-शिक्षा विभाग की ओर से जानबूझ कर छोड़ी गई सॉफ्टवेयर में कमियां

-शिक्षा माफिया ने लूप होल्स के जरिये कराये फेक रजिस्ट्रेशन

-सभी 6 तहसीलों को एलॉट रजिस्ट्रेशन नंबर सिस्टम में अपलोड न होने का फायदा उठा भरे गए बोर्ड फार्म

BAREILLY:

बोर्ड एग्जाम्स में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए जिस हाईटेक सिस्टम को टूल के तौर पर यूज किया गया वही, शिक्षा माफिया का हथियार बन गया। इसमें मददगार स्वयं विभाग के ही सिपहसालार बने, जिन्हें सिस्टम को लागू कराने की जिम्मेदारी दी गयी थी। नतीजा यह हुआ कि एक बार फिर हजारों की संख्या में फेक रजिस्ट्रेशन कराये गये। कैसे क्या हुआ बताते हैं आगे

सॉफ्टवेयर से भी स्मार्ट निकले माफिया

बोर्ड एग्जाम के फार्म फिलिंग प्रोसेस को ऑनलाइन पहली बार किया गया। इसके लिए एनआईसी ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को जो साफ्टवेयर प्रोवाइड कराया, उसमें कई फॉल्ट्स है। जिसका फायदा उठाते हुए एजुकेशन माफिया ने खूब फर्जी बोर्ड फार्म भरवाये। असल में क्0वीं व क्ख्वीं का बोर्ड फार्म भरते वक्त सॉफ्टवेयर 9वीं व क्क्वीं में स्टूडेंट का रजिस्ट्रेशन नंबर मांगता है। सॉफ्टवेयर में बरेली डिस्ट्रक्ट की सभी म् तहसीलों के स्टूडेंटस का रजिस्ट्रेशन नंबर अपलोड ही नहीं है। जिसका फायदा उठाकर सेम आईडेंटिटी वाले स्टूडेंट का एक से ज्यादा तहसीलों में अलग-अलग फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर की हेल्प से बोर्ड फार्म भ्ारा गया।

सुविधाजनक सेंटर पर एग्जाम दे रहे स्टूडेंट

एजुकेशन माफिया ने सॉफ्टवेयर के लूज पोल का फायदा उठाकर खूब फर्जी बोर्ड फार्म भरवाये। एक स्टूडेंट का एक से ज्यादा तहसीलों के स्कूलों से बोर्ड फार्म भरवाया गया। ताकि जिस स्कूल का सेंटर सुविधाजनक लगे, जहां आसानी से नकल करायी जा सके, स्टूडेंट उस सेंटर पर एग्जाम दे सके। इसी का नतीजा है कि पहली बार बोर्ड एग्जाम में बहुत बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स की अनुपस्थिति दर्ज की जा रही है। आंवला, नवाबगंज और फरीदपुर तहसील के ऐसे कई स्कूल है, जिनके स्टूडेंट्स ने बड़ी संख्या में एग्जाम छोड़ा। असल में ये स्टूडेंट्स दूसरी तहसीलों में सुविधाजनक सेंटर्स पर एग्जाम दे रहे हैं। सर्वोदय इंटर कॉलेज-आंवला, श्री सीएएस इंटर कॉलेज-फरीदपुर, एमजीएम इंटर कॉलेज-आंवला सहित ऐसे दर्जनों स्कूल हैं जिसके स्टूडेंट्स ने एक से ज्यादा स्कूलों से बोर्ड फार्म भरे। अब ये सुविधाजनक सेंटर पर एग्जाम दे रहे हैं।

फर्जी हैं कहां से लाये असली रजिस्ट्रेशन नंबर

पहले बोर्ड एग्जाम में ही साहू गोपी नाथ स्कूल में कई लड़कियां बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के ही एग्जाम देती पकड़ी गई। इसके बाद से हाईस्कूल और इंटर के बिना रजिस्ट्रेशन नंबर वाले स्टूडेंट्स की बाढ़ आ गई। असल में इन स्टूडेंट्स ने काल्पनिक रजिस्ट्रेशन नंबर की हेल्प से बोर्ड एग्जाम का फार्म भरा है। ऐसे में विभाग द्वारा प्रोवाइडेड रजिस्ट्रेशन नंबर इनके पास होना पॉसिबल ही नही है। जीएसएम इंटर कॉलेज-चांदमारी सुभाषनगर, शांत मौर्य कन्या इंटर कॉलेज-सीबी गंज, प्रताप किसान इंटर कॉलेज-मंझगवां आदि स्कूलों के स्टूडेंट्स बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के ही एग्जाम दे रहे हैं।

बता दें, एग्जाम सेंटर पर एंट्री के समय एडमिट कार्ड और 9वीं व क्क्वीं के रजिस्ट्रेशन नंबर को भी चेक किया जाता है। ताकि कोई फर्जी स्टूडेंट एग्जाम न दे सके। स्टूडेंटस पर रजिस्ट्रेशन नंबर न होने के बाद भी विभाग ने कोई खास एक्शन नहीं लिया है।

ऐसी गड़बड़ी होना पॉसिबल है, लेकिन हमारे स्तर से इस सॉफ्टवेयर को मॉनिटर नहीं किया जाता, इस गड़बड़ी पर परिषद को ही ध्यान देना होगा। आशा है कि अगले साल सॉफ्टवेयर के पुराने फॉल्ट्स को इंप्रूव कर इसे अपग्रेड किया जाएगा।

- संजय उपाध्याय, क्षेत्रीय सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद

स्कूल स्तर से स्टूडेंट्स के फार्म भरे जाते हैं, स्कूलों को पूरी ईमानदारी बरतते हुए बोर्ड फार्म भरवाने चाहिए थे। हम इसमें कोई मॉनिटरिंग नहीं कर सकते। यदि ऐसा फॉल्ट हुआ है तो इसका जिम्मेदार बोर्ड है।

- आशुतोष भारद्वाज, डीआईओएस