-डीएम और कलेक्ट्रेट ऑफिस में निरीक्षण के दौरान डीएम को मिली कई खामियां
-राजस्व की फाइलों पर न तो थी जिल्द और न ही थी बैंड, जमकर लगी फटकार
बरेली- मंडे को कमिश्नर रणवीर प्रसाद का सामना कलेक्ट्रेट में खुली और फटी फाइलों और बिजली के खुले तारों से हुआ। यही नहीं रिकॉर्ड को भी सही से मेन्टेन नहीं किया गया था, जिस पर कमिश्नर का पारा चढ़ गया। कमिश्नर ने बाबुओं को जमकर फटकार लगाई। कमिश्नर मंडे को डीएम ऑफिस और कलेक्ट्रेट परिसर का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने सबसे ज्यादा समय राजस्व रिकॉर्ड रूम और एसएलओ ऑफिस में दिया। कमिश्नर के करीब 5 घंटे के दौरे के दौरान कर्मचारियों में हड़कंप मचा रहा।
दौरा टलने का कर रहे थे इंतजार
शासन से सभी कमिश्नर को निर्देश आए थे कि कलेक्ट्रेट का निरीक्षण किया जाए। इस संबंध में करीब 15 दिन पहले कलेक्ट्रेट के निरीक्षण की खबर पहुंचा दी गई थी। उसके बाद से साफ-सफाई और फाइलों के मेंटीनेंस का काम चल रहा था। पहले 4 जनवरी की डेट रखी गई थी, लेकिन इसे कैंसिल कर दिया गया था। उसके बाद 7 जनवरी की डेट रखी गई थी लेकिन डीएम के ट्रेनिंग में जाने, एडीएम ई आरएस द्विवेदी के हॉस्पिटल में एडमिट हो जाने से और एक कर्मचारी की डेथ हो जाने से कर्मचारियों को लग रहा था कि दौरा टल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
साफ-सफाई नहीं मिली बेहतर
मंडे सुबह करीब 11 बजे कमिश्नर दौरे के लिए पहुंच गए। उनके साथ में प्रभारी डीएम सीडीओ सत्येंद्र कुमार, एडीएम सिटी ओपी वर्मा, एडीएम फाइनेंस मनोज पांडेय, सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने साफ-सफाई में कमी पाने पर प्रशासनिक अधिकारी और पेशकार को निर्देश दिये कि कलेक्ट्रेट परिसर व कार्यालय में साफ-सफाई बेहतर रखी जाये। उन्होने कहा कि फाइलों व रजिस्टरों का मेन्टीनेस कर रखते हुये कोई भी फाइल पेन्डिग में न रखी जाये, फाइलों को अगले पटल पर भेजते हुये कार्यो को पूर्ण करें। उन्कंने हाजिरी रजिस्टर को भी चेक किया।
टूटी सीढि़यों को सही कराने के निर्देश
कमिश्नर ने चकबंदी ऑफिस के निरीक्षण में पाया कि वहां की सीढि़यां टूटी पड़ी हैं। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी को सीढि़यां सही कराने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने लाइसेंस सेक्शन का निरीक्षण करते हुये शस्त्र लिपिकों को निर्देश दिये कि जो आवेदन प्राप्त होते हैं, उनको प्रत्येक दिन के आवेदनों को रजिस्टर में रजिस्टर्ड किया जाए। उन्होने रूम नंबर 9 में बने नेशनल इनफॉर्मेशन सेन्टर का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जो नए क्लर्क हैं, उन्हें इस सेंटर में ट्रेनिंग दी जाए। उनकी रजिस्टर में भी एंट्री दी जाए।
वायरिंग से आग न लग जाए
कमिश्नर ने रूम नंबर 10 में राजस्व अभिलेखों के निरीक्षण में पाया कि चकबन्दी बस्ता, जिल्द चकबन्दी की पुरानी फाइलें खुली थीं और उन्हें बैंड नहीं किया गया था। उन्होंने क्लर्क को जमकर फटकार लगायी। उन्होंने पुरानी फाइल को मेंटीनेंस करने और गांवों की लिस्ट बनाने के निर्देश दिए। बस्ता और फाइलों का रख-रखाव ठीक किया जाए। उन्होंने रूम में विद्युत की वायरिंग को ठीक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तार फाइलों से टच नहीं होने चाहिए। फायर एक्सटिंग्यूसर का भी इंतजाम किया जाए।
5 साल से नहीं लगाया शासनादेश
कमिश्नर ने निवार्चन ऑफिस के निरीक्षण के दौरान वोटर लिस्ट के बारे में पूछताछ की। एसएलओ ऑफिस में पाया कि 12 मामलों की लिस्ट रजिस्टर में दर्ज ही नहीं की गई थी। सूची में पेंडिंग मामले भी नहीं लिखे थे। गाइड फाइल में 6 मई 2013 के बाद कोई भी शासनादेश नहीं लगाया गया था। इस पर कमिश्नर ने नाराजगी जाहिर की।