Politics से कोसों दूर
एमबीए में सबसे ज्यादा माक्र्स स्कोर करने वाली गोल्ड मेडलिस्ट नेहा गुप्ता को पॉलिटिक्स में कोई इंटरेस्ट नहीं है। उनका मानना है कि वहां करप्शन बहुत ज्यादा है। वह कहती हैं कि करप्शन खत्म करने के लिए ग्रास रूट पर काम होना जरूरी है। एजुकेशन के थ्रू ही इसे समाप्त किया जा सकता है। एमबीए में ऑल राउंडर स्टूडेंट का खिताब जीतने वाली गोल्ड मेडलिस्ट स्वाती मिग्लानी पूर्व आईपीएस किरण बेदी से खासा प्रभावित हैं, जो करप्शन के अगेंस्ट अपना मूवमेंट चला रही हैं। 65 परसेंट माक्र्स स्कोर करने वाली स्वाती कॉरपोरेट जगत में बड़ा नाम कमाना चाहती हैं। एक्सेल की तरफ बढऩा ही उनकी लाइफ का मोटो है।
Public के साथ न हो politics
बीटेक में ऑल राउंडर स्टूडेंट का खिताब अपने नाम करने वाली गोल्ड मेडलिस्ट भावना भाटिया नॉलेज और टेक्नोलॉजी के सहयोग से रूरल क्षेत्र में डेवलपमेंट लाना चाहती हैं, जिससे गरीबों को भी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का लाभ मिल सके। 65 परसेंट माक्र्स स्कोर करने वाली भावना का मानना है कि कंट्री में इल्लिटरेसी और करप्शन दो सबसे बड़े प्रॉब्लम्स हैं। लिटरेसी बढ़ेगी तो करप्शन भी खत्म हो जाएगा। एमबीए में सबसे ज्यादा माक्र्स स्कोर करने वाली वूमेन कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट दीपाली अग्रवाल का कहना है कि एजुकेशन एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसके माध्यम से करप्शन को दूर किया जा सकता है। पॉलिटिक्स पर दीपाली ने बेबाकी से कहा कि पब्लिक के साथ पॉलिटिक्स बंद की जाए।
कुछ अलग है इनकी ख्वाहिश
एमबीए की गोल्ड मेडलिस्ट नेहा गुप्ता को स्टार्टिंग से ही अपने करियर को एक अलग मुकाम पर ले जाने की चाह थी। वह पूरी भी हुई। एमबीए करने के बाद उन्होंने एक मैनेजमेंट कॉलेज में बतौर लेक्चरर ज्वाइन किया। नेहा ने बताया कि उसे टीचिंग का शौक है। कॉरपोरेट क्षेत्र में न जाकर उन्होंने स्टूडेंट्स की लाइफ को अपने नॉलेज के जरिए संवारने का मन बनाया। एमबीए की गोल्ड मेडलिस्ट वूमेन कॉलेज की दीपाली अग्रवाल दूसरों को इम्प्लॉयमेंट मुहैया कराना चाहती है। वह एक सफल एंटरप्रीनियोर बनना चाहती हैं। फिलहाल वह टीसीएस कंपनी में जॉब कर रही हैं। कुछ वर्ष कॉरपोरेट में वर्क करने के बाद वह अपना खुद का बिजनेस स्टैंड करेगी और दूसरों के लिए इम्प्लॉयमेंट क्रिएट करेंगी।
Degree सीखने का अंत नहीं
कनवोकेशन को अड्रेस करते हुए जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के कार्यकारी चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि उन्हें ब्लाइंडली किसी भी बात पर बिलीव नहीं करना चाहिए। यूथ को अपनी नजर से सभी को परखना चाहिए। चीफ गेस्ट जीबीटीयू के वीसी प्रो। कृपा शंकर ने कहा कि डिग्री मिलना सीखने का अंत नहीं है, बल्कि एक स्टूडेंट की लाइफ में लर्निंग पीरियड यहीं से स्टार्ट होता है। यहां से आप पर समाज के प्रति उत्तरदायित्व आ जाता है। एसआरएमएस के चेयरमैन देवमूर्ति ने स्टूडेंट्स से रिसर्च वर्क पर फोकस करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ती जा रही है। उसके सापेक्ष फैकल्टीज की भारी कमी है। ऐसे में स्टूडेंट्स को रिसर्च फील्ड में आने की आवश्यकता है। इस अवसर पर डीन एकेडमिक डॉ। प्रभाकर गुप्ता, डायरेक्टर जनरल प्रो। एसपी गुप्ता समेत सभी फैकल्टी मेम्बर्स और स्टूडेंट्स व उनके पेरेंट्स शामिल रहे।
26 को मिला medal
एसआरएमएस के कन्वोकेशन में मेरिटोरिअस स्टूडेंट्स को मेडल के साथ कैश प्राइज भी अवॉर्ड किया गया। बीटेक, एमबीए, एमसीए और बीफॉर्मा के 26 स्टूडेंट्स को मेडल दिए गए। वहीं 2011 में समाप्त हुए सेशन के 600 स्टूडेंट््स को डिग्री भी दी गई। इसमें से 420 बीटेक और 180 स्टूडेंट्स एमबीए, एमसीए और बीफॉर्मा के थे।
Medalist students
बीटेक में याशी अग्रवाल, भावना भाटिया, प्रगति खन्ना, याशी अग्रवाल, पूनम सेठी, शुक्ति शर्मा और ज्योति सिंह को गोल्ड मेडल दिया गया। वहीं मोनिका छाबड़ा के सिल्वर और ज्योति सिंह को ब्रॉन्ज मेडल प्रदान किया गया। बीफॉर्मा में नेहा गुप्ता और दीपक कुमर दुबे को गोल्ड और सपना कश्यप को सिल्वर और आफरीन को ब्रॉन्ज मेडल दिया गया। एमसीए में स्वाति अग्रवाल और नितीश शर्मा ने गोल्ड मेडल जीता और पल्लवी तलवाल को सिल्वर व रुचि सक्सेना को ब्रॉन्ज मेडल दिया गया। एमबीए में नेहा गुप्ता और हिमांशु श्रीवास्तव को गोल्ड, शिल्पी रस्तोगी को सिल्वर व शिल्पी अग्रवाल को ब्रॉन्ज मेडल दिया गया। एमबीए में ही वूमेन कॉलेज से दीपाली अग्रवाल और स्वाती मिग्लानी को गोल्ड, तान्या गुप्ता को सिल्वर व दीपिका जैन को ब्रॉन्ज मेडल दिया गया।