MS word और टैली सीखेंगे
जेल सुप्रिंटेंडेंट राधा कृष्ण शर्मा ने बताया कि जेल की लाइब्रेरी में कंप्यूटर लैब शुरू की गई है। बंदियों को एमएस वर्ड व टैली का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह सारा काम एनजीओ व पब्लिक की हेल्प से किया गया है। लैब में सात कंप्यूटर हैं। कुछ दिनों में सात और कंप्यूटर लाए जाएंगे। कंप्यूटर एजुकेशन से कैदियों को जेल से बाहर आने के बाद प्राइवेट संस्थान में नौकरी मिल सकेगी। पॉसिबल है कि नौकरी मिलने के बाद वे दोबारा अपराध नहीं करेंगे। 62 कैदियों ने ट्रेनिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। उनकी क्लासेज भी शुरू हो चुकी हैं। दोपहर 2:30 से 4:30 बजे तक दो घंटे की ट्रेनिंग दी जा रही है। 30 नवंबर से 5 दिसंबर तक एग्जाम होंगे।
जेल में कोई नहीं रहेगा निरक्षर
जिला जेल में अब कोई कैदी अब निरक्षर नहीं रहेगा। इसके लिए 90 दिन का साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। वहीं साक्षर कैदियों को आगे पढ़ाई करने का मौका दिया जाएगा। पढ़ाने का काम भी पढ़े-लिखे कैदी ही करेंगे। उन्हें 40 रुपए पर डे के हिसाब से भत्ता दिया जाएगा। जेल अधीक्षक की मानें तो 400 कैदी निरक्षर हैं। इनका पास के प्राइमरी स्कूल में रजिस्ट्रेशन कराया गया है। हर तीन महीने बाद नया बैच बनेगा। हर महीने एग्जाम होंगे। कैदियों को प्राइमरी स्कूल से 5वीं पास का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। वहीं, बीसलपुर रोड पर नई जेल बन रही है। नई जेल डबल स्टोरी बिल्डिंग होगी। 2014 की स्टार्टिंग में शिफ्टिंग हो जाएगी।
प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकेंगे
जेल अधीक्षक ने बताया कि 6वीं से 8वीं तक की पढ़ाई के लिए 32 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। 10वीं के लिए 20 और और 12वीं के लिए 19 कैदियों ने फॉर्म भरा है। कैदी ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन व अन्य प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकेंगे। इसके लिए इग्नू से टाईअप किया गया है। इसके लिए 40 कैदियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। यह सारी शिक्षा उन्हें फ्री में उपलब्ध कराई जाएगी। कुल 600 बंदियों की पढ़ाई का काम शुरू कर दिया गया है।
मुफ्त में मिलेंगे पैरोकार
जेल में कई ऐसे बंदी हैं जो अंडर ट्रायल हैं लेकिन उनके पास पैरवी के लिए पैरोकार नहीं है। ऐसे कैदियों के लिए जेल प्रशासन मुफ्त में पैरोकार की व्यवस्था करेगा। डीएम अभिषेक प्रकाश ने इस संबंध में जेल सुप्रिंटेंडेंट राधाकृष्ण शर्मा को निर्देश दिए हैं।