बरेली(ब्यूरो)। मन में आस्था, चेहरे पर उल्लास और जुबां पर हर-हर गंगे कहते हुए श्रद्धालुओं ने पावन पर्व गंगा दशहरे पर सूर्योदय की लालिमा के बीच रामगंगा में स्नान किया। सुबह से हस्त नक्षत्र लगने पर श्रद्धालुओं में स्नान करने वालों की गंगा घाट पर भीड़ दिखी। मान्यता के अनुरूप भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया और फिर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर परिवार में सुख शांति के साथ जनमानस के कल्याण के लिए कामना की।
जगह-जगह हुआ भंडारा
गुरुवार को सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालुओं ने स्नान के लिए रामगंगा पहुंचना शुरू कर दिया था। रामगंगा में जल स्तर कम होने की वजह से भक्त ठीक से डुबकी भी नहीं लगा सके। श्रद्धालुओं ने पूजा पाठ कर पं। से संकल्प कराने के बाद भोजन, दही-जलेबी, वस्त्र आदि का दान कर पुण्य कमाया। वहीं गंगा दशहरा के उपलक्ष्य में लोगों ने जगह-जगह ठंडा पानी, शरबत और खाना आदि का वितरण भी किया। मान्यता है कि इस दिन पुण्य करने से अधिक लाभ मिलता है। गंगा दशहरा पर रामगंगा चौबारी घाट, फरीदपुर के पढ़ेरा घाट, मीरगंज के गोरा घाट के साथ फतेजगंज पूर्वी और पश्चिमी में भी गंगा दशहरा के उपलक्ष्य में स्नान दान का सिलसिला चलता रहा।
यह है मान्यता
वेद पुराण के अनुसार भगवान राम के वंशज पूर्व राजा भागीरथ ने कठिन तपस्या ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर उतारा था। गंगा का वेग संभालने के लिए भगवान शिव की तपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया। भगवान शिव अपनी जटाएं फैलाकर खड़े हो गए और ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से गंगा को पृथ्वी पर आने के लिए छोड़ दिया। गंगा की प्रमुख धारा भागीरथी है, जो हिमालय के गोमुख नामक स्थान पर गंगोत्री हिमनद से निकलती है। पापों से मुक्ति पाने का सबसे च्च्छा अवसर गंगा दशहरा का दिन माना जाता है। मान्यता है कि गंगा दशहरा दिन दस पापों से मुक्ति मिलती है। इस लिए इस दिन को गंगा दशहरा कहा जाता है।
वृषभ राशि में पहुंचे सूर्य देव और बुध ग्रह
गंगा दशहरा विशेष संयोग को संजोए हुए हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति बेहद शुभ रहने वाली है। इस दिन चार शुभ संयोग का निर्माण हुआ जो कि पूजा पाठ के लिए बेहद ही मंगलकारी माने जाते हैं। इस दिन सूर्य देव और बुध ग्रह वृषभ राशि में मौजूद रहेंगे। जिस कारण बुधादित्य योग बना। साथ ही इस दिन रवि योग का भी शुभ संयोग बना है। इसके साथ ही इस दिन हस्त नक्षत्र भी व्याप्त है। इसके अलावा व्यतिपात योग का भी बना। हस्त नक्षत्र में मां गंगा का अवतरण हुआ था। ऐसे में गंगा दशहरा के दिन यह योग बनना अत्यंत शुभ माना जा रहा है।