- पिछले चार वर्षो के वित्तिय लेनदेन पर सेक्रेट्री ने उठाए सवाल
BAREILLY: बीसीबी की ऑडिट रिपोर्ट पर मैनेजमेंट कमेटी के सेक्रेट्री द्वारा आपत्ति किए जाने से कॉलेज मैनेजमेंट सकते में है। सेक्रेट्री देव मूर्ति ने ऑडिट रिपोर्ट की कई बिंदुओं पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कॉलेज में घोर वित्तिय अनियमितताएं होने की ओर इशारा किया है। इसके संबंध में उन्होंने प्रिंसिपल डॉ। आरपी सिंह से आख्या मांगी है। उधर प्रिंसिपल की तरफ से कॉलेज प्रशासन आख्या रिपोर्ट बनाने में जुट गया है। प्रिंसिपल फ्0 जून को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में अचानक पिछले चार वर्षो के वित्तिय लेनदेन पर सेक्रेट्री ने गंभीर सवाल उठाए हैं, जिसको लेकर पूरे कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है। कॉलेज में ऐसी चर्चा गर्म है कि प्रिंसिपल का रिटायरमेंट नजदीक आते ही कई गड़बडि़यों को छिपाने और कइयों का मुख मोड़ने की कवायद तेज होने लगी हैं।
कई चीजें स्पष्ट नहीं हैं
ऑडिट रिपोर्ट में कई चीजें स्पष्ट रूप से नहीं दी गई हैं। चर्चा तो यहां तक है कि ऑडिट रिपोर्ट में भी हस्तक्षेप किया गया है। सेक्रेट्री द्वारा उंगली उठाए जाने के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। सेक्रेट्री ने स्टूडेंट्स यूनियन फंड के धन समेत वर्ष ख्008-09 के दौरान दी गई कर्मचारियों की सैलरी और बुक बैंक के फंड पर भी आपत्ति जताई है। यहां तक कि कई ऐसे एडवांस पेमेंट पर उंगली उठाई है, जिसके बाबत उनका कहना है कि यह पेमेंट बिना कोई काम किए कर दिया गया।
अधिकार तो सेक्रेट्री के पास
भले ही उंगली मैनेजमेंट कमेटी के सेक्रेट्री ने उठाई है, लेकिन कॉलेज प्रशासन का कहना है कि जितने भी वित्तिय संचालन होते हैं उनका अधिकार सेक्रेट्री के पास ही है। उन्हीं के सिग्नेचर के बाद ही सारे धन आवंटित ओर ट्रांसफर किए जाते हैं। चाहे वह कर्मचारियों की सैलरी हो, बुक बैंक में फंड की बात हो, हॉस्टल में लगाए गए सामानों पर हुए खर्च समेत और वित्तिय संचालन। सभी सेक्रेट्री के साइन के बाद ही किया जाता है। हालांकि सेक्रेट्री के सभी सवालों का जवाब देने के लिए कॉलेज ने कमर कस ली है।