- टी 20 वर्ल्ड का शेड्यूल डिक्लेयर होने से घरों में छा रहा सन्नाटा
- इंटरमीडिएट एग्जाम के साथ क्लैश कर रही मैचेस की डेट्स
-स्टूडेंट बहाने बनाने के लिए रेडी तोपेरेंट्स भी हुए अलर्ट
BAREILLY: 16 मार्च से बांग्लादेश में खेले जाने वाले टी 20 वर्ल्ड कप शेड्यूल जारी हो गया है। हालांकि क्रिकेट के इस घमासान को शुरू होने में अभी वक्त है पर सिटी के घरों में इसका असर अभी से दिखने लगा है। स्टूडेंट्स के किक्रेट फीवर ने अभी से उनके पेरेंट्स का टेंप्रेचर बढ़ाना शुरू कर दिया है। दरअसल वर्ल्ड कप मैचेस की डेट और इंटरमीडिएट बोर्ड एग्जाम की डेट क्लैश कर रही हैं। इस ही वजह से पिच के संग्राम से पहले स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स के बीच भी महासंग्राम शुरू हो गया है। एक तरफ क्रिकेट लवर बच्चे हैं जो किसी भी कीमत पर इस हाई वोल्टेज इवेंट को मिस नहीं करना चाहते दूसरी तरफ पेरेंट्स हैं, जिन्होंने बच्चों को इससे दूर रखने के लिए टीवी का 'पॉवर कट' करने का डिसीजन ले लिया है।
बढ़ गई स्टूडेंट्स की धडकनें।
वर्ल्ड कप के शेड्यूल ने बोर्ड एग्जाम में एपीयर होने वाले स्टूडेंट्स की धडकनें बढ़ा दी हैं। मैच की डेट 16 मार्च से 6 अप्रैल तक डिक्लेयर की गई हैं। इसी बीच सीबीएसई और यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट एग्जाम भी हैं। इसमें सीबीएसई के एग्जाम 1 मार्च से 12 अप्रैल तक और यूपी बोर्ड के एग्जाम 3 मार्च से 4 अप्रैल तक होंगें। डिफरेंट बोर्ड के हाईस्कूल के एग्जाम टी 20 वर्ल्ड कप शुरू होने के साथ ही खत्म हो जाएंगें, लेकिन इंटरमीडिएट के दोनों बोर्ड के एग्जाम्स पूरी तरह से टी 20 वर्ल्ड कप के शेड्यूल के साथ हैं।
'इंडिया' के मैच और सब्जेक्ट
यूं तो टी 20 वर्ल्ड कप के दौरान टोटल 35 मैचेस खेले जाएंगें। लेकिन इंडिया यानि अपने देश के मैचेस को लाइव देखने से कोई भी चूकना नहीं चाहेगा। एक तरफ पिच पर प्लेयर्स एक दूसरे से भिड़ रहें होंगे तो दूसरी ओर स्टूडेंट्स के दिमाग में मैच और एग्जाम प्रिपरेशन का ख्याल लड़ाई कर रहा होगा। इंडियन टीम के मैच 21, 23, 28, 30 और 31 मार्च को खेले जाएंगें। इन डेट्स के साथ सीबीएसई के मैथ, कम्प्यूटर साइंस, फिजिकल एजूकेशन, इकोनॉमिक्स, जियोग्रॉफी व अकाउंटेंसी, तो वहीं यूपी बोर्ड के बॉयोलॉजी, होम साइंस, मैथ, हिस्ट्री, सोशल साइंस, मैथ, इंग्लिश के एग्जाम्स होने हैं।
Problem है तो solution भी
अब प्रॉब्लम आती है तो पीछे-पीछे उसका सॉल्यूशन भी चला आता है। ऐसा ही कुछ मानना है सिटी के स्टूडेंट्स का। भले ही वर्ल्ड कप के मैचेस की डेट्स एग्जाम्स के साथ क्लैश कर रही हैं पर क्रिकेट लवर्स इसके लिए भी रेडी हैं। कैसे भी करके वह मैच और एग्जाम को साथ मैनेज करने में लग गए हैं। क्रिकेट फीवर कुछ यूं सवार है कि स्टूडेंट्स पेरेंट्स से झूठ भी बोलने को तैयार हैं। इसमें स्टूडेंट्स ने ग्रुप स्टडी, लैप्पी पर ऑनलाइन रीडिंग की आड़ में क्रिकेट अपडेट, मोबाइल पर बात करने के बहाने रिलेटिव्स या नेबर के घर फोन कर स्कोर पता करना, मैच देखने के पहले या बाद में अच्छे से पढ़ाई करने की रिक्वेस्ट, फेसबुक, व्हाट्सएप पर कोर्स अपडेट की नॉलेज लेने और पढ़ाई के बीच कई बार ब्रेक लेने के बहाने बनाने की प्लानिंग किए हुए हैं।
कनेक्शन कट और डिश रिचार्ज बंद
टी ख्0 वर्ल्ड कप शेड्यूल की भनक पेरेंट्स को भी लग चुकी है। ऐसे में पेरेंट्स भी अलर्ट हो गए हैं। मैच का बाउंसर बच्चों की पढ़ाई को बोल्ड न कर दे, इसके लिए पेरेंट्स की प्लानिंग भी फुलप्रूफ है। एक तरफ पेरेंट्स का बच्चों को मोबाइल के कम इस्तेमाल की हिदायत देने का सिलसिला स्टार्ट हो गया है। वहीं टीवी और कंप्यूटर का भी रिमोट पेरेंट्स ने अपने हाथ में ले लिया है। कुछ पेरेंट्स ने तो टीवी का स्विच अभी से ऑफ करना भी शुरू कर दिया है। वहीं केबिल कनेक्शन वालों की मानें तो अभी से ही उनके पास अगले दो महीने के लिए केबिल कनेक्शन और टीवी रिचार्ज ना करने का ऑर्डर मिल चुका है। पेरेंट्स का मानना है कि बच्चों के पेपर अच्छे से क्लियर होने के बीच वे किसी भी प्रॉब्लम को नहीं आने देना चाहते।
बच्चों को दें इमोशनल टच।
साइकोलॉजिस्ट हेमा खन्ना ने बताया कि किसी भी आदत को छोड़ना आसान नहीं है। पाबंदी लगाने से कोई प्रॉब्लम सॉल्व नहीं होती। बच्चों को पता होना चाहिए कि पढ़ाई और क्रिकेट दोनों एक साथ पॉसिबल नहीं है। वहीं पेरेंट्स भी प्रेशर बनाकर बच्चे को जबरदस्ती पढ़ाई नहीं करा सकते। ऐसा करने से कन्संट्रेट होकर पढ़ाई करने के बजाय बच्चे का ध्यान पूरे समय मैच का स्कोर पता करने में लगा होगा। पेरेंट्स को चाहिए कि वह बच्चों से बात करके उन्हें अच्छे से सभी बातें समझाएं। प्रेशर के बजाय बच्चों को इमोशनल टच देकर गाइड करें। पढ़ाई के बीच में ब्रेक के दौरान बच्चों को खुद स्कोर या मैच की अपडेट जरूर बताते रहें।
मेरा बेटा इंटरमीडिएट में है। एग्जाम सिर पर हैं। वहीं टी ख्0 वर्ल्डकप की तारीख भी डिक्लेयर हो गई है। इसे देखते हुए केबिल कनेक्शन कटवा दिया है। एग्जाम शुरू होते ही फोन भी जमा कर लूंगा।
राजेश मिश्रा, पेरेंट
बच्चे कोई ना कोई बहाना बना ही लेते हैं। छोटे भाई के एग्जाम आ रहे हैं। टीवी स्विच ऑफ कर दिया है। नेट और फोन भी जल्द ही बंद कर दिए जाएंगे।
सचिन गुप्ता, ब्रदर
कुछ भी हो टी ख्0 के सभी मैच जरूर देखूंगा। पिछली बार पेरेंट्स ने काफी पाबंदी लगा दी थी। इस बार कोई न कोई बहाना निकाल ही लूंगा।
अमितेष, स्टूडेंट
किसी न किसी बहाने सभी मैच देखने की कोशिश करूंगा। पेरेंट्स अगर नहीं मानेंगें तो केवल इंडिया का मैच देखने की रिक्वेस्ट करूंगा।
फ्रेंकलिन, स्टूडेंट
पेरेंट्स अभी तो कह रहे हैं कि देख लेना। मैच शुरू होने पर क्या रिएक्शन होगा अभी कुछ कह नहीं सकता। पिछली बार तो काफी डांट पड़ी थी।
मुनि पांडे, स्टूडेंट
पेरेंट्स ने लास्ट टाइम मैच नहीं देखने दिया था। इस बार पढ़ाई के दौरान बीच में कई बार ब्रेक लेने का प्लान बनाया है। इससे कोई समझ भी नहीं पाएगा।
विनय पाठक, स्टूडेंट
पिछली बार एग्जाम के दौरान कई सारी फैमिलीज ने कनेक्शन कटवा लिए थे। इस बार तो अभी से कनेक्शन कट करने की रिक्वेस्ट आने लगी हैं।
शशांक अग्रवाल, केबिल ऑपरेटर