बासी खाना, कॉन्टानिमेटेड वॉटर और खराब हायजिन बनी समर डायरिया की वजह

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में बढ़ने लगी उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या

टेंप्रेचर बढ़ने के साथ बढ़ेगा खतरा, कमजोर इम्यूनिटी से बच्चे बन रहे ज्यादा शिकार

BAREILLY:

स्वाइन फ्लू के खौफ से शहर अभी ठीक से उबर भी नहीं सका कि डायरिया डराने लगा है। अचानक बारिश और फिर चटख धूप के साथ बढ़ती गर्मी से अचानक ही उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गई है.अप्रैल के साथ ही शुरू होने वाली इस बीमारी को मेडिकल साइंस में समर डायरिया का नाम दिया गया है। जो बासी खाना, खराब व कॉन्टामिनेटेड पानी और पुअर हायजिन के चलते तेजी से फैलता है। शहर के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में पिछले एक हफ्ते में समर डायरिया के मरीजों में तेजी से इजाफा हुआ है। इस बीमारी में लापरवाही जान पर भारी तक पड़ जाती है।

तेजी से बढ़ेगा बैक्टिरियल इंफेक्शन

डायरिया भी कई तरह की बीमारियां होती हैं। लेकिन ठंड खत्म होने और गर्मी शुरू होने पर होने वाली डायरिया बैक्टिरियल इंफेक्शन के चलते होती है। समर डायरिया बीमारी खासकर सिजेला व साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होती है। जो माहौल में गर्मी बढ़ने व नमी की मौजूदगी में तेजी से पनपते हैं। यह बैक्टीरिया ही शरीर में आंतों में इंफेक्शन फैलाते हैं। जिससे एक्यूट गैस्ट्रोइंट्रायटिस की परेशानी उभरती है। डॉक्टर्स ने चेताया है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही डायरिया का प्रकोप खतरनाक हो जाता है।

बच्चे बन रहे आसान शिकार

समर डायरिया की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं। बच्चों की इम्यूनिटी बेहद कमजोर होना ही इसकी सबसे बड़ी वजह है। नवजात से लेकर क्0 साल के उम्र के बच्चे इस बीमारी के तेजी से शिकार बन रहे हैं। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में फिजिशियन के पास आ रहे केसेज में रोजाना क्0 से क्ख् केसेज डायरिया के हैं। जिनमें ज्यादातर बच्चे ही हैं। वहीं निजी क्लिनिक व हॉस्पिटल में भी डायरिया के शिकार बच्चों का ग्राफ बढ़ गया है। दो दिन पहले शहर के एक निजी अस्पताल में डायरिया से पीडि़त नवजात बच्चे की ही इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

बचा खाना, कटे फल से सावधान

सर्दियों में अक्सर बचा खाना अगले दिन भी आराम से खाने लायक रहता है। लेकिन गर्मियों में मामला बिल्कुल उलट है। खाना बच जाने पर अगर उसे ठीक से प्रिजर्व नहीं रखा या ज्यादा दिनों तक स्टोर किया तो वह खराब हो जाता है। यह बासी खाना बैक्टिरियल इंफेक्शन से डायरिया की वजह बन रही। इसी तरह गर्मियां शुरु होते ही खुले में रखे कटे फल भी बैक्टीरिया के चलते इंफेक्ट होकर इस बीमारी के फैलने की बड़ी वजह बनती है। मक्खियां इस बीमारी को फैलाने का बड़ा जि1रया हैं।

डायरिया के लक्षण

उल्टी, दस्त, पेट में मरोड़, शरीर में पानी की कमी हो जाना, सीवियर डायरिया होने पर पेशाब भी बंद हो जाना।

बचाव के उपाय

क्- बचा हुआ खाना ठीक से फ्रीजर में ही प्रिजर्व कर रखे।

ख्- उतना ही खाना पकाएं जितना उसी समय कंज्यूम हो, बचा खाना रखना न पड़े।

फ्- खाने से पहले उसे सूंघ ले, बदबू आने पर बिल्कुल भी न खाएं।

ब्- बाजार में खुले में रखे कटे फल न खाएं। ताजे कटे फल धोकर ही खाएं।

भ्- खाने से पहले हाथ ठीक से धोने के बाद ही खाएं।

म्- प्यूरीफायर का साफ पानी ही पीएं। आरओ न होने पर उबालकर पानी पीएं

7- खाने-पीने में पुअर हायजिन से बचें।

डायरिया में यह करें

-लगातार ओआरएस का घोल पिलाते रहे। जिससे शरीर में पानी की कमी न हो।

- बच्चों को बिना देरी किए डॉक्टर्स के पास ले जाएं। घरेलू इलाज न करें।

- बच्चों के खानपान पर ध्यान रखें। अच्छी हायजिन की आदत डलवाएं।

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कमजोर इम्यूनिटी के चलते बच्चे समर डायरिया का आसान शिकार बनते हैं। बचा खाना, पुअर हायजिन व खराब पानी से बचे। खाना बचा हो तो ठीक से प्रिजर्व रखे। गर्मी बढ़ने से डायरिया का खतरा बढ़ेगा। - डॉ। जेके भाटिया, फिजिशियन

मौसम में गर्मी बढ़ते ही समर डायरिया के केसेज बढ़ गए हैं। ऐसे में सफाई व सावधानी ही इस बीमारी से बचाव का बेहतर तरीका है। बासी खाना व बाजार में कटे फल न खाएं। मरीज को लगातार ओआरएस का घोल पिलाएं। - डॉ। अजय मोहन अग्रवाल, फिजिशियन