क्योंकि ये status का मामला है
क्लब मेंबर बनना बरेलियंस के लिए स्टेटस सिंबल है। शायद यही कारण है कि सिटी में मेन और वीमेन के नए क्लब्स जल्द ही फॉर्म हो जाते हैं। इंटरनेशनल सर्विस क्लब्स की यूनिट से लेकर इंटरटेनमेंट क्लब तक सिटी में सभी की भरमार है। लाखों की फीस के बावजूद यहां मेंबरशिप लेने के लिए एप्लीकेशंस पेंडिंग ही रहती है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मेंबर्स की संख्या बढ़ जाने पर कुछ रेजीडेंशियल क्लब्स ने मेंबरशिप ही बंद कर दी है।
करीब 6,000 लोग इससे जुड़े
सिटी की पॉपुलेशन का एक बड़ा हिस्सा इससे जुड़ा हुआ है। इनके मेंबर्स की संख्या हजारों में है। हालांकि, इसकी एक वजह यह भी है कि सिटी में पब्लिक के लिए इंटरटेंमेंट के
ज्यादा साधन भी उपलब्ध नहीं हैं। वहीं सोशल सर्विस से जरूरतमंदों को हेल्प भी मिल जाती है। वहीं इंटरनेशनल क्लब्स की यूनिट में लोग सोशल सर्विस करने के लिए भी अपना पूरा समय देते हैं।
Club की services
आम तौर पर क्लब्स किसी गांव को गोद लेते हैं। जरूरतमंदों की हेल्प करते हैं, पर्यावरण सुरक्षा के लिए प्लांटेशन, ब्लड डोनेशन कैंप, हेल्थ कैंप, गल्र्स एजुकेशन के लिए कोचिंग, सामूहिक विवाह जैसे काम करते हैं।
ऐसे होती है funding
सर्विस क्लब्स के मेंबर बनने पर एप्लीकेंट्स क ो 5-25 हजार तक की फीस देनी होती है। वहीं मेंबर्स से हाफ ईयरली 1500 से 5000 तक की फीस देनी होती है। क्लब के प्रोग्राम्स इसी फंडिंग से पूरे कराए जाते हैं। इस फंडिंग का कुछ पार्ट डिस्ट्रिक्ट और कुछ इंटरनेशनल हेडक्वार्टर को भी भेजा जाता है। वहीं जब क्लब द्वारा अपने लिए कोई एसेट तैयार कराई जाती है तो उसके लिए हाफ फंडिंग हेड ऑफिस से ली जा सकती है। वहीं रेंजीडेंशियल क्लब्स में सबसे ज्यादा मेंबरशिप फीस 5 लाख रुपए है। वहीं अन्य क्लब्स की फीस 51 हजार से शुरू होती है।
ये भी जुड़े हैं क्लब से
सिटी में मेयर आईएस तोमर, इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ। उमेश गौतम, पीपीजी इंस्टीट्यूट की एमडी पूजा सिंघल, केसीएमटी के डायरेक्टर विनय खंडेलवाल, सीए राजेन विद्यार्थी, इंडस्ट्रियलिस्ट दिनेश गोयल, अजय शुक्ला, बिजनेसमैन संदीप मेहरा, मनीष खंडेलवाल भी क्लब्स से जुड़े हुए हैं।
ये हैं क्लब्स
सिटी के क्लब्स को दो कैटेगरीज में डिस्ट्रीब्यूट किया जा सकता है। पहला रेजीडेंशियल क्लब्स, जिनका मकसद इंटरटेनमेंट प्रदान करना होता है। वहीं दूसरी कैटेगरी सोशल सर्विस करने वाले क्लब्स की है। इन क्लब्स का मकसद इंटरटेनमेंट के साथ सोशल सर्विस करना भी होता है। सिटी में इंटरनेशनल क्लब्स की 51 यूनिट्स वर्किंग है।
Club Unit Member
रेजीडेंशियल क्लब्स 5 4000
यूनिट्स ऑफ रोटरी क्लब 30 1000
यूनिट्स ऑफ इनरव्हील क्लब 12 300
यूनिट्स ऑफ लायंस क्लब 7 150
यूनिट्स ऑफ जेसीज क्लब 2 100
अदर क्लब्स 5 250
(जेसीज क्लब क ा मेंबर बनने के लिए मैक्सिमम एज 40 ईयर्स ही हो सकती है। मेंबर्स की संख्या बातचीत के आधार पर मेंशन की गई है.
क्लब के जरिए इंटरटेनमेंट तो होता ही है, साथ ही सोशल सर्विस भी होती है। क्लब ने हाल ही में कई पब्लिक सेमिनार ऑर्गनाइज किए हैं। क्लब कई सेक्टर्स में डोनेशन भी करता है।
-राजन विद्यार्थी, प्रेसीडेंट, रोटरी क्लब ऑफ बरेली
क्लब ने हाल ही में एक गांव क ो गोद लिया है। इस गांव में हेल्थ और एजुकेशन के लिए क्लब प्रयासरत है। यहां एजुकेशन के लिए कोचिंग सेंटर भी खोलने की प्लानिंग है।
-पूजा सिंघल, इनरव्हील क्लब ऑफ बरेली वेस्ट वेव्ज
क्लब मेंबर्स फेस्टिवल्स को सेलिब्रेट करने लिए ओल्ड एज होम या ऑरफेनेज में जाते हैं। इसके अलावा क्लब कुछ जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई के लिए भी क्लास शुरू करने वाला है।
-वंदना मिश्रा, प्रेसीडेंट, सखी क्लब
क्लब में इंटरटेंमेंट के लिए स्पोट्र्स, बार, स्विमिंग पूल जैसी फैसिलिटीज एवेलेबल हैं। इसके अलावा फेस्टिवल्स पर क्लब में स्पेशल इवेंट्स ऑर्गनाइज किए जाते हैं।
- नरेंद्र गुप्ता, ओनर,एग्जिक्यूटिव क्लब
क्लब इंटरटेनमेंट के लिए फै सिलिटीज प्रोवाइड कराता है। यहां लाइब्रेरी, कार्ड रूम, बार, फैमिली एंज्वॉयमेंट के लिए डाइनिंग हॉल और स्पेशल इवेंट्स भी ऑर्गनाइज कराए जाते हैं।
-अजय शुक्ला, मेंबर, मैनेजमेंट कमेटी