एसएचओ कोतवाली, चौकी इंचार्ज चौकी चौराहा और बैरियर वन लाइन हाजिर

एसएचओ कैंट को एक सप्ताह की मोहलत, डकैती न खुलने पर होगा एक्शन

कई अन्य थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज पर गिर सकती है गाज

BAREILLY: डीजीपी के नाराजगी भरे लेटर के बाद एसएसपी धर्मवीर यादव एक्शन मोड में आ गए हैं। नकटिया चौकी इंचार्ज जेपी यादव को सस्पेंड करने के बाद उन्होंने एसएचओ कोतवाली शक्ति सिंह, चौकी इंचार्ज चौकी चौराहा अमित कुमार और चौकी इंचार्ज बैरियर वन सलाउद्दीन को थर्सडे लाइन हाजिर कर दिया। एसएसपी ने एसएचओ कैंट रामवीर यादव को भी एक सप्ताह का समय दिया है। यदि डकैती नहीं खुली तो उन्हें भी हटा दिया जाएगा। एसएसपी के निशाने पर डिस्ट्रिक्ट के चार से पांच थाना प्रभारी और हैं जिन पर भी जल्द गाज गिरनी तय है।

इमेज नहीं होने देंगे खराब

एसएसपी धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि पब्लिक से पुलिस का भरोसा कतई नहीं उठने दिया जाएगा। पुलिस की इमेज खराब होने से उनकी भी इमेज खराब हो रही है। कई थाना प्रभारी और चौकी इंचार्ज मनमानी करने लगे थे। इसके चलते एक्शन लेना जरूरी हो गया है। अब लापरवाही बरतने वाले किसी भी थाना प्रभारी व चौकी इंचार्ज को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने एसएचओ शक्ति सिंह और चौकी इंचार्ज अमित कुमार पर दूसरे राज्य से आरोपी को पकड़कर जेल भेजने और पकड़े आरोपी को छोड़ने के मामले में काफी नाराजगी जताते हुए एक्शन लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि एसआई सलाउद्दीन की भी लगातार गोकशी कराने की शिकायतें मिल रही थीं। डीआईजी की टीम ने छापेमारी की, जिसमें गोकशी होते पकड़ी गई। इसके चलते उन्हें भी हटा दिया गया है।

एसएचओ कोतवाली ने किया यह खेल

एसएचओ कोतवाली ने अशोका फोम के मालिक अशोक गोयल की ओर से कोलकाता के आस्था इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर अवनीश शुक्ला और आनंद शुक्ला व अनिल शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज थी। इन तीनों पर अशोक गोयल ने आरोप लगाया था कि इन्होंने कंपनी का सामान बेचने के बाद लाखों की रकम हड़प ली। यही नहीं जान से मारने की धमकी भी दी। कोतवाली में क्8 फरवरी को आईपीसी की धारा ब्09, भ्0ब् और भ्0म् में एफआईआर दजर्1 की गई।

दूसरे राज्य में जाने की नहीं ली परमीशन

केस की जांच चौकी इंचार्ज चौकी चौराहा अमित कुमार को दी गई। ख्8 फरवरी को एसएचओ ने जांच एसआई प्रशांत कुमार को दी। लेकिन क्8 अप्रैल को एसएचओ के कहने पर एसआई अमित कुमार कोलकाता गए और अवनीश शुक्ला को गिरफ्तार कर बरेली लाए और जेल भेज दिया। अवनीश को पुलिस हवाई जहाज से लेकर आई। यही नहीं दूसरे राज्य में जाने के लिए डीआईजी और एसएसपी से परमीशन लेनी होती है लेकिन एसएसपी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। इसके अलावा वेडनसडे को बीसीबी के समाने अपहरण के प्रयास के आरोपी नदीम को एसएचओ ने छोड़ दिया। जबकि दो आरोपियों को जेल भेज दिया। एसएसपी ने दोनों मामलों की सीओ से रिपोर्ट भी मांगी है।

आसान नहीं है कोतवाली की थानेदारी

कोतवाली की थानेदारी आसान नहीं है। पिछले कुछ वर्षो का रिकॉर्ड पर नजर डालें तो कोई भी कोतवाल बिना लाइन हाजिर या सस्पेंड हुए नहीं हटा है। एसएचओ शक्ति सिंह तो दूसरी बार कोतवाली से लाइन हाजिर हुए हैं। इससे पहले उन्हें उत्तराखंड पुलिस की सूचना लीक करने के चलते हटाया गया था। शक्ति सिंह से पहले अनिल समानिया, मोहम्मद बाबर, देवेश सिंह, शक्ति सिंह, राजा सिंह, वीरेंद्र सिंह व अन्य को भी लाइन हाजिर या सस्पेंड किया गया था। ऐसे में देखना होगा कि अब अगला कोतवाल कौन बनेगा और वह किस तरह से कोतवाली चलाएंगे।