150-से अधिक पार्क हैं नगर निगम का

100-पार्को में लग चुके ओपन जिम

30-पार्को में ओपन जिम अभी बनना हैं

120-कितने पार्को का हो चुका है रेनावेशन

30-पार्को के रेनेवोशन का है प्रस्ताव

बरेली : शहर भले ही स्मार्ट सिटी का दर्जा पा चुका है, शहर को स्मार्ट करने के लिए नगर निगम भरसक प्रयास कर रहा है। लेकिन करीब तीन वर्ष से टूटे पड़े गांधी उद्यान की बापू बाल वाटिका में बच्चों के झूले आज भी टूटे हुए पड़े हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम दोपहर दो बजे पहुंची तो देखा गांधी उद्यान के बापू बाल वाटिका सहित पूरे पार्क में घूमने वालों की भीड़ थी। लेकिन बापू बाल वाटिका में आने वाले अधिकांश बच्चे तो मायूस होकर वापस लौट रहे थे जबकि कुछ बच्चे टूटे हुए झूलों पर ही झूल रहे थे।

लंबे समय से टूटे झूले

गांधी उद्यान की बापू बाल वाटिका में करीब दर्जन भर से अधिक अलग-अलग तरह के झूले लगाए गए थे। ताकि पार्क में आने वाले बच्चे इंज्वॉय कर सके, और झूलों पर भी झूल सके। यह झूले पुराने होते गए और मरम्मत न होने के चलते यह धीरे-धीरे टूट भी गए। आज पार्क में लगे झूलों में से अधिकांश तो टूट गए हैं लेकिन इनकी मरम्मत नहीं हो पा रही है। जिस कारण पार्क में परिवार के साथ आने वाले बच्चों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। हालांकि परिवार वाले भी पार्क आकर टूटे झूलों को देखकर परेशान होकर वापस चले जाते हैं।

हो जाते हैं घायल

-बापू बाल वाटिका में टूटे झूलों पर झूलने वाले बच्चों में से डेली ही कोई न कोई बच्चा गिरकर घायल हो रहे हैं। हालांकि देखरेख के अभाव में बच्चे घायल हो रहे हैं लेकिन इन टूटे झूलों को कोई मरम्मत कराने वाला नहीं है।

बड़े भी बन जाते हैं बच्चे

पार्क में लगे झूलों को देखकर बड़े भी उन पर झूलने लग जाते हैं। झूलों के टूटने का यह भी एक बड़ा कारण है। लेकिन देखरेख ठीक से नहीं होने चलते इनको कोई रोकने वाला नहीं है.यही कारण है इन बच्चों के झूलों पर बड़े भी आकर इंज्वॉय करते हैं और बच्चों के झूलों का तोड़ भी देते हैं।

ओपन जिम लगाने पर जोर

नगर निगम ने गांधी उद्यान में दो ओपन जिम तो लगा दिए जहां पर बच्चे महिलाएं और सीनियर सीटिजन आकर जिम की जगह इंज्वॉय पूरा दिन करते हैं। लेकिन बापू बाल वाटिका में लगे झूलों को ठीक कराने के लिए किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।

वायर भी ओपन

गांधी उद्यान शहर का एक ऐसा पार्क है जहां पर सबसे अधिक पब्लिक आती है बच्चे भी काफी संख्या में आते हैं। लेकिन इसके बाद भी इस पार्क में कई जगह वायर भी ओपन हैं। यहां तक कि बाूप बाल वाटिका में भी पोल पर की गई वायरिंग ओपन है। उस पर टेपिंग तक नहीं की गई है। जिस कारण बच्चों को खतरा बना हुआ है। यहां पर बच्चों या फिर कोई लापवाही करना किसी को भी भारी पड़ सकती है।

-गांधी उद्यान समेत जिन पार्को में बच्चों के झूलों को ठीक किए जाने का प्रस्ताव शामिल है। इसके साथ ओपन जिम समेत अन्य पार्को में भी झूले लगाए जाएंगे।

संजीव प्रधान पर्यावरण अभियंता

-गांधी उद्यान पार्क की बापू बाल वाटिका में बच्चों के लिए झूला लगाए गए थे। यह झूला कई वर्षो से टूटे हैं, बच्चे भी इन्हीं टूटे झूलों पर झूलते हैं और चोट खाते हैं लेकिन जिम्मेदार इनको ठीक नहीं करवा रहे हैं।

शुभम सैनी, जगतपुर

शहर का एक ऐसा पार्क जहां पर हर कोई फैमिली के साथ बच्चों को घुमाने के लिए आता ही है। लेकिन जब वह पार्क में आता है तो बच्चों के लिए झूले ही टूटे मिलते हैं तो वह मायूस होता है। झूले तो तो ठीक होने चाहिए।

विक्की, गंगापुर