- 60 वर्षो बाद बना देवोत्तयोग, 12 वर्षो बाद गुरु ने किया उच्च राशि में प्रवेश
BAREILLY: म्0 वर्ष बाद एक बार फिर गुरु और शनि अपनी-अपनी उच्च राशि में एक साथ प्रवेश कर लिया है। गुरु अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश कर लिया है, जबकि शनि पहले से ही अपनी उच्च राशि तुल में विराजमान है। बता दें कि गुरु क्ख् साल बाद अपनी उच्च राशि में प्रवेश किया है। इससे पहले क्9भ्ब् में दोनों अपनी-अपनी उच्च रशियों में पांच माह के लिए प्रवेश किया था। बरेली के साथ-साथ जातकों पर इसका क्या असर पड़ेगा आइए हम आपको बताते हैं।
बदलेगी जातकों की चाल
ग्रहों की चाल से 'देवोत्तमयोग' का संयोग बन रहा है। इस संयोग से एक तरफ जहां बरेलियंस पर खुशियों की बारिश होगी। वहीं दूसरी तरफ बरेली के लिए ये योग शुभ फलदायी नहीं होगी। ज्योतिषाचार्यो का मानना है कि यह संयोग जातकों के लिए सुख समृद्धि और वर्चस्व का सूचक है, लेकिन बरेली के लिए यह संयोग आर्थिक मजबूती के साथ कई दुष्प्रभाव भी लाएगा। इससे सिटी में क्राइम रेट बढ़ सकता है। वहीं कारोबार और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह विशेष फलदायी है।
कई शुभ संयोग
देवोत्तम योग से देवगुरु के उच्च राशि कर्क में विचरण करने का संयोग बन रहा है। देवगुरु बृहस्पति को उच्च राशि में प्रवेश करने के साथ ही शनि का उच्च राशि में होने का भी संयोग बन रहा है। ऐसा योग म्0 सालों के बाद बन रहा है। पंडित वीके शर्मा के अनुसार बृहस्पति क्ख् साल में एक बार उच्च राशि में प्रवेश करता है। यह संयोग कर्क, कुंभ, मकर, धनु और मीन के लिए विशेष, मेष, वृष, कन्या, सिंह, तुला के लिए समप्रभाव और मिथुन, वृश्चिक के लिए विषमकारी है।
आमजन पर होंगे विशेष प्रभाव
शनि और गुरु के कर्क में प्रवेश होने से आमजन में सुख समृद्धि का वर्चस्व बढ़ेगा। कन्याओं के लिए यह योग श्रेष्ठ फलदायी होने की संभावना है। बृहस्पति का उच्च राशि में प्रवेश सभी राशि के लोगों को आरोग्य, ऐश्वर्य और कारोबार में वृद्धि के कारण बनने के आसार हैं। शिक्षा के स्वामी गुरु के होने से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों और कारोबार के स्वामी शनि होने से व्यापार के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए उत्तम फलदायी है। जबकि शुक्र ग्रह के प्रभाव से दुग्ध और दाम्पत्य जीवन में मधुरता बढ़ने के आसार हैं।
शहर में रहेगी उथल-पुथल
ज्योतिषाचार्यो की मानें तो बन रहा देवोत्तम संयोग बरेली शहर पर आंशिक फलदायी है। इससे शहर पर दुष्प्रभावों की अधिकता होने की संभावना है, क्योंकि बरेली का स्वामी शुक्र है। शुक्र को दानव का गुरु मानते हैं। गुरु का उच्च राशि में प्रवेश करने की वजह से गुरुओं की शक्तियां बढ़ीं हैं। ऐसे में शहर में अपराध, बारिश और दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी, मुद्रा एवं धातु में गिरावट आने की संभावना है।
राशियों पर प्रभाव
राशि प्रभाव
मेष - समसामायिक कार्यो में सफलता, परिवार में समृद्धि
वृष - आर्थिक विकास को गति, सहयोगियों से कार्य बनेंगे
मिथुन - स्वास्थ्य लाभ, सदपुरुषों से मार्गदर्शन
कर्क - मनोबल ऊंचा, उद्योग व व्यापारिक अवरोध दूर होंगे
सिंह - रचनात्मक कार्यों में खर्च बढ़ेगा, बेवजह की दौड़ धूप
कन्या - पारिवारिक सुख समृद्धि के साथ मान सम्मान भी बढ़ेगा
तुला - सामाजिक संपर्क बढ़ेंगे, नौकरीपेशा वालों को पद लाभ
वृश्चिक - सदप्रयास से सफलता मिलेगी, कार्य फलदायी
धनु - स्वास्थ्य में दिक्कतें, बेवजह की चिंता
मकर - रुके हुए कार्य पूरे होंगे, व्यापार लाभ
कुंभ - श्रम में सफलता, स्वास्थ्य लाभ में कमी
मीन - मान प्रतिष्ठा में वृद्धि, मानसिक क्षमता से आकस्मिक लाभ
करीब म्0 सालों के बाद बन रहा देवोत्तम संयोग मिथुन और वृश्चिक राशि के लोगों को परेशानी में डाल सकता है। वाहन चलाते समय सतर्कता बरतें।
- पं। राजेंद्र त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य
गुरु के कर्क राशि में प्रवेश होने से बरेली के लोगों के आय के स्त्रोत और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए विशेष फलदायी है।
- पं। संजय सिंह, ज्योतिषाचार्य