इज्जतनगर से लापता शेरसिंह की हुई थी हत्या

परिजनों ने कपड़ों से की पहचान, 2 अक्टूबर को पीलीभीत में मिली थी लाश

थाना पुलिस के कार्रवाई न करने पर पहुंचे डीआईजी आफिस

BAREILLY: इज्जतनगर पुलिस ने दो महीने पहले गायब शेर सिंह की गुमशुदगी दर्ज कर अपना पल्ला झाड़ लिया। पुलिस ने उसकी तलाश की भी कोशिश नहीं की। नए साल से ठीक एक दिन पहले उसकी पहचान हुई तो परिजन हत्या की रिपोर्ट लिखाने थाना पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें भगा दिया। थर्सडे को सैकड़ों लोग डीआईजी आफिस में शिकायत लेकर पहुंचे। डीआईजी के न होने पर सभी कमिश्नर से मिले। कमिश्नर ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। शाम को परिजन एसपी सिटी से भी मिलने पहुंचे।

नौकरी दिलाने के बहाने ले गए थे

शेर सिंह, सहुआ इज्जतनगर का रहने वाला था। उसके परिवार में पत्‍‌नी मौनश्री और तीन बच्चे हैं। पत्‍‌नी मौनश्री का आरोप है कि क् नवम्बर ख्0क्ब् को गांव के ही जगपाल और सतेंद्र बिलसंडा में मोबाइल टावर पर नौकरी दिलाने के बहाने लेकर गए थे। सभी बुलेरो कार में बैठकर गए थे। दो दिन बाद जगपाल और उसके छोटे भाई पुष्पेंद्र ने बताया था कि शेरसिंह को उनके साथी प्रमोद उर्फ छोटू ने क्00 रुपये देकर घर वापस भेज दिया था। कई दिनों बाद भी जब शेरसिंह घर वापस नहीं पहुंचा तो उन्होंने जगपाल व अन्य से पूछताछ की लेकिन सभी कुछ न कुछ बहाना बनाते रहे। यही नहीं जगपाल परिजनों के साथ मिलकर इज्जतनगर थाना में शेरसिंह की गुमशुदगी भी दर्ज कराया था।

रंजिशन हत्या का आरोप

फ् नवम्बर ख्0क्ब् को पीलीभीत में सुनगढ़ी थाना एरिया में असम रोड के जंगलों में एक लावारिस लाश मिलने की सूचना परिजनों को दो दिन पहले मिली थी। सूचना पर सभी पहचान के लिए पीलीभीत पहुंचे तो कपड़ों से शेरसिंह के लाश की पहचान की गई। पुलिस ने लावारिश में शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया था। मौनश्री का आरोप है कि जगपाल, सतेंद्र, प्रमोद और पुष्पेंद्र ने ही उसके पति की रंजिशन हत्या की है। शेरसिंह से कई साल पहले झगड़ा हुआ था।