बरेली (ब्यूरो)। जिले में इस समय डेंगू, मलेरिया और अन्य फीवर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसको लेकर अलर्ट होने का दावा भी किया जा रहा है, लेकिन उदासीन सिस्टम खुद को एक्टिव करना नहीं चाह रहा है। स्वास्थ्य ïिवभाग पहले से ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। उस पर जिम्मेदारों की लापरवाही मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने 300 बेड हॉस्पिटल का रिएलिटी चेक किया तो सच्चाई दावों से दूर नजर आई।
इंतजार को मजबूर
मरीजों को बेहतर हेल्थ फैसिलिटी देेने के लिए बनाया गया 300 बेड अस्पताल अब शोपीस मात्र बनकर रह गया है। ओपीडी में ट्यूजडे को 601 नए मरीज पहुंचे। इसमें फीवर, खांसी, स्किन डिजीज, आई और एआरवी आदि के पेशेंट्स शामिल थे। सुबह ओपीडी में पहुंचने पर मरीजों को पर्चा बनवाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। बता दें कि अस्पताल में महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग काउंटर्स बनाए गए हैैं। इसमें मेल काउंटर पर सुबह करीब सवा ग्यारह बजे रजिस्टर भरने के कारण काफी देर लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ा। जब मेल पेशेंट, फीमेल काउंटर पर पर्चा बनवाने के लिए गए तो वहां से बनाने के लिए मना कर दिया गया। इससे पेशेंट्स को काफी देर पर्चा बनने का इंतजार करना पड़ा। उसके काफी देर बाद जाकर दोबारा पर्चा बनना शुरू हो सका।
फिजिशियन अवकाश पर
अस्पताल में तैनात एकमात्र फिजिशियन डॉ। पवन कपाही व्यक्तिगत कारणों से अवकाश पर चल रहे हैैं। ऐसे में दंत रोग चिकित्सक डॉ। अतुल कटियार मरीजों को देख रहे हैैं। उन्होंने बताया कि ओपीडी में खांसी, सर्दी, जुकाम, फीवर के साथ ही टायफाइड के मरीज आए। इनमें अगर कोई मरीज अधिक सीरियस होता है तो उसे जिला अस्पातल रेफर कर दिया जाता है। अस्पताल में तैनात डॉ। त्रिभुवन प्रसाद के जिला महिला अस्पताल का सीएमएस बनने के बाद से अब जूनियर रेजीडेंट स्किन पेशेंट्स को देख रही हैं। ऐसे में चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग के लिए मरीजों को बेहतर सुविधाएं देना काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
लापरवाही की इंतेहा
ओपीडी में आने वाले मरीजों को अस्पताल में खुद ही व्हील चेयर गेट तक ले जानी पड़ रही है। जबकि अस्पताल में इसके लिए स्टाफ तैनात है। सुबह साढ़े ग्यारह बजे महिला चिकित्सक ओपीडी में टेबल पर हेड डाउन करके बैठी थीं। हालांकि कुछ देर बाद जब मरीज ने चेंबर में दस्तक दी तो उन्होंने उसको ट्रीट किया। इस तरह की लापरवाही अस्पताल में आए दिन देखने को मिल रही है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने का दावा करते हैैं।
की जाएगी कार्रवाई
अस्पताल में फिजिशियन तैनात हैैं। व्यक्तिगत कारणों से वह अवकाश पर हैैं। स्टाफ की कमी है, मरीजों को बेहतर इलाज देने का प्रयास किया जा रहा है। कार्य के प्रति लापरवाही करने वालों पर जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ। भानू प्रकाश, प्रभारी, तीन सौ बेड अस्पताल