बरेली (ब्यूरो)। बारिश का मौसम अभी शुरू ही हुआ है लेकिन डेंगू का डंक अभी से तेज होने लगा है। विभाग के इस वर्ष के आंकड़ों पर ही गौर करें तो जनवरी से दस जुलाई तक इस 23 मरीज मिल चुके हैं। वहीं बीते वर्ष 2020 के बाद से डेंगू के केसेस में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। वर्ष 2023 में ही डेंगू के केसेस की संख्या जिले में 1065 तक पहुंच गई थी। जबकि शासन ने जिला मलेरिया डिपार्टमेंट के सहयोग के लिए 13 अन्य सहयोगी डिपार्टमेंट को भी डेंगू से जंग लडऩे के लिए लगाया है। लेकिन ये मच्छर इतना अधिक असरदार हो चुका है कि ये तो दर्जन भर से अधिक विभागों को हर साल हरा देता है। यही कारण है कि साल दर साल डेंगू केसेस का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।

इस तरह बढ़ा आंकड़ा
वर्ष 2020 में डेंगू के जिले में सिर्फ 8 केसेस थे। जो डेंगू से संक्रमित हुए थे। वर्ष 2021 में अचानक डेंगू का डंक बढ़ा और डेंगू की केसेस की संख्या 595 तक पहुंच गई। वर्ष 2022 में डेंगू के कसेेस की संख्या थोड़ी कंट्रोल हुई और डेंगू के केसेस की संख्या 474 तक पहुंची। लेकिन वर्ष 2023 में यही डेंगू केसेस की संख्या अचानक 1065 तक पहुंच गई। यानि कहा जाए अब तक डेंगू के रिकार्ड पेशेंट्स वर्ष 2023 में मिले। इतने पेशेंट डेंगू के पिछले वर्षो में कभी नहीं मिले। हालांकि इससे अलर्ट होकर जिला अस्पताल का मलेरिया डिपार्टमेंट अपने सहयोगी 13 डिपार्टमेंट के साथ डेंगू को कंट्रोल करने के लिए अभी से प्रयास कर रहा है। ताकि इससे लोगों को नुकसान न होने पाए।

ये होते हैं संचारी रोग
-मलेरिया
-टायफाइड
-चेचक
-इन्फ्लूएंजा
-डेंगू
-डायरिया
-हैजा
-हेपेटाइटिस ए
-हेपेटाइटिस बी
-हेपेटाइटिस सी
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ये चलाए जा रहे अभियान
11-से 31 जुलाई तक चलेगा दस्तक अभियान
1-से 31 जुलाई तक चलेगा संचारी रोग अभियान
13-विभाग मलेरिया डिपार्टमेंट के साथ मिलकर करते हैं सहयोग

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डेंगू मलेरिया डिपार्टमेंट में स्टॉफ का स्थित
पद स्वीकृति तैनात
जिला मलेरिया अधिकारी 01 01
स। मलेरिया अधिकारी 02 02
वरिष्ठ मलेरिया इंस्पेक्टर 01 01
मलेरिया इंस्पेक्टर 02 06
सीनियर फील्ड वर्कर 02 00
लैब टेक्निशियन 16 03
हेल्थ वर्कर 181 15
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पांच वर्षो में डेंगू के मिले रोगी
8-मरीज मिले वर्ष 2020 में
595-मरीज मिले थे वर्ष 2021 में
474-मरीज मिले थे वर्ष 2022 में
1065-मरीज मिले थे वर्ष 2023 में
23-मरीज मिले 10 जुलाई 2024 तक

स्वीकृत 16 पद हैं तैनात सिर्फ 3
मलेरिया की जांच के लिए सभी सीएचसी पर एक-एक पद लैब टेक्निशियन का पद है। इस तरह जिले में 16 एलटी तैनात होना चाहिए। जबकि वर्तमान में महज 3 एलटी ही तैनात हैं। ऐसे में स्लाइड बनाकर मलेरिया जांच की जांच कैसे होगी। खास बात यह है कि एक एलटी डेली औसतन 40-50 जांच की स्लाइड की ही जांच कर सकता है। जबकि मलेरिया प्रभावित एरिया में डेली 200-300 लोगों की जांच करने की जरूरत है।

इन एरिया में हुआ डेंगू हमलावर
जिला में अब तक मलेरिया के लिए ही अतिसंवेदनशील माना जाता था। लेकिन बीते तीन साल से डेंगू भी हमलावर हो गया है। बीते साल डेंगू मरीजों की संख्या एक हजार से अधिक हो गई थी। जो अब तक मरीजों की सबसे अधिक संख्या है। जिले के शेरगढ़ में आकलाबाद, आनंदपुर, बकैनिया, बंडिया, चदाह भगवतीपुर, बहेड़ी में गिरधरपुर, इस्लामनगर, जाम, भोजीपुरा, में आलमपुर, गजरौला, बालपुर, अहमदपुर डेंगू प्रभावित एरिया हैं। वहीं शहर में इज्जतनगर, बानखाना, गंगापुर, सुभाषनगर और सिविल लाइंस में डेंगू मरीजों की संख्या अधिक रही।


ये डिपार्टमेंट मिलकर लड़ते हैं डेंगू और मलेरिया से जंग
नगर निगम: शहरी एरिया में साफ सफाई, एंटी लार्वा छिडक़ाव, फागिंग आदि का काम कराता है
-पंचायती राज ग्रामीण विभाग: देहात एरिया में साफ-सफाई, एंटी लार्वा छिडक़ाव, फागिंग आदि का काम कराता है
-बेसिक शिक्षा विभाग: ये विभाग क्लास एक से आठवीं तक के स्कूल में आने वाले बच्चों को डेंगू मलेरिया और संचारी रोग से बचाने को अवेयर करता है। उनके पेरेंट्स और स्कूल स्तर की कमेटी को भी अवेयर करता है।
-माध्यमिक शिक्षा विभाग: ये विभाग क्लास नौ से 12वीं तक के स्कूल में आने वाले बच्चों को डेंगू मलेरिया और संचारी रोग से बचाने को अवेयर करता है। उनके पेरेंट्स और स्कूल स्तर की कमेटी को भी अवेयर करता है।
-कृषि रक्षा विभाग: किसानों को अवेयर करके बताता है कि फसल में जल जमाव ने होने दें और जल जमाव होता है तो उसमें मच्छरों का लार्वा न पनपे अगर लार्वा है तो उसे कैसे पहचाने और उसे नष्ट कैसे करें।
-आईसीडीएस विभाग: इस डिपार्टमेंट से आंगनबाड़ी आशा वर्कर लोगों को डोर-टू-डोर जाकर लोगों को अवेयर करती है। स्क्रीनिंग करती हैं लक्षण दिखाई देने पर जांच के लिए हॉस्पिटल भेजती हैं और उन्हें सावधानी बरतने के लिए बताती हैं
-पशु चिकित्सा विभाग: पशु चिकित्सा विभाग पशु पालकों को खासकर सूकर पालकों को बताता है कि वह आबादी से दूर पालन करें। क्योंकि इससे संक्रामक रोग फैल सकता है। बाड़े को ढककर रखने को आगाह करता है।
-जल निगम: सभी को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के साथ शुद्ध पानी पीने के लिए भी अवेयर करता है। बताता है कि शुद्ध पेयजल नहीं पीएंगे तो इससे बीमारी फैल सकती है।
-सिंचाई विभाग: नहर या फिर किनारों आदि में कर्मचारियों को निर्देश दें कि कहीं पर अनियंत्रित पानी एकत्र न होने पाए।
-सूचना विभाग: कोई भी सूचना जनहित के लिए प्रसारित करने लोगों तक पहुंचाने के लिए माध्यमों को प्रयोग करना सूचना विभाग को दिया गया है। ताकि वह लोगों तक सूचना पहुंचा सके।
-दिव्यांग कल्याण विभाग: दिमागी बुखार और संक्रमक रोग आदि से अगर कोई दिव्यांग होता है तो उसके लिए दिव्यांग कल्याण विभाग उसके लिए उपकरण आदि मुहैया कराता है।
-उद्यान विभाग: मच्छरों से बचाव के लिए कहीं पर भी नर्सरी आदि में पानी एकत्र न होने दें। इसके साथ ही मच्छरों को भगाने वाले पौधे रोपने के लिए लोगों को अवेयर करें। इसमें तुलसी, गेंदा और लेमन ग्रास आदि।
-खाद्य एवं औषधि विभाग: रेस्टोरेंट, होटल्स आदि में खाने पीने के सामान के पास गंदगी न होने दें कोई भी खाने पीने का सामान खुले में बेंचता पाया जाता है तो उसे रोकना एवं कार्रवाई करना है।

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डेंगू और संचारी रोग अभियान के साथ दस्तक अभियान की भी शुरूआत हो गई है। जिले में दस्तक अभियान के तहत आशा और आंगनबाड़ी वर्कर घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर पता करेंगी कि कोई मलेरिया या डेंगू से पीडि़त तो नहीं है। घर में या आसपास कहीं लार्वा पनप रहा है तो उसकी भी जांच करेंगी। इसकी डेली ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी की जा रही है। इसी तरह संचारी रोग के लिए भी टीमें काम कर रही हैं।
डॉ। सतेन्द्र सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी, बरेली