- आरयू के इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स की होम असाइनमेंट से छुट्टी
- क्लास में स्टूडेंट देंगे स्पीच, उसी के आधार पर दिया जाएंगे मार्क्स
BAREILLY: अब लिखकर लाने से काम नहीं चलेगा, बोलना पड़ेगा। जो, जैसा बोलेगा उसको उतने ही मार्क्स दिए जाएंगे। जी हां, आरयू ने स्टूडेंट्स का कांफिडेंस बढ़ाने के लिए परीक्षा सिस्टम में बड़ा चेंज किया है। अब आरयू स्टूडेंट्स से होम असाइनमेंट जमा कराने की बजाए, उनकी स्पीच कराएगी। इसी स्पीच के आधार पर उनको ऑन द स्पॉट मार्क्स दिया जाएगा। फिलहाल, आरयू के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने इस व्यवस्था को शुरू किया है। माना जा रहा है कि एक दूसरे के असाइनमेंट कॉपी करके जमा कर देने की परंपरा पर इस व्यवस्था से रोक लगेगी।
स्पीच से आंकी जाएंगी स्किल्स
स्टूडेंट्स की अब ऑन दी स्पॉट स्पीच से स्किल्स आंकी जाएगी। कम्यूनिकेशन स्किल्स, टॉपिक्स की बेसिक नॉलेज, प्रेजेंटेशन समेत कई तरह की स्किल्स का आंकलन किया जाएगा। इस एक्टिविटी के स्टूडेंट्स को मार्क्स भी दिए जाएंगे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक तरफ जहां इस तरह की एक्टिविटी से स्टूडेंट्स पढ़ाए जाने वाले टॉपिक्स की रेगुलर तैयारी करेंगे तो साथ ही उनकी ओवरऑल पर्सनैलिटी भी डेवलप होगी।
आईईटी डिपार्टमेंट में लागू
आरयू ने एकेडमिक की यह नई योजना इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ( आईईटी) डिपार्टमेंट के कोर्सेज के स्टूडेंट्स के लिए लागू की है। इस डिपार्टमेंट में कम्प्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और केमेकिल इंजीनियरिंग की पढ़ाई होती है। इंजीनियरिंग कोर्सेज में क्रेडिट सिस्टम पहले से ही लागू है। इसी के तहत होम असाइनमेंट को हटा कर यह नया तरीका अपनाया गया है।
स्टूडेंट्स देंगे स्पीच
इससे पहले स्टूडेंट्स को टॉपिक्स से रिलेटेड होम असाइनमेंट्स दिया जाता था। स्टूडेंट्स इसको सीरियस नहीं लेते थे। कई स्टूडेंट्स मिलकर एक जैसा असाइनमेंट तैयार कर लेते थे। अक्सर स्टूडेंट्स एक-दूसरे का असाइनमेंट कॉपी कर लेते थे। अब नए तरीके के तहत टीचर जो भी टॉपिक्स पढ़ाएंगे, उससे रिलेटेड हर स्टूडेंट को पूरी क्लास के सामने स्पीच देनी होगी। स्टूडेंट को किस टॉपिक पर बोलना होगा यह भी टीचर तय करेंगे। इसके लिए स्टूडेंट्स कोर्स की बुक्स और अदर रिफ्रेंश बुक्स से तैयारी कर सकते हैं। हर स्टूडेंट को बोलने के लिए भ् मिनट का समय दिया जाएगा।
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कॉन्फिडेंस बूस्टर है यह
एक्सपर्ट्स की मानें तो यह स्टूडेंट्स के लिए कॉन्फिडेंस बूस्टर का काम करेगा। अधिकांश स्टूडेंट्स में देखा गया है कि उनमें थ्योरिटकल नॉलेज तो बहुत होता है लेकिन कम्यूनिकेशन और प्रेजेंटेशन स्किल्स न होने के चलते वे सही तरीके से अपने आपको एक्सप्रेस नहीं कर पाते हैं। इसी वजह से बेसिक नॉलेज होने के बावजूद वे कॉरपोटर सेक्टर के इंटरव्यू में लो कॉन्फिडेंस के चलते डिसक्वालीफाई हो जाते हैं। इस नए तरीके से स्टूडेंट्स की यह सारी स्किल्स उभर कर आएंगी। इसके साथ ही इस प्रवृत्ति से स्टूडेंट्स रोजाना जो पढ़ाया जाएगा उसकी अच्छी तरह तैयारी भी करेंगे। इस एक्टिविटी के लिए हर स्टूडेंट को क्0 मार्क्स दिए जाएंगे।
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कई कोर्सेज में है होम असाइनमेंट
होम असाइनमेंट की पारंपरिक प्रवृत्ति अधिकांश कोर्सेज में लागू में है। इन पारंपरिक पद्धतियों को हटाने के मकसद से ही यूजीसी कोर्सेज में क्रेडिट सिस्टम लागू करने की योजना बना रहा है। फिलहाल इंजीनियरिंग कोर्सेज में ही क्रेडिट सिस्टम लागू है। इसके नए सिस्टम के तहत स्टूडेंट्स की ओवरऑल क्लास परफॉर्मेस आंकी जाती है। बीए, बीकॉम, बीएससी, एमएसी, एमकॉम समेत कई कोर्सेज में यूजीसी क्रेडिट सिस्टम लागू करने की कवायद कर रहा है। लेकिन यूनिवर्सिटीज इसे लागू करने के पहले पायदान से ही पीछे हट रही हैं।
पढ़ाने के इस नए तरीके को लागू करने के लिए सभी ब्रांचेज के हेड को निर्देश दे दिए गए हैं। इस नए तरीके से स्टूडेंट्स टॉपिक्स को ज्यादा अच्छी तरह समझ सकेंगे और उनकी दूसरी स्किल्स भी डेवलप होंगी।
- प्रो। एके गुप्ता, डीन, आईईटी, आरयू