बरेली (ब्यूरो)। 300 बेड कोविड हॉस्पिटल में हाल ही में खराब हुए सैकड़ों कोरोना सैंपल के मामले की जांच अब तेज हो गई है। जांच में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही उजागर होने की संभावना है। हालांकि आज यानि ट्यूजडे को जांच टीम जांच को पूर्ण कर सीएमओ को रिपोर्ट सौंप देंगे। जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला
बीते दिनों 300 बेड कोविड हॉस्पिटल में अगस्त माह में स्टेटिक टीम की ओर से लिए गए कोरोना सैंपल जांच को नहीं भेजे गए, अनियमितता उजागर न हो इसके लिए अधिकारी-कर्मचारियों ने कोरोना फ्लू कार्नर वाली बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर एक कमरे में इन सैंपल को रख दिए। मामला उजागर होने के बाद सीएमओ ने दो सदस्यीय टीम जांच के लिए गठित कर दी। मामले की जांच जब शुरू हुई तो इस अनियमितता में प्रभारियों की लापरवाही सामने आने की संभावना है।
मॉनिटरिंग होती तो नहीं खराब होते सैंपल
अप्रैल माह में कोरोना सैंपल प्रभारी की जिम्मेदारी डॉ। सीपी सिंह के पास थी, जांच अधिकारी की माने तो जांच को कितने और किस समय सैंपल लखनऊ लैब भेजे जा रहे हैं इसकी मॉनिटरिंग उनकी ओर से की जा रही होती तो सैंपल खराब नहीं होते। बीते करीब आठ माह से 300 बेड कोविड हॉस्पिटल इंचार्ज डॉ। पवन कपाही हैं हालांकि बीते कई माह से हॉस्पिटल में एक भी पेशेंट एडमिट नहीं हुआ है अगर डॉ। कपाही ही जांच कोरोना फ्लू कार्नर जाकर कर लेते तो विभाग की छवि धूमिल होने से बच सकती थी।
आज फार्मासिस्ट के होंगे बयान
जांच अधिकारी के अनुसार मामले में सिर्फ दो फार्मासिस्ट के बयान होना बाकी हैं इन दोनों के बयान होने के बाद जांच रिपोर्ट तैयार कर सीएमओ को सौंप दी जाएगी।
वर्जन
मामले की जांच करीब पूर्ण हो चुकी हैं ट्यूजडे को दो फार्मासिस्ट के बयान लेने के बाद जांच रिपोर्ट बनाकर दे दी जाएगी। प्रथम दृष्टया प्रभारियों की लापरवाही सामने आ रही है अगर मॉनिटरिंग ठीक प्रकार से की गई होती तो अनियमितता नहीं होती।
डॉ। आरएन गिरी, जांच अधिकारी