- एमएचआरडी ने हायर एजूकेशन में एंटी करप्शन से संबंधित करीकुलम लागू करने के दिए निर्देश

BAREILLY: करप्शन का मुद्दा इस समय पूरे देश में छाया हुआ है। यह मुद्द इतना प्रभावी और असरदार है कि इससे गवर्नमेंट तक बदल गई। हर तबके के लोग इसकी जद में हैं। भ्रष्टाचार को लेकर सभी में जबरदस्त गुस्सा भी है। गवर्नमेंट इस पर लगाम लगाने के लिए प्रयास में जुट गई है। इसके तहत अब यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज के स्टूडेंट्स को करप्शन के खिलाफ जागरूक करने की नई पहल की गई है। सेंट्रल गवर्नमेंट की एमएचआरडी ने हायर एजूकेशन में एंटी करप्शन से संबंधित करीकुलम लागू करने के निर्देश दिए हैं, जिसका पालन करते हुए यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को इसे अमल में लाने के लिए लेटर भी जारी कर दिया है। इसके तहत न केवल स्टूडेंट्स को जागरूक किया जाएगा बल्कि करप्शन को कैसे रोका जाए और इससे पड़ने वाले इफेक्ट से भी विस्तार से रुबरू कराया जाएगा।

नई गवर्नमेंट की पहल

हायर एजूकेशन में करप्शन के खिलाफ कोई करिकुलम लागू करने की यह कवायद सेंट्रल में बनी नई गवर्नमेंट की है। यूजीसी के फाइनेंशियल एडवाइजर उपमन्यु बसु के अनुसार सेंट्रल गवर्नमेंट करप्शन पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए कई तरह की एक्टिविटीज में इनवॉल्व है। इसी के तहत सरकार इंटरनेशनल एंटी करप्शन एकेडमी (आईएसीएए) के साथ मिलकर भी काम कर रही है।

रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा

उपमन्यु बसु के अनुसार एमएचआरडी की मंशा है कि यूनिवर्सिटीज लेवल पर एंटी करप्शन को लेकर सब्जेक्ट शुरू किया जा सके, ताकि स्टूडेंट्स इसे और बेहतर तरीके से समझें और इसकी रोकथाम में बराबरी की भागीदारी कर सकें। एमएचआरडी की यह भी मंशा है कि एंटी करप्शन के फील्ड में यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ज्यादा से ज्यादा रिसर्च वर्क करें।

करिकुलम को यूजीसी से मिलेगा रिकगनीशन

यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को जारी लेटर में कहा कि वे अपने यहां किसी ना किसी कोर्स में एंटी करप्शन के करिकुलम को लागू करें। खासकर लॉ, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और ह्यून राइट्स जैसे सब्जेक्ट्स में। क्योंकि ये सब्जेक्ट्स सीधे तौर पर पब्लिक से जुड़े हैं। करप्शन भी पब्लिक के हर वर्ग को इफेक्ट करता है। यूजीसी ने साफ किया है कि एंटी करप्शन के करिकुलम को रिकगनिशन मिलने में किसी भी प्रकार की प्रॉब्लम नहीं आएगी।