आईजी विजय मीना के लिए साइकिल से जुड़ी हैं सुनहरी यादें

BAREILLY: एक साइकिल आईपीएस तक का सफर तय करा सकती है। आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है लेकिन ये सच है। बरेली के आईजी विजय मीना ने साइकिल का सफर करते करते ही आईपीएस आईपीएस बनने का सपना बुना था। यही वजह है कि वो आज भी साइकिल से बहुत प्यार करते हैं। जब भी मौका मिलता है तो साइकिल चलाना नहीं भूलते। उनका पांच साल का बेटा प्रिंस भी साइकिल को लेकर अभी से खासा क्रेजी है।

साइकिल मिलते ही की पूजा

आईजी को पहली बार साइकिल छठी क्लास में मिली थी। साइकिल मिलते ही सबसे पहले उसकी पूजा की। जब उन्होंने पेरेंट्स से साइकिल की डिमांड की तो उन्हें स्कूल में टॉप फाइव में आने के लिए कहा गया था। कड़ी मेहनत की और पांचवी क्लास में सेकेंड पोजीशन हासिल की। साइकिल मिलने पर वह काफी खुश हुए। फिर क्या छठवीं क्लास से क्ख्वीं क्लास तक वह साइकिल से ही स्कूल जाते रहे। जब वह दिल्ली में आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे उस वक्त भी वह साइकिल से ही कालेज जाते थे।

कैंची से की शुरुआत

आईजी बताते हैं कि सभी लोगों की तरह उन्होंने ने भी साइकिल चलाने की शुरुआत कैंची से की। उन्होंने लंबे समय तक कैंची चलायी। उसके बाद ही गद्दी पर बैठकर साइकिल चलाना सीख पाए। मैं जिस भी बड़े बंगले में रहा वहां साइकिल जरूर चलायी। मेरे तीन बच्चे हैं तीनों साइकिल चलाते हैं। पांच साल का बेटा प्रिंस भी सुबह-सुबह साइकिल चलाना शुरू कर देता है।

रास्ते में पड़ते थे बंगले

विजय मीना का कहना है कि जब वह स्कूल पढ़ने जाते थे तब रास्ते में आईएएस और आईपीएस के बंगले पड़ते थे। उन बंगलों के बाहर गाडि़यां भी खड़ी रहती थीं। उन्होंने बताया कि तभी प्लानिंग कर ली थी कि वह भी कभी इन बंगलों में पहुंचेंगे। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और आज बड़े बंगलों में रह रहे हैं।

साइकिल इज द वेस्ट फॅार फिटनेस

वह कहते हैं कि अच्छी फिटनेस के लिए साइकिल चलाने से अच्छा कुछ भी नहीं है। इससे हाइट भी गेन होती है। लोग जिम में भी साइकिलिंग करते हैं लेकिन अगर रियल में साइकिल चलाएं तो जिम जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

ट्रैफिक में ध्यान से चलाएं साइकिल

उनका कहना है कि आजकल हेवी ट्रैफिक में साइकिल चलाना मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा स्कूल जाने वाले बच्चों को साइकिल चलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। पेरेंट्स भी उन पर नजर रखें। इसके अलावा जो लोग तेज गति से व्हीकल चलाते हैं उन्हें भी स्कूल के आसपास व्हीकल तेज नहीं चलाना चाहिए।