BAREILLY:
'कॉन्सेप्ट शुड बी क्लियर एंड फैक्ट्स शुड बी लर्न' बायोलॉजी में अच्छी परफार्मेस के लिए इस मूलमंत्र को याद रखना जरूरी है। इस विषय का सिलेबस वाइड होने के कारण इसके चैप्टर्स की डीप स्टडी जरूरी है। तब जाकर ही आप सेलेक्टेड टॉपिक्स छांट कर लास्ट मूमेंट प्रिपरेशन कर सकेंगे। इसलिए इस विषय को हल्के में लेने की गलती न करें। फ्भ्-फ्भ् मार्क्स के दो पेपर्स में कौन-कौन से चैप्टर्स की स्टडी आपकी हेल्प कर सकेंगी, ये हम यहां आपको सजेस्ट कर रहे है।
डीप स्टडी से बनेगी बात
बायो के फर्स्ट पेपर बॉटनी में सेल, जेनेटिक्स, फिजोलॉजी, इवोलूशन, बायोडायवर्सिटी, क्रैप साइकिल,
चैप्टर को पूरा तैयार करें। इस चैप्टर्स की डीप स्टडी से आप आसानी से लांग, शार्ट टाइप क्वेश्चन कर सकेंगे। इसमें जेनेटिक्स चैप्टर से लॉ, डिसीज, नर्वस सिस्टम, रीप्रोडक्शन से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैे। जबकि इवोलूशन से लैमार्क और डार्विन थ्योरी को तैयार करें। डॉयग्राम का विशेष ध्यान रखें।
इसके सेकेंड पेपर जूलॉजी की तैयारी के लिए सेल, रूट, लीफ, स्टेम, डायकॉट और मोनोकॉट चैप्टर्स को समझकर पढ़ेंगे तो आसानी से लांग और शार्ट टाइप क्वेश्चन कर पाएंगे। इसके अलावा ईको सिस्टम, प्लांट ब्रीडिंग, हार्मोन, हाइब्रिडाइजेशन, इंप्रूवमेंट इन फूड प्रोडक्शन, फूड चेन चैप्टर्स की स्टडी करें, इससे आब्जेक्टिव, शार्ट नोट टाइप क्वेश्चन पूछे जाते है। जेनेटिक इंजीनियरिंग टॉपिक फस्ट और सेकेंड दोनो पेपर में पूछा जाता है, इसे तैयार करें।
इनका रखे ध्यान
अपने आंसर के सपोर्ट में कलर्ड डायग्राम जरूर बनाए,
ध्यान रखें कि आपकी आंसर शीट का प्रजेंटेशन बेहतरीन हो। ओवर राइटिंग से बचते हुए, नीट एंड क्लीन लिखें।
हमेशा लिखकर रीविजन करें।
पेपर पढ़ने के लिए मिलने वाले एक्स्ट्रा क्भ् मिनट का अच्छी तरह इस्तेमाल करें।
बायोलाजी में डायग्राम की बहुत इंपोर्टेस है, इसलिए डायग्राम को बार-बार बनाकर याद करे। किसी भी टॉपिक को सरसरी तौर पर पढ़ना गलत है, डीप स्टडी में विश्वास करें और हर प्वांइट का समझने की कोशिश करें।
- सुमनलता, बायोलाजी टीचर-जीजीआईसी