- करेक्शन और स्क्रूटनी के नाम पर फर्जीवाड़े का गोरखधंधा

- बाबू कर रहे कॉपियां निकालकर नंबर बढ़ाने का दावा

BAREILLY: इन दिनों यूपी बोर्ड के रीजनल ऑफिस में स्क्रूटनी और करेक्शन के नाम पर वसूली का खेल जोरों पर चल रहा है। बोर्ड के कर्मचारी स्टूडेंट्स से नाम, स्कूल और रोल नंबर करेक्शन के नाम पर खुलेआम धन उगाही कर रहे हैं। स्टूडेंट्स ने बताया कि कर्मचारियों ने इसके लिए बाकायदा रेट तय कर रखा है। उधर, इस पूरे मामले पर विभागीय अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

हर काम के अलग-अलग रेट

बोर्ड ऑफिस में थर्सडे को हाईस्कूल पास एक छात्रा के भाई ने बताया कि मार्कशीट में साइंस का नंबर चढ़ाने के लिए एक अधिकारी के अर्दली ने 7,00 रुपए की डिमांड की थी। मामला भ्,00 में तय हुआ। छात्रा को साइंस में अबसेंट कर दिया गया था। स्क्रूटनी आवेदन के लिए बोर्ड ऑफिस पहुंचे एक स्टूडेंट ने बताया कि विभाग के कर्मचारी नंबर बढ़ाने का खुलेआम दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि करेक्शन के दौरान मार्कशीट में नंबर बढ़ा दिया जाएगा। बता दें कि स्क्रूटनी के लिए आवेदन रजिस्ट्री डाक से किए जाने का प्रावधान है, लेकिन इन दिनों बोर्ड के कर्मचारी करेक्शन फार्म ऑफिस में हाथोंहाथ लेकर प्रॉब्लम सॉल्व करने का दावा कर रहे हैं।

सवाल पर कर्मचारी कर रहे हमला

आईनेक्स्ट की टीम जब इस गोलमाल की तहकीकात करने विभाग पहुंची तो कर्मचारियों ने उसके साथ बदसलूकी की। स्टूडेंट्स द्वारा धन उगाही की शिकायत और बेतरतीब तरीके से कार्यालय के बाहर फेंके गए प्रमाण पत्रों, आवश्यक अभिलेखों के बाबत जब कर्मचारियों से पूछा गया तो वे हाथापाई पर उतर आए। ऑफिस में हाईस्कूल परीक्षा विभाग के एक सीनियर कर्मचारी और यूनियन अध्यक्ष ने रिपोर्टर से बदसलूकी की और फोटोग्राफी का विरोध करते हुए कैमरे पर भी हमला बोल दिया। कर्मचारी के समर्थन में विभाग के कुछ और कर्मचारी भी आ गए।

नहीं रहा विभाग का गोपनीय दायरा

कहने को यूपी बोर्ड का रीजनल ऑफिस पूरी तरह गोपनीय कामों के लिए जाना जाता है, लेकिन ऑफिस के परीक्षा व अंकपत्र अनुभाग में बिना किसी रोकटोक लोग आसानी घुस रहे हैं। कार्यालय के अलग-अलग अनुभागों में हर समय बाहरी तत्वों की भीड़ देखी जा सकती है।

मेरा इंटरमीडिएट में मैथ्स को छोड़कर अन्य सब्जेक्ट्स में 8क् परसेंट मा‌र्क्स का रेशियो है। मैथ्स में मात्र म्0 नंबर है। मेरे सहयोगियों का नंबर भी इसी तरह से है। हमने जब इसकी शिकायत अंकपत्र अनुभाग और परीक्षा विभाग में की तो इसके लिए पैसा खर्च करने की बात कही गई।

- राकेश कुमार, स्टूडेंट इंटरमीडिएट

मेरे अन्य सब्जेक्ट्स में डिक्टेंशन हैं, लेकिन मैथ्स में मात्र भ्ख् नंबर है। बोर्ड कर्मचारियों के यहां पैसे का ऑफर न दिए जाने के कारण मुझे स्क्रूटनी न डालने का सुझाव दिया गया, जबकि मेरे कुछ साथियों से हजारों रुपए लेकर मार्कशीट में नंबर बढ़ाने का आश्वासन दिया गया है।

- शिवम गंगवार, स्टूडेंट इंटरमीडिएट

मैं बदायूं से अपने भाई के हाईस्कूल की मार्कशीट में नंबर चढ़वाने के लिए यहां आया था। कर्मचारियों ने काम जल्द करने के नाम पर दो हजार रुपए की मांग की। रुपए न देने पर उन्होंने कहा कि इंतजार करो।

- रोहित उपाध्याय, स्टूडेंट

मुझे मार्कशीट में करेक्शन के लिए काफी दिनों से दौड़ाया जा रहा है। वहीं एक स्टूडेंट्स से नंबर बढ़ाने के लिए प्रति नंबर एक हजार रुपए की डील अंकपत्र विभाग के कर्मचारी कर रहे थे।

- सुनील कुमार वर्मा, स्टूडेंट

स्टूडेंट से पैसे वसूलने की शिकायत मुझे नहीं मिली है। अगर ऐसी कोई बात है तो स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स हमसे संपर्क करें। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

- संजय उपाध्याय, रीजनल सेक्रेटरी बरेली

मामला गंभीर है। स्टूडेंट्स का उत्पीड़न किसी तरह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराई जाएगी।

- संजय कुमार डीएम, बरेली।

कर्मचारियों की झांसे में स्टूडेंट्स न आएं। मार्कशीट में कोडिंग सिस्टम लागू है और किसी तरह नंबर नहीं बढ़ाए जा सकते। इस मामले की जांच होगी। अगर कोई कर्मचारी पैसे लेते पकड़ा जाएगा तो उसे जेल भेजा जाएगा।

- के रविंद्र नायक कमिश्नर बरेली रीजन।