- स्टूडेंट्स को बोल कर लिखाया जा रहा थे आंसर
- आरयू ने दिए जांच के आदेश
- सेंटर बनाने के पैनल को भी दिया नोटिस
BAREILLY: एग्जाम्स से पहले आरयू ने नकल को रोकने के बड़े-बड़े दावे किए थे। सेंटर बनाने के लिए लंबी कवायद चली। पैनल बनाया गया और काफी निरीक्षण के बाद सेंटर फिक्स किए गए। लेकिन मेन एग्जाम के पहले ही आरयू के दावों की हवा निकल गई। दूर-दराज के कॉलेजेज में जमकर सामूहिक नकल हो रही है। इस बात की पुष्टि फ्लाइंग स्क्वॉयड ने भी की। अब अपनी इमेज सुधारने में जटा आरयू ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए पूरे प्रकरण पर जांच बिठा दी है। उधर एग्जाम्स के दिन ही कई स्टूडेंट्स एडमिट कार्ड के लिए भटकते रहे। लेकिन ना तो आरयू से मदद मिली और न ही कॉलेजेज से। एडमिट कार्ड से वंचित कई स्टूडेंट्स का एग्जाम्स छूट गया।
एक ही पैटर्न में लिखे थे आंसर
मेन एग्जाम्स के पहले ही सामूहिक नकल के प्रकरण ने आरयू की एग्जाम्स पर काला धब्बा लगा दिया। बहेड़ी के दर्शन सिंह कॉलेज में सामूहिक नकल होने की कंप्लेन की गई है। यहां पर ऑरयू के डॉ। जेएन मौर्या और बीसीबी के डॉ। नीरज राठौर के दस्ते ने इस कॉलेज पर छापा मारा। दस्ते ने यहां से एक नकलची को तो धरा ही साथ ही काफी विपरीत स्थितियां भी देखने को मिली। दस्ते ने आरयू को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि पेपर के ऑब्जेक्टिव क्वेश्चंस के आंसर पर टीचर्स बोल कर लिखवा रहे थे। उन्होंने जब अधिकांश स्टूडेंट्स की कॉपी चेक की तो सभी के आंसर लिखने का पैटर्न एक जैसा ही था। इसके अलावा इसी दस्ते ने बहेड़ी के ही एक और कॉलेज चौधरी हरनाम सिंह में भी छापा मारा। यहां से भी एक नकलची छात्र पकड़ा गया।
बिठाई जांच, नोटिस जारी
दस्ते की रिपोर्ट के आधार पर आरयू के रजिस्ट्रार एके सिंह ने पूरे प्रकरण को लेकर जांच के आदेश दे दिए हैं। टीचर्स का ही एक पैनल इसकी जांच करेगा। यही नहीं एग्जाम सेंटर्स फिक्स करने के लिए जो पैनल बनाया गया है उसपर भी सवाल उठाए गए। रजिस्ट्रार ने पैनल के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है।
एडमिट कार्ड के लिए लगाई दौड़
एग्जाम्स के दिन भी कई स्टूडेंट्स एडमिट कार्ड के लिए भटकते दिखे। इनमें से वे भी स्टूडेंट्स थे जिनका एग्जाम मंडे को ही था। आरयू से लेकर कॉलेजेज तक इन्होंने दौड़ लगाई लेकिन कोई हल नहीं निकला। आरयू के एमबीए डिपार्टमेंट में ऐसे स्टूडेंट्स जमावड़ा लगाए हुए थे। आरयू ने इन स्टूडेंट्स की हेल्प करने में हाथ खड़े कर दिए। कॉलेजेज की तरफ से इनका फॉर्म वेरिफाई न होने के चलते इनका एडमिट कार्ड जारी नहीं हो सका। आरयू ने कॉलेज से फॉर्म फॉरवर्ड कराने को कहा। लेकिन आरयू का सर्वर में गड़बड़ी होने की वजह से फॉर्म फारवर्ड नहीं हो पाए।
कई एग्जाम्स देने से चूके
एडमिट कार्ड न मिलने की वजह से कई स्टूडेंट्स एग्जाम्स देने से चूक गए। बीकॉम सेंकेंड ईयर का स्टूडेंट मयंक शर्मा बीसीबी में फॉर्म फॉरवर्डिग कराने के लिए चक्कर काट रहे थे। लेकिन वेरिफिकेशन करने के लिए कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं था। सभी एग्जाम ड्यूटी में मुस्तैद थे। मयंक कई जगह गुहार लगाई लेकिन उनका फॉर्म वेरिफाई नहीं हो पाया। जिस वजह से न तो एडमिट कार्ड मिला और न ही वह एग्जाम में अपीयर हो सका। मयंक की तरह ही कई ऐसे स्टूडेंट्स थे जो आरयू और कॉलेज की लापरवाही का शिकार हुए।
क्वेश्चन भी गलत पूछा गया
एग्जाम के पहले ही दिन पेपर में भी गड़बड़ी होने की सूचना मिली है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। मिली इंफॉर्मेशन के मुताबिक बीकॉम सेकेंड ईयर के एग्जाम में एक क्वेश्चन गलत पूछ लिया गया था। यह ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चन था। जिसके चार विकल्प में से एक सही विकल्प लिखना था। स्टूडेंट्स ने बताया कि प्रथम भारतीय कंपनी अधिनियम पारित करने का वर्ष लिखना था। लेकिन दिए गए विकल्पों में से एक भी विकल्प सही नहीं था।
बदली व्यवस्था से भी हुई परेशानी
एग्जाम के दौरान पहली बार बीसीबी ने व्यवस्था बदली तो काफी स्टूडेंट्स को परेशानी भी हुई। बीसीबी ने इस बार दोनों मेन गेट पर केवल डिपार्टमेंट का नाम लिखा था। यह नहीं मेंशन किया किस रोल नम्बर तक के स्टूडेंट्स को किस रूम नम्बर में जाना है। स्टूडेंट्स ने पहले डिपार्टमेंट पता किया और फिर वहां पर जाकर उन्होंने अपने रूम नम्बर का पता किया। इससे स्टूडेंट्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।