- कोविड टीकाकरण के चलते प्रभावित हो रहा है रुटीन इम्यूनिजाइशेन
-बच्चों के रुटीन टीकाकरण के लिए कोविड टीकाकरण को चार दिन करने की कवायद
-पांच साल तक के बच्चों के टीकाकरण में आई 20 परसेंट तक की कमी
बरेली। युवाओं के लिए जानलेवा साबित हुई कोरोना की दूसरी लहर तो थम गई, लेकिन अब बच्चों के मुसीबत बनने वाली इसकी तीसरी लहर के सितंबर तक आने की आशंका जताई जा रही है। दूसरी लहर के खतरे से सबक लेते हुए युवाओं का वैक्सीनेशन तो तेजी से कराया जा रहा है, लेकिन इसका असर हेल्थ डिपार्टमेंट के रुटीन इम्यूनाइजेशन पर पड़ रहा है। इससे जिलेभर में शून्य से पांच साल तक के बच्चों के टीकाकरण में लगातार गिरावट आ रही है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच यह गिरावट जहां हेल्थ डिपार्टमेंट की चिंता बढ़ा रही है, वहीं पेरेंट्स को भी बच्चों की सुरक्षा का डर सता रहा है। इस चिंता और डर के चलते ही कोविड वैक्सीनेशन के साथ-साथ रुटीन इम्यूनाइजेशन पर भी जोर देने की कवायद चल रही है।
4 दिन होगा कोविड वैक्सीनेशन
पांच साल तक के बच्चों को सभी जरूरी टीके लगाने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट रुटीन इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम चलाता है। इसके लिए हफ्ते में दो दिन वेडनेसडे और सैटरडे निर्धारित किए गए हैं। इन दिनों में जिले के करीब 750 सेंटर्स पर बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। कोरोना काल में यह टीकाकरण लगातार प्रभावित रहा है। कोविड वैक्सीनेशन के चलते भी हेल्थ सेंटर्स पर बच्चों के टीकाकरण पर कम ध्यान दिया जा रहा है। लॉकडाउन व अन्य परेशानी के चलते भी लोग बच्चों के टीकाकरण में लापरवाही बरते रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए ही हेल्थ डिपार्टमेंट ने कोविड टीकाकरण को हफ्ते में चार दिन तक सीमित करने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा है। इससे शेष दो दिनों में बच्चों का नियमित टीकाकरण पहले की तरह ही हो सकेगा।
20 परसेंट तक आई गिरावट
रुटीन इम्यूनाइजेशन पर कोरोना का असर बीते साल से ही देखने को मिल रहा है। इस साल यह असर कम होने की जगह और भी बढ़ गया है। बीते साल अप्रैल व मई की तुलना में इस साल अप्रैल व मई में रुटीन इम्यूनाइजेशन 20 परसेंट तक घटा है। रुटीन इम्यूनाइजेशन में इस गिरावट के चलते ही कोविड वैक्सीनेशन के लिए चार दिन निर्धारित करने की कवायद की जा रही है। इससे वेडनेसडे और सैटरडे को सभी सेंटर्स पर बच्चों का नियमित टीकाकरण कार्य होगा। इससे बच्चे उन सभी बीमारियों से बचे रहेंगे, जिनके टीके उन्हें लग गए होंगे। यह टीकाकरण बच्चों को कोरोना के खतरे से बचाने में भी सहायक होगा।
नियर टू होम वैक्सीनेशन पर फोकस
इन दिनों शासन का पूरा जोर कोविड वैक्सीनेशन को बढ़ाने पर है। इसके लिए अब नियर टू होम वैक्सीनेशन स्कीम को शुरू किया गया है। हेल्थ डिपार्टमेंट का पूरा फोकस भी इस स्कीम की सेक्सेस पर है। इसके लिए अधिकांश हेल्थ वर्कर्स को कोविड वैक्सीनेशन पर ही जुटाया गया है। इसके चलते ही रुटीन इम्यूनाइजेशन का काम प्रभावित हो रहा है।
कोविड टीकाकरण का असर रुटीन इम्यूनाइजेशन पर पड़ा है। इससे बच्चों के टीकाकरण में गिरावट आई है। यह गिरावट चिंता बढ़ाने वाली है। इससे बचने के लिए कोविड टीकाकरण को चार दिनों तक सीमित करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। अगर इस पर स्वीकृति मिल जाती है तो शेष दो दिनों में सभी सेंटर्स पर बच्चों का टीकाकरण तेजी से होगा। बच्चों का टीकाकरण छूटना कहीं न कहीं कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे को बढ़ा सकता है।
डॉ। आरएन सिंह, डीआईओ
फैक्ट फाइल रुटीन इम्यूनाइजेशन
62,000 बच्चों का टीकाकरण हुआ अप्रैल व मई 2020 में
- 50,000 बच्चों का टीकाकरण हुआ अप्रैल व मई 2021 में
- 750 सेंटर्स पर होता है बच्चों का टीकाकरण
- 02 दिन हैं हफ्ते में आरआई के लिए निर्धारित