व पटाखे पेट्स के लिए ज्यादा खतरनाक होते हैं। इसके बावजूद एक्सेसिव रोशनी और धुएं वाले पटाखे भी पेट्स के लिए बेहद खतरनाक हैं। माहौल में जले हुए बारूद का धुआं घुल जाने से पेट्स को भी सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की प्रॉब्लम होती है। इसके अलावा पटाखा जलने के बाद जमीन पर पड़ा जला हुआ बारूद भी पेट्स के लिए बेहद खतरनाक होता है। पेट्स के इसे सूंघने या गलती से चाटने से उन्हें पेट की तकलीफ होती है। उनके जलने का भी डर बना रहता है। पटाखे का बारूद टॉक्सिक होने के चलते पेट्स के लिए कई बीमारी की वजह बनता है।
एंटी स्ट्रेस मेडिकेशन फायदेमंद
दीपावली पर पटाखे और तेज रोशनी देखकर ज्यादातर पेट्स कांपने लगते हैं। उनकी आंखों और हाव-भाव देखकर ही उनके स्ट्रेस में या ट्रॉमा में होने का पता चल जाता है। ऐसे में पेटओनर्स को उन्हें न सिर्फ पटाखों के शोर से दूर रखना चाहिए, बल्कि उन्हें प्यार व दुलार से सुरक्षित होने का अहसास भी दिलाना चाहिए। पेट एक्सपर्ट इसके अलावा पेट्स को एंटी स्ट्रेस मेडिकेशन दिए जाने की भी सलाह देते हैं। दूध, पानी या खाने में मिलाकर यह पिल्स देने से पेट्स हलकी नींद में रहते हैं। साथ ही स्ट्रेस से रिकवरी करने में भी उन्हें मदद ि1मलती है।
ज्यादातर पेटओनर्स लापरवाह
बरेली में ज्यादातर पेटलवर्स के यहां डॉगी, बिल्ली, खरगोश, बर्ड्स व कछुए पले हुए हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके बावजूद सारे पेट्स में 98 फीसदी तादाद सिर्फ डॉगीज की है। इसके बाद पालतू बिल्ली, खरगोश, कछुए व बर्ड्स का नं। है। बरेली में अनुमान के मुताबिक पेटओनर्स की तादाद क्0 हजार से ज्यादा है। लेकिन अपने प्यारे पेट्स की केयरिंग, फीडिंग व सेफ्टी से जुड़ी अहम बातों में आधे से ज्यादा पेटओनर्स लापरवाह हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक दीपावली के त्यौहार में बिजी ज्यादातर पेटओनर्स अपने पालतू की परेशानी और तकलीफ से बेपरवाह रहते हैं। यंग पेटओनर्स इस मामले में खासकर लापरवाह साबित रहे हैं। पटाखों के डर से कई बार खुले पेट्स बाहर रोड में दौड़ लगा देते हैं और एक्सीडेंट्स के शिकार भी बनते हैं।
इसका जरूर रखें ध्यान
- दीपावली पर अपने पेट्स को घर के सबसे अंदरूनी कमरे में रखे
- पेट्स से पूरी दूरी बनाकर ही पटाखे जलाएं।
- पेट्स के कांपने, डरने या एबनॉर्मल बिहेव में उसे प्यार से सेफ होने का अहसास कराएं।
- पटाखे जलाने से पहले पेट्स को एंटी स्ट्रेस पिल्स दें। इससे उन्हें राहत मिलेगी।
- पटाखे जलाने के बाद जगह को ठीक से जरूर साफ कर दें।
दीपावली पर पेट्स बेहद सेंसेटिव हो जाते हैं। तेज धमाकों वाले पटाखों से उन्हें स्ट्रेस होता है। पेटओनर्स उन्हें घर में शोर शराबे से दूर सेफ रखें। पटाखे जलाने के बाद जगह को ठीक से धो दें। पेट्स को प्यार करें और उनके लिए संवेदनशील रहे।
- डॉ। अभय तिलक, पेट एक्सपर्ट