बरेली (ब्यूरो)। गांवों में हुए निर्माण एवं विकास कार्यों में किए गए खेल को लेकर ऑडिट में खुलासे हो रहे हैं। जिन तथ्यों पर आपत्तियां जताते हुए अभिलेख मांगे गए, उन्हें देने में लापरवाह रहे। अफसरों ने बिल और वाउचर नहीं दिए। वित्त वर्ष 2013-14 से 2018-19 तक 97 ग्राम पंचायतों में करीब 20 करोड़ रुपये से अधिक का हेरफेर किया गया। इनके बिल और वाउचर तक उपलब्ध नहीं हुए हैं।
रिकवरी की तैयारी
अब पंचायती राज विभाग सचिवों से रिकवरी की तैयारी कर रहा है। जिले में कुछ सचिवों के विरुद्ध कई ग्राम पंचायतों में करोड़ों रुपये का खेल करने की आशंका जताते हुए ऑडिट टीम ने आपत्तियां लगाई थीं, लेकिन उनमें अधिकांश ने बिल और संबंधित वाउचर उपलब्ध नहीं कराए। इस पर डीपीआरओ की ओर से 46 सचिवों को नोटिस जारी करके आपत्तियों के निस्तारण संबंधी अभिलेख मांगे हैं। इसमें एक सचिव पर सर्वाधिक रिकवरी 2.91 करोड़ रुपये है, जबकि ढाई करोड़ रुपये से अधिक रिकवरी वाले दो सचिव और भी हैं। एक से डेढ़ करोड़ रुपये रिकवरी वाले सचिवों की संख्या भी खासी है।
वर्जन
ग्राम पंचायत सचिवों के जिन कार्यों पर ऑडिट आपत्तियां आई थीं, उनके अभिलेख भेजने के लिए पत्र भेजे गए हैं। इसमें कुछ ने अभिलेख भेज दिए हैं, जिन्हें लेखा परीक्षा अधिकारी को भेज दिया गया है। कुछ सचिवों से रिकवरी की जा रही है, जबकि कई सचिवों को रिकवरी के नोटिस दिए गए हैं।
धर्मेंद्र कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी