-कुछ सुविधाएं हैं तो कुछ की है कमी
-बसने पर अलग ही नजर आएगा टीपीनगर
BAREILLY: ट्रांसपोर्ट नगर सिटी से कुछ दूरी पर जरूर है, लेकिन अगर यह पूरी तरह से बस गया तो एक अलग सिटी के रूप में नजर आएगा। यही नहीं बरेली सिटी की भी सूरत बदली-बदली सी नजर आएगी। सैकड़ों लोगों को रोजगार मिल जाएगा और हजारों लोगों को इसका फायदा भी मिलेगा। शहर से जाम की भी प्रॉब्लम काफी हद तक दूर हो जाएगी। अभी टीपीनगर में कुछ प्रॉब्लम हैं जिन्हें दूर करने में प्रशासन लगा हुआ है। आइए बताते हैं कि इस वक्त क्या हैं टीपीनगर के हालात
क्ब् साल बाद जगी उम्मीद
लोकापर्ण के करीब क्ब् साल बाद टीपीनगर के पूरी तरह से बसने की उम्मीद जगी है। इसका लोकापर्ण वर्ष ख्000 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, काउंटर मैग्नेट बरेली सिटी परियोजना के अंतर्गत यूपी के तत्कालीन आवास एवं नगर मंत्री लालजी टंडन और केंद्रीय राज्यमंत्री पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस की अध्यक्षता में किया गया था। टीपीनगर में इंट्री के मेन गेट पर दो रास्ते बने हुए हैं और एक रास्ता कुछ दूरी पर है। यहां पर पहले से ही कई ट्रांसपोर्टर के आफिस खुले हुए हैं और उनका काम भी चल रहा है। इसके अलावा मैकेनिक की शॉप, मोटर पार्टस की शॉप, चाय व खाने के ढाबे खुले हुए हैं। यहां पेट्रोल पंप भी पहले से मौजूद है। ट्रकों को खड़ा करने के लिए सभी ब्लॉक में ख्0 पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसमें करीब क् हजार से अधिक ट्रक एक साथ खड़े हो सकते हैं। बैंक की जमीन का नक्शा पास हो चुका है। उम्मीद है कि एक महीने में बैंक भी स्टार्ट हो जाएगी। बीएसएनल टेलीफोन एक्सचेंज काम कर रहा है जिससे सभी मोबाइल में नेटवर्क भी अच्छे आ रहे हैं। सिक्योरिटी के लिए टीपीनगर चौकी भी चल रही है।
व्यवस्थाओं में कुछ कमियां हैं
टीपीनगर में सबसे अहम जरूरत बिजली और पानी की है जिसकी व्यवस्था पहले से ही है, लेकिन इसमें दिक्कते हैं। पहले से ही टीपीनगर में बसे दुकानदारों का कहना है कि बिजली आती है, लेकिन मामूली फॉल्ट पर दो-दो दिनों तक चली जाती है। यही नहीं पानी की पाइप लाइन कई जगह से फटी हुई है। करीब दो सौ से अधिक स्ट्रीट लाइटें और हाईमास्क लाइटें भी खराब पड़ी हैं। बिजली और पानी की प्रॉब्लम को ठीक करने के लिए सैटरडे बीडीए के एई व जेई पहुंचे हुए थे।
इन सुविधाओं की अभी है कमी
टीपीनगर में इससे अलावा धर्मकांटा की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा फायर स्टेशन और सर्विस स्टेशन की भी जरूरत है। इन तीनों के लिए टीपीनगर में जगह का पहले से ही इंतजाम किया गया है। सर्विस स्टेशन और धर्मकांटा के प्रयास किए जा रहे हैं। आवंटन होते ही इसे भी बना लिया जाएगा। प्रशासन पहले ही यहां बस स्टाप बनाने की बात कह चुका है।
तेजी से बन रहे हैं कई ऑफिस
टीपीनगर की फाइनल डेट घोषित होने के बाद ट्रांसपोर्टर व व्यापारी यहां पहुंचने लगे हैं। कई लोगों की दुकानें आधी बनकर तैयार हो चुकी हैं तो कईयों ने बनाने की शुरुआत हो चुकी है। सैटरडे को निरीक्षण के दौरान बीडीए के इंजीनियरों के साथ इन लोगों के कर्मचारी काम करते नजर आए। कई दुकानें तेजी से बन रही थीं।
कुछ अवैध कब्जे भी हैं
टीपीनगर अभी पूरी तरह से बसा नहीं है, लेकिन यहां पहले से ही कुछ अवैध कब्जे हो रखे हैं। ये कब्जे सड़क के किनारे हो रखे हैं। इनमें से किसी ने चाय की दुकान खोल रखी है तो किसी ने खाने का ढाबा खोल रखा है। कुछ छोटे-मोटे मैकेनिक भी सड़क किनारे बैठ गए हैं। इस बारे में ट्रांसपोर्टर की शिकायत पर प्रशासन का कहना है कि जब सभी टीपीनगर में पहुंच जाएंगे तो अतिक्रमण को भी हटा दिया जाएगा।
फाइल फैक्ट
-वर्ष ख्000 में हुआ लोकापर्ण
-ख्ब्.89 हेक्टेयर एरिया
-क्08म् हैं भूखंड
-क्07म् आंवटन हो चुके
-ख्0 पार्किंग की व्यवस्था
-क्000 से अधिक ट्रक हो सकते हैं खड़े
बैंक और वर्कशॉप की व्यवस्था नहीं है। कर्मचारियों के ट्रांसपोर्ट भी प्रॉब्लम है। इसके अलावा भी कुछ दिक्कते हैं, बावजूद इसके हम लोग ट्रांसपोर्ट नगर में जाना चाहते हैं।
हरीश बिग, प्रेसीडेंट, द बरेली ट्रांसपोर्टर एंड पब्लिक कैरियर एसोसिएशन
ट्रांसपोर्ट नगर में ऐसी कोई बड़ी कमी नहीं है, जिससे वहां ट्रांसपोर्टर ना जा सकें। वहां पहले से ही कई ट्रांसपोर्टर व दुकानदार मौजूद हैं। बिजली-पानी की कुछ प्रॉब्लम है जिसे बीडीए के अधिकारी दूर कर रहे हैं।
आरपी सिंह, एडीएम सिटी बरेली