-एक दिन पहले ही शासन ने कमिश्नर से आइसीसीसी की मांगी थी रिपोर्ट

-कमिश्नर ने दो महीने में सेंटर का काम पूरा करने के दिए निर्देश

बरेली : शासन के द्वारा इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर के टेंडर की रिपोर्ट मांगे जाने के बाद वेडनेसडे को कमिश्नर बनाए जा रहे आइसीसीसी परिसर को देखने पहुंचे। सेंटर नगर निगम की बन रही नई बिल्डिंग में बनाया जा रहा है। कमिश्नर ने अधिकारियों को सेंटर को दो महीने में पूरा करने के निर्देश दिए।

27 ऑपरेटर रखेंगे नजर

मेयर डॉ। उमेश गौतम ने सीएम से इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर के टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इसके बाद शासन ने कमिश्नर से ट्यूजडे को रिपोर्ट तलब की थी। इसके दूसरे दिन यानि वेडनेसडे को ही कमिश्नर रणवीर प्रसाद कमांड कंट्रोल सेंटर के हो रहे निर्माण कार्य को देखने के लिए पहुंच गए। निगम की नई बिल्डिंग परिसर में ऊपरी तल पर करीब 25 सौ वर्गमीटर में कमांड कंट्रोल सेंटर का डिस्प्ले रूम बनाया जा रहा है, जहां पर करीब सत्ताइस ऑपरेटर एक साथ बैठकर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज पर निगरानी रखेंगे, जबकि इसके पास ही इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर के स्टाफ के लिए दो 15-15 सौ वर्गमीटर के एरिया में हॉल का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें ऑफिस बनाया जाएगा। कमिश्नर के निरीक्षण के समय उनके साथ नगर आयुक्त अभिषेक आनंद, मुख्य अभियंता संजय कुमार सिंह चौहान और दूसरे अभियंता भी मौजूद थे। कमिश्नर ने नगर आयुक्त से कमांड कंट्रोल के स्ट्रक्चर और नक्शे के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मौजूद अधिकारियों से सेंटर को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। इस पर अधिकारियों ने कहा कि अभी निर्माण कार्य पूरा करने में करीब तीन महीने लगेंगे। कमिश्नर ने कहा निगम कार्यालय और इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर एक ही परिसर में है। इसलिए दोनों के गेट अलग अलग होने चाहिए।

नहीं बनाए वेंटीलेटर

उन्होंने परिसर इंजीनियरों से कहा कि जब पूरी बिल्डिंग कॉलम बीम और पिलर पर खड़ी है तो इतनी मोटी दीवार क्यों। उन्होंने से इस बात पर नाराजगी जताई की बिल्डिंग में वेंटीलेटर नहीं बनाए गए हैं, जिससे हवा पास हो सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि डाटा सेंटर के निर्माण में गुणवत्ता का खास ध्यान रखा जाए। साथ ही उन्होंने डाटा सेंटर के बगल में बनने वाले टॉयलेट के बारे में भी जानकारी ली।

महापौर ने की थी शिकायत

महापौर ने इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर के टेंडर में गड़बड़ी की सीएम से शिकायत की थी। इसके बाद सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने कमिश्नर को पत्र जारी करके मामले की रिपोर्ट मांगी है, जिससे पूरे मामले की जांच की जा सके।