- ठंड में बढ़ी 20 मेगावॉट बिजली की डिमांड
- ब्लोअर और हीटर के इस्तेमाल से विभाग को लग रहा फटका
- इल्लीगल तरीके से बिजली हो रही सबसे अधिक कंज्यूम
BAREILLY:
पॉवर कॉरपोरेशन मुख्यालय के लाख प्रयास के बाद भी शहर में बिजली की समस्या बरकरार है। ठंड बढ़ते ही शहर में बिजली की डिमांड भी काफी बढ़ गयी है। बढ़ी हुई डिमांड के अलावा इल्लीगल तरीके से बिजली का इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी कम नहीं है। ठंड के चलते ब्लोअर, हीटर और गीजर जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण का ठंड में धड़ल्ले से इस्तेमाल होना शुरू हो गया है। बिजली विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस समय प्रतिदिन 20 मेगावॉट बिजली की डिमांड बढ़ गई है।
318 मेगावॉट बिजली की सप्लाई
वर्तमान समय में ट्रांसमिशन से डिस्टिब्यूशन को 318 मेगावॉट बिजली की सप्लाई की जा रही है। इनमें से 132 के एमवीए कैंट से 103 मेगावॉट, बालीपुर 40 एमवीए से 25 मेगावॉट, सीबीगंज 103 एमवीए से 90 मेगावॉट व दोहना 180 एमवीए से 100 मेगावॉट बिजली शहर को मिल रही है। इनमें से हर रोज करीब 20 मेगावॉट बिजली चोरों का घर रोशन कर रही है। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक जितनी बिजली ट्रांसमिशन से डिस्टिब्यूशन को मिल रही है उसमें शहर के पौने दो लाख कंज्यूमर्स को आसानी से 22 घंटे से अधिक बिजली मिल सकती है, लेकिन ठंड के मौसम में इल्लीगल तरीके बिजली इस्तेमाल करने वालों की संख्या एकाएक बढ़ गयी है।
हर घंटे हजार यूनिट की चपत
बिजली विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एक मेगावॉट मतलब प्रति घंटे के हिसाब से 1,000 यूनिट बिजली का मिस यूज हो रहा है। यदि हिसाब से देखा जाए तो, पूरे वेदर में कई लाख यूनिट बिजली
लॉस हो जाएगी। विभाग की भाषा में लाइन लॉस को डिपार्टमेंटल लैंग्वेज में 'एग्रीग्रेटेड टेक्निकल एंड कॉमर्शियल लॉस' बोलते हैं। यानि पावर कॉर्पोरेशन का मानना है कि बिजली का बर्बादी दो तरह से होती है,
एक टेक्निकल और दूसरा कॉमर्शियल है। प्रजेंट टाइम में टाइम में टेक्निकल और कॉमर्शियल दोनों ही ही तहर से बिजली लॉस हो रही है। विभाग को सबसे अधिक समस्या जगतपुर, कोहाड़ापीर, शहदाना जैसे एरिया से है। इन एरिया में सबसे अधिक बिजली का मिस यूज होता है।
कर्मचारियों की सबसे बढ़ी समस्या
वेदर में बढ़ी हुई बिजली डिमांड को कम न कर पाने के पीछे कर्मचारियों की कमी सबसे बड़ा रीजन है। कर्मचारियों की कमी के चलते विभाग प्रॉपर अभियान नहीं चला पा रहा है। कई साल से जेई, लाइनमैन जैसे पोस्ट खाली पड़े हुए है। कर्मचारी संघ के लोगों ने बताया कि, बिजली विभाग को अभी क्भ्00 कर्मचारियों
की जरूरत है। फिलहाल विभाग में भ्00 संविदा और परमानेंट कर्मचारी वर्क कर रहे है। हालांकि कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे विभाग के अधिकारी लाइन लॉस को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है। फिलहाल तीनों डिविजन के एक्सईएन को यह निर्देश दिए गए हैं कि, अपने स्तर पर अभियान चलाकर इल्लीगल तरीके इस्तेमाल हो रहे बिजली पर रोक लगाएं।
एनर्जी सेफ यंत्रों का इस्तेमाल
कर्मचारियों की कमी के चलते विभाग एनर्जी सेफ उपकरणों का इस्तेमाल करने की सोच रहा है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, एनर्जी लॉस को रोकने के लिए लाइनों को एनर्जी ऑडिटिंग सिस्टम से गुजारा जाएगा। इस सिस्टम के लगने के बाद बिजली से वर्क करने वाले उपकरण में बिजली कम खपत होती है। लाइनों के अलावा इंसुलेटर, फ्यूल और फीडर पर भी एनर्जी ऑडिटिंग सिस्टम लगाए जाने का काम होगा। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड लखनऊ के अंतर्गत आने वाले चारो जोन में एनर्जी ऑडिटिंग सिस्टम लगाए जाने की प्लॉनिंग है। इन चारो जोन में बरेली, फैजाबाद, लखनऊ व लेसा शामिल है।
ठंड में मार्केट हीट
टेम्प्रेचर गिरते ही मार्केट का टेम्प्रेचर बढ़ गया है। इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में लोगों की भीड़ बढ़ गयी है। ब्लोअर, गीजर और हीटर वाली दुकानों पर सिविल लाइन, नॉवेल्टी, कोहाड़ापीर, बटलर प्लॉजा साहित
अन्य एरिया में ऐसी दुकानों की संख्या फ्0 से भी अधिक हैं। शॉप ओनर जुवैद अहमद बताया कि, सबसे
अधिक ब्लोअर और हीटर की बिक्री इस समय हो रही है। एक दुकान से रोज फ् से ब् ब्लोअर बिक जा रहे हैं।
मार्केट में ब्लोअर क्800 से ख्भ्00, गीजर क्भ् लीटर म् हजार और ख्भ् लीटर का 8 हजार में बिक रहे है।
डिस्टिब्यूशन को इस समय फ्क्8 मेगावॉट बिजली हर रोज दी जा रही है। पहले के मुकाबले बिजली की डिमांड बढ़ी है। आने वाले दिनों में बिजली की डिमांड में और इजाफा होगा।
एके अग्रवाल, एसई, ट्रांसमिशन