- जिला महिला अस्पताल में पिछले साल की तुलना में घटा डिलीवरी का रेश्यो
- सीजर और नार्मल डिलीवरी दोनों में ही आई भारी गिरावट
बरेली : कोरोना का प्रकोप अभी थमा नहीं है, हालांकि अब कम ही पेशेंट्स में कोरोना की पुष्टि हो रही है लेकिन मार्च से शुरु हुआ कोरोना के प्रकोप ने कई व्यवस्थाओं को प्रभावित किया, जिसका असर जिला महिला अस्पताल पर नजर आया। यहां पिछले साल की तुलना में करीब 50 फीसदी कम डिलीवरी हुई, जो कि पिछले कई सालों की तुलना में काफी कम आंकड़ा है।
इतना घटा डिलीवरी का रेश्यो
प्रबंधन के अनुसार वर्ष 2019 अप्रैल माह से 31 मार्च 2020 तक कुल डिलीवरी 5551 हुई जिसमें 4206 नार्मल तो वहीं 1345 डिलीवरी, सीजर के माध्यम से हुई। वहीं वर्ष 2020 में एक अप्रैल से अब तक कुल 2810 डिलीवरी हुई जिसमें 2167 नार्मल डिलीवरी और 643 डिलीवरी ऑपरेशन के माध्यम से हुई हैं।
ये रही वजह
मार्च से कोरोना का प्रकोप जारी हुआ था तो इमरजेंसी सेवाओं के अलावा अन्य सभी सेवाओं को बंद कर दिया गया था, जिला महिला अस्पताल में भी इमरजेंसी में आने वाले पेशेंट्स एडमिट किए जा रहे थे, लेकिन कम ही संख्या में पेशेंट्स डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल पहुंचे जिस कारण पिछले साल की तुलना में डिलीवरी का रेश्यो 50 फीसदी के करीब घट गया।
नार्मल डिलीवरी पर जोर, परिवार नियोजन का पाठ
हॉस्पिटल प्रबंधन की माने तो अब एक पहल की शुरुआत की जा रही है जिसको लेकर बैठक भी हो चुकी है, हॉस्पिटल में डॉक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक नार्मल डिलीवरी पर जोर दिया जाए, अगर पेशेंट्स की हालत नार्मल डिलीवरी के लायक नहीं है तभी ऑपरेशन किया जाए। वहीं अगर किसी परिवार के दो से अधिक बच्चे हैं तो उन्हें डिलीवरी के दौरान परिवार नियोजन के साधन अपनाने के प्रति भी अवेयर किया जाए।
कोरोना के चलते डिलीवरी का ग्राफ कम रहा, हालांकि जो भी पेशेंट्स एडमिट हुए अधिकांश की सफल डिलीवरी कराई गई। नार्मल डिलीवरी पर जोर दिया जा रहा है। जिस बाबत सभी डॉक्टर्स को निर्देश भी दिए गए हैं।
डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस