- चार घंटे रोस्टरिंग के बाद भी हो रही कटौती

- लोड बढ़ने से मई-जून में बढ़ सकती है समस्या

BAREILLY:

मार्च में हो रही बिजली कटौती ने अभी से ही शहरवासियों के जेहन में चिंता पैदा कर दी है। लोगों को इस बात कर डर है कि, यदि, इस समय यह हाल है तो मई-जून में बिजली कटौती की क्या स्थिति होगी। शहरवासियों की यह चिंता वाजिब भी है। क्योंकि, बिजली विभाग के अभी से ही हाथ पांव फूलने लगे हैं। जबकि, गर्मी की अभी शुरूआत है। एसी, फैन, कूलर का इस्तेमाल होने से कुछ ही दिनों में काफी लोड

बढ़ गया है। टेम्प्रेचर बढ़ने के साथ ही लोड फैक्टर में और इजाफा होगा। ऐसे में बिजली सप्लाई धड़ाम होना तय है।

अभी से कटौती काम झाम

बिजली सप्लाई के नाम पर बड़े-बड़े दावे कर अपना कालर टाइट करने वाले विभाग की सच्चाई सामने आ गयी है। फिलहाल रात 7.फ्0 से 9.फ्0 और रात क्ख् से ख् बजे के बीच घोषित कटौती हो रही है, लेकिन इससे इतर मॉर्निग और दोपहर में भी कटौती भी शुरू हो गयी है। जबकि, गर्मी को लेकर विभाग ने मोबाइल ट्रॉली और सब स्टेशन की क्षमता बढ़ाए जाने की बात कही थी। विभाग के पास मोबाइल ट्रॉली की व्यवस्था है। फिर भी बिजली सप्लाई की बात आने पर अधिकारी खमोश हो जाते हैं।

क्ख् मेगावाट की बढ़ोत्तरी

ठंडी के मुकाबले वर्तमान समय में ही शहर में क्ख् मेगावॉट बिजली की डिमांड बढ़ी है। जबकि, मई-जून में टेम्प्रेचर बढ़ने के साथ ही यह डिमांड क्भ् मेगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद है। यही विभाग के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है। यहीं नहीं लोड बढ़ने से ट्रांसफार्मर, जम्फर, फीडर में जो खराबी आएगी सो अलग। ट्रांसफार्मर खराब होने के अभी से घटनाएं सामने आने लगी हैं। नगर में करीब फ्भ्0 मेगावॉट बिजली की जरूरत रोजाना की है।

थर्मल बेकिंग से बचाया बिजली

हालांकि, अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि, गर्मी में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। क्योंकि, ठंड में डिमांड कम होने से रोजा, बजाज एनर्जी के प्लांट मकसुदापुर और बरखेड़ा की पावर यूनिट ने बिजली का थर्मल बेकिंग किया है। यानि, बिजली का उतना उत्पादन नहीं किया। इससे बिजली उत्पादन पर खर्च होने कोयले और पैसों की बचत हुई है। इन पैसों से गर्मी के दिनों में एक्स्ट्रा बिजली खरीदने का काम किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि, थर्मल बेकिंग से पूरे प्रदेश में क्भ्00 मेगावॉट बिजली की बचत पिछले कुछ महीनों में हुई है।

गर्मी में डिस्ट्रीब्यूशन की ओर से डिमांड काफी बढ़ जाती है। डिमांड के मुताबिक डिस्ट्रीब्यूशन को बिजली सप्लाई की जाती है। इस बार एक्स्ट्रा बिजली खरीदी जाएगी। ताकि, किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

एके अग्रवाल, एसई, ट्रांसमिशन