-उझानी थाना परिसर के आवास की तीसरी मंजिल से सिपाही ने बारहवीं की छात्रा को फेंका

-सिपाही गिरफ्तार कर भेजा गया जेल, एसएसपी ने किया सस्पेंड

-घटना के तीसरे दिन लड़की के होश में आने पर सच आया सामने,

-दो दिन तक पुलिस एक्सीडेंट में कुचलने की करती रही जांच

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ: बदायूं के मूसाझाग थाना में सिपाहियों द्वारा युवती से गैंगरेप का मामला अभी शांत भी नहीं पड़ा था कि एक बार फिर सिपाही की करतूत ने बदायूं के साथ पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया है। इस बार उझानी थाना के सिपाही ने थाना परिसर की तीसरी मंजिल से बारहवीं की छात्रा को धक्का दे दिया। छात्रा का बरेली के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। बताते हैं कि सिपाही ने छात्रा के साथ रेप का प्रयास किया। शुरुआत में पुलिस ने मामले को दबाने का काफी प्रयास किया, लेकिन बाद में आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और उसे सस्पेंड भी कर दिया है। सैटरडे को उझानी के मजिस्ट्रेट और सीओ ने बरेली पहुंचकर लड़की के बयान लिए। डीआईजी भी लड़की से मिले और उसका हाल जाना। डीआईजी ने मामले में आगे उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

पहले एक्सीडेंट में जान लेने के प्रयास का मामला

पुलिस के अनुसार 15 जनवरी की शाम को करीब 5 बजकर 50 मिनट पर एक लड़की को उझानी की पीएचसी में इलाज के लिए एडमिट कराया गया था। हालत गंभीर होने के चलते लड़की अपने बयान नहीं दे पायी थी। लड़की के मां ने अपने दो देवरों के खिलाफ उझानी थाने में एफआईआर दर्ज करायी। मां ने आरोप लगाया कि उसका देवरों से 5 लाख रुपयों को लेकर विवाद चल रहा है। इसी में वे उनके बच्चों की जान लेना चाहते हैं। 15 जनवरी की शाम को जब वह घर लौट रही थी तो एक बैगनआर कार आयी और उसकी बेटी को टक्कर मारकर जान लेने का प्रयास किया गया। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने मामला दबाने के लिए अनपढ़ मां से गलत एफआईआर पर अंगूठा लगवा लिया था।

जांच में सामने आयी असली कहानी

17 जनवरी को छात्रा को बरेली के रामपुर गार्डन स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। पुलिस टीमें भी छात्रा के साथ लगायी गई। शाम को जब छात्रा को होश आया तो पूरा मामला ही बदल गया, जो सामने निकलकर आया उससे पुलिस के एक बार फिर होश उड़ गए। किसी को इसकी भनक न लगे इसलिए मामले को बरेली पुलिस भी पूरी तरह से छिपाती रही। यही नहीं मीडियाकर्मियों को भी पीडि़ता से मिलने नहीं दिया गया। बताया जा रहा है कि सिपाही पहले बहला-फुसलाकर उसे अपने साथ क्वार्टर में ले गया। वहां पर उससे रेप का प्रयास किया। जब छात्रा ने चाकू निकालकर विरोध किया तो उसे छत से फेंक दिया। पुलिस अभी रेप के प्रयास की बात से साफ इंकार कर रही है।

रिलेशन रखने से कर दिया इंकार

वहीं पुलिस के अनुसार छात्रा का उझानी थाना में तैनात सिपाही गौरव टाइटलर से दो साल से फैमिली रिलेशन हैं। गौरव मूल रूप से आगरा का रहने वाला है। दोनों का घर पर आना जाना भी था। दोनों का लव रिलेशन भी चल रहा था। दोनों फ्यूचर में शादी करने के सपने भी देख रहे थे। दोनों की लव स्टोरी में एक और लड़की आ गई, जिसके बाद गौरव ने छात्रा से रिलेशन रखने से साफ इंकार कर दिया। वह 15 जनवरी को छात्रा से मिला था। उसके बाद शाम को छात्रा उससे मिलने पुलिस थाना मे बने क्वार्टर में गई थी। यहां पर गौरव ने उससे फ्यूचर में किसी भी तरह का रिलेशन रखने से इंकार कर दिया। जिसके बाद दोनों में झगड़ा हुआ और फिर गौरव ने छात्रा को तीसरी मंजिल की छत से पीछे की ओर धक्का दे दिया।

पुलिस महकमा में मचा हड़कंप

फ्राइडे शाम को सिपाही की करतूत सामने आने के बाद पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया। एक ही महीने में एक ही सर्किल उझानी के दूसरे थाने में इस तरह की करतूत से पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे। आनन-फानन में बरेली के रेंज पुलिसकर्मियों को भी इसकी खबर दी गई। रात में करीब 11 बजे डीआईजी आरकेएस राठौर, एसपी सिटी बरेली, सीओ उझानी सतीश कुमार व अन्य पुलिसकर्मी हॉस्पिटल पहुंचे और छात्रा का हाल जानकर उससे पूछताछ की। डीआईजी के निर्देश पर एसएसपी बदायूं ने तुरंत एक्शन लेते हुए सिपाही गौरव को हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ की। सैटरडे दिन में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और उसे सस्पेंड भी कर दिया गया।

फेसबुक से बिगड़ा मामला

छात्रा, उझानी के सीबीएससी स्कूल में पढ़ती है। वह काफी होनहार है। गौरव ने फेसबुक पर अपनी एक दूसरी लड़की के साथ फोटो अपलोड कर दी। इस बारे में छात्रा की सहेली ने उसे बताया तो छात्रा ने सिपाही से इसका विरोध किया। इसी मामले को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ था।

पहले लड़की के एक्सीडेंट में कुचल कर मारने के प्रयास की एफआईआर मां ने दर्ज करायी थी। लड़की के होश में आने के बाद सिपाही के द्वारा छत से फेंकने का मामला सामने आया। सिपाही को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और उसे सस्पेंड कर दिया गया है। मामले की जांच जारी है।

आरकेएस राठौर, डीआईजी बरेली

बदायूं की पुलिस ने देश का नाम किया बदनाम

बदायूं पुलिस हमेशा से अपनी करतूतों से चर्चा में रहती हैं। क्योंकि उसकी करतूत बदायूं ही नहीं बल्कि, पूरे देश का नाम दुनिया में बदनाम कर देती है। एक साल में तीसरी बार बदायूं पुलिस की वजह से देश की छवि खराब हुई है। आइए बताते हैं कि बदायूं पुलिस ने कब और कौन घिनौनी वारदात की--

27 मई 2014- बदायूं के उसैत थाना के कटरा सहादतगंज गांव में दो चचेरी बहनों के साथ गांव के ही तीन युवकों पर गैंगरेप के बाद हत्या की वारदात को अंजाम दिया। इस केस में दो सिपाहियों छत्रपाल यादव और सर्वेश यादव पर आरोपियों की मदद करने का आरोप लगा। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और बर्खास्त कर दिया गया। इंटरनेशनल मीडिया भी इस मामले की कवरेज करने के लिए पहुंची। अभी भी मामला कोर्ट में पेंडिंग है।

31 दिसंबर 2014- बदायूं के मूसाझाग थाना परिसर के क्वार्टर में सिपाही वीरपाल सिंह यादव और अवनीश यादव ने एक युवती के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। यही नहीं विरोध पर उसे जान से मारने की धमकी दी। थाना परिसर में ही वारदात से पूरे प्रदेश की पुलिस की छवि पर धब्बा लग गया। किसी तरह से प्लानिंग के तहत दोनों सिपाहियों को बरेली सिटी से दो दिन के अंतराल में गिरफ्तार कर लिया गया। यहां तक की शासन को सभी पुलिसकर्मियों को सालों से जमे एक ही स्थान से हटाना पड़ गया।