- आपरेशनल ग्रुप के तहत बनी स्वेट टीम लंबे समय से है भंग

- नई टीम के गठन के लिए नहीं किए गए कोई प्रयास

BAREILLY: हॉलीवुड फिल्मों से इंस्पायर्ड होकर बरेली में भी पुलिस के आला अधिकारियों ने स्वेट(स्पेशल वेपंस एंड टैक्टिस) टीम का गठन तो कर दिया, लेकिन इसका हश्र वैसा नहीं हुआ, जिस मकसद से इसकी स्थापना की गई थी। महज एक साल के अंदर टीम को इसलिए भंग कर दिया गया कि टीम में शामिल पुलिसकर्मियों पर वसूली के आरोप लगे। हालांकि शुरुआत में टीम ने ऑपरेशन चलाकर कुछ खूंखार क्रिमिनल्स को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भी भेजा। फिर भी जिम्मेदारों ने इसे भंग कर दिया।

फेसबुक पर हो रहा प्रचार

खूंखार अपराधियों से लड़ने और बड़े ऑपरेशन के लिए बनी स्वेट टीम बरेली में मार्च से भंग पड़ी है, जबकि इसी स्वेट टीम की मदद से बभिया में बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया था और भोजीपुरा में कुख्यात बदमाश भी पकड़ा था। एक बार टीम भंग हुई तो दोबारा इसे बनाने पर विचार भी नहीं किया गया, जबकि यूपी पुलिस के फेसबुक पेज पर सभी जिलों में बनी स्वेट टीम का जमकर प्रचार किया जा रहा है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अगर किसी बड़े ऑपरेशन के लिए पुलिस को जाना पड़े तो उसे खाली हाथ ही लौटना पड़ेगा।

क्राइम ब्रांच के स्ट्रक्चर का है हिस्सा

लास्ट ईयर मार्च में एडीजी लॉ एंड आर्डर के निर्देश पर सभी जिलों में क्राइम ब्रांच का गठन किया गया था। क्राइम ब्रांच का स्ट्रक्चर चार विंग में बनाया गया था। इसमें इंटेलीजेंस विंग, डिटेक्शन इंवेस्टीगेशन, क्राइम मानिटरिंग और ऑपरेशनल ग्रुप थे। आपरेशनल ग्रुप के तहत ही स्वेट (स्पेशल वेपन एंड टेक्टिक) टीम का गठन किया गया था। बरेली में क्राइम ब्रांच की कमान एसपी क्राइम को सौंपी गई थी।

किए गए थे बड़े-बड़े दावे

एडीजी के निर्देश पर स्वेट टीम का गठन भी किया गया। इसमें कुछ यंग व तेज तर्रार पुलिसकर्मियों को तैनात भी किया गया। बाकायदा उन्हें कुछ दिनों की ट्रेनिंग भी दी गई। तत्कालीन डीआईजी विजय मीना ने अप्रैल में क्राइम ब्रांच की समीक्षा भी की थी और स्वेट टीम के सभी प्रभारियों को अच्छे से समझाया भी था। डीआईजी ने कहा भी था कि स्वेट टीम हालीवुड फिल्मों की पुलिस की तरह काम करेगी और किसी भी ऑपरेशन के लिए तैयार रहेगी। इसका असर भी दिखा था और सभी को एक गाड़ी भी दी गई थी और इसमें तैनात जवानाें को अलग से ड्रेस भी दी गई थी।

अचानक भंग कर दी स्वेट

एसएसपी जे रविन्दर गौड ने ज्वाइनिंग के कुछ दिनों बाद ही पूरी स्वेट टीम को भंग कर दिया। स्वेट टीम को भंग करने की वजह अवैध वसूली बताया गया था, लेकिन उसके बाद ना तो इसमें नए कमांडो भर्ती किए गए और ना ही दोबारा स्वेट टीम का गठन किया गया। कई महीनों के बाद भी इसके गठन के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

खड़े होते हैं कई सवाल

ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के चलते पूरी स्वेट टीम को ही क्यों भंग कर दिया गया? अगर भंग भी किया गया तो इसका दोबारा गठन क्यों नहीं किया गया? अगर पहले टीम में तैनात कमांडो वसूली कर रहे थे उनके खिलाफ एक्शन लेकर नए कमांडो भर्ती क्यों नहीं किए गए? ऐसे में अगर पुलिस को बड़े ऑपरेशन में जाना पड़े तो उसे थाना पुलिस से ही काम चलाना पड़ेगा।