करोड़ों का medicine market
बरेली मेडिकल हब है। यही वजह है कि मुरादाबाद, बदायूं, पीलीभीत और रामपुर सहित कई जगहों से पेशेंट यहां का रुख करते हैं। कुल मिलाकर यहां का मेडिसिन मार्केट करोड़ों का है। ऐसे में अचानक आई तेजी से पेशेंट तो परेशान हैं ही। केमिस्ट भी बिजनेस के लिए नुकसानदायक मान रहे हैं।
Patients ने घटाई 'डोज'
दवा कीमतों में बढ़ोतरी हर कंपनी ने एक साथ ही की है। इसका असर मार्केट के साथ बरेलियंस की जेब पर भी पड़ा है। तीमारदार अब कम दिनों की मेडिसिन ही ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि डायबिटीज, फीवर, आई रिलेटेड प्रॉब्लम्स, बीपी और कोल्ड एंड कफ रिलेटेड प्रॉब्लम्स की मेडिसिन के नए रेट प्रिंट होकर आ गए हैं। यही नहीं कई और कंपनियां नए रेट के साथ मार्केट में आने वाली हैं.
कंपनियों का बड़ा खेल
मेडिसिंस के ट्रांसपोर्टेशन खर्च में वृद्धि का हवाला देकर कम्पनियों ने एक पत्ते के रेट में 15-30 परसेंट तक का इजाफा कर दिया है। हालांकि, जानकारों की मानें तो कम्पनियों का इसमें बड़ा खेल है। मेडिसिंस के एक कार्टन का ट्रांसपोर्टेशन खर्च एक महीने पहले अगर 100 रुपए था तो डीजल के रेट बढऩे के बाद ये 125 रुपए तक पहुंच गया। मेडिसिन के एक कार्टन में 1,00,000 रुपए तक की मेडिसिंस आती हैं। जानकारों का कहना है कि कंपनियों के तर्क में
दम नहीं है। बता दें कि बरेली सिटी में मेडिसिन की मैनुफैक्चरिंग नहीं होती है। ऐसे में लखनऊ, मेरठ और दिल्ली से सप्लाई आती है। इसमें भी बरेली के लिहाज से सबसे बड़ी मंडी लखनऊ है।
डीजल की कीमतों का असर
दवाओं का नाम यूज दाम (पहले) दाम (अब)
कोरेक्स सीरप खांसी 65 74
डोक्सोलिन 14 (10 टेबलेट) 47(10 टेबलेट)
केन्डिट माउथ पेंट छालों में 50 84
सरफाज एसएन स्किन 33 45
लोमेला स्किन 65 110
कैलावास मेंट डायबिटीज 198(10 टेबलेट) 215(10 टेबलेट)
क्रोसिन बुखार 20 (10 टेबलेट) 25(10 टेबलेट)
जालस एन डायबिटीज 190(10 टेबलेट) 215(10 टेबलेट)
आई ड्यू डीएस आई ड्रॉप 95 120
रीवाइटल शीशी 210 240
दूध का पाउडर वेट (पहले) वेट (अब) भाव
नेस्ट्रोजन 450 ग्रा 350 ग्रा 150
सैरेलैक 450 ग्रा 350 ग्रा 180
राशन के बाद मेडिसिन सेक्टर ही ऐसा है, जिससे आम आदमी सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। डीजल से मेडिसिन की कीमतों में बढ़ोतरी का खास संबंध नहीं है। कंपनियों पर शासन से कार्रवाई होनी चाहिए।
-डॉ। आरसी डिमरी, सीएमएस, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल
मेडिसिन के रेट में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। ये बढ़ोतरी 15 से 30 परसेंट की है। कंपनीज का ये स्टेप कंज्यूमर्स पर भारी पड़ रहा है। निकट भविष्य में इसकी प्रबल संभावना है कि कई दूसरी मेडिसिंस के रेट भी बढ़ जाएंगे।
-दुर्गेश, पूर्व प्रेसीडेंट, केमिस्ट एसोसिएशन
Report by: Abhishek Mishra