- कोविड से स्वस्थ होने के करीब एक माह बाद होती है समस्या
- बच्चों के परिजन मन कक्ष के हेल्प लाइन नंबर पर कॉल कर ले रहे सलाह
अंकित चौहान::
बरेली : जिनके घरों में छोटे बच्चे हैं उनके लिए यह खबर काम की है। कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके बच्चों में अब पोस्ट कोविड का खतरा मंडराना शुरू हो गया है। डॉक्टर्स के अनुसार इस बीमारी को मल्टी सिस्टम इनफ्लमेटरी सिंड्रोम इन चाइल्ड (एमआईएस-सी) कहा जा रहा है। कोरोना संक्रमण से जंग जीतने के करीब 15 से 20 दिन बाद बच्चों में इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं।
एमआईएस-सी के यह हैं लक्षण
-यह बीमारी कोरोना से ठीक हो चुके कुछ बच्चों में एक से डेढ़ माह के भीतर होती है।
-3 दिन तक तेज बुखार
-शरीर पर लाल चकत्ते, आंखे लाल होना
-पेट दर्द, उल्टी, दस्त
-गंभीर होने पर बीपी कम, श्वांस व हृदय की गति तेज
-कभी कभी पीली यूरिन आना
इन जांचों से होती है पहचान
-सीआरपी-सिरम टेस्ट-6 से अधिक वैल्यू होने पर
-इंट्रायल्यूकिन-6 टेस्ट सात से अधिक वैल्यू होने पर
-डी-डायमर टेस्ट-500 से अधिक वैल्यू होने पर
समय पर कराएं इलाज
-इस बीमारी में पेरेंट्स को जागरूकता महत्वपूर्ण है। अगर बच्चे को तेज बुखार आने के चौथे दिन ही अस्पताल दिखा लें तो उसको इम्यूनो ग्लोबुलिन या मिथइल प्रेग्नी सेलोन देकर बचाया जा सकता है।
-कोविड के बाद बच्चों पर नजर रखें असामान्य होने पर बीमार होने पर डॉक्टर्स से संपर्क करें
-शरीर में लाल चकत्ते और लाल आखों को अनदेखा न करें, बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
इसीलिए है घातक
-इस बीमारी में बच्चों के अंगों में सूजन आ जाती है। डॉक्टर्स को बच्चे का इको करना पड़ता है जिससे कोरोनरी धमनी में सूजन का पता चलता है।
-किडनी में भी सूजन आने पर यूरिन में आरबीसी आने लगती है। यूरिन क्रिएटिनिन बढ़ा रहता है।
इन हेल्पलाइन नंबर पर करें संपर्क
स्वास्थ्य विभाग के 7248215822, 7248215922 पर संपर्क पर डॉक्टर से पोस्ट कोविड के लक्षण होने पर फ्री एडवाइस ले सकते हैं। वहीं अन्य जिले के रहने वाले लोग 8046110007 फोन नंबर पर कॉल कर एडवाइस ले सकते हैं।
केस 1
शहर के राजेंद्र नगर निवासी 9 वर्षीय बच्चे में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी, परिवार के दो सदस्यों के संपर्क में आने से बच्चा संक्रमण से ग्रसित हो गया। परिजनों ने बच्चे को होम आइसोलेट कराया। बच्चे में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे, 14 दिन बाद होम आइसोलेशन पूर्ण कर स्वस्थ हो गया। लेकिन परिजनों की मानें तो बच्चा को एन्जाइटी की समस्या हुई। परिजनों ने जिला अस्पताल के मन कक्ष इंचार्ज डॉ। आशीष से संपर्क किया, लगातार बच्चे की काउंसिलिंग जारी है।
केस 2.
शहर के सुभाष नगर निवासी 10 वर्षीय बच्चे की रिपोर्ट पिछले माह की शुरूआत में कोविड पॉजिटिव आई थी। बच्चे के पिता भी संक्रमित थे। दोनों ही होम आइसोलेट हुए। होम आइसोलेशन के बाद दोनों ही स्वस्थ हुए लेकिन स्वस्थ होने के 15 दिन बाद बच्चा गुमसुम रहने लगा। वहीं सीने में दर्द और फीवर की प्रॉब्लम होने लगी। इस पर परिजनों ने फोन पर डॉक्टर की सलाह ली तो डॉक्टर ने इसे पोस्ट कोविड के लक्षण होना बताया इस पर बच्चे का इलाज शुरू हो सका।
डॉक्टर की बात
जिला अस्पताल के पोस्ट कोविड वार्ड में वर्तमान में तीन मरीज एडमिट हैं। वहीं हेल्पलाइन नंबर पर भी कॉल कर कोविड से स्वस्थ हो चुके बच्चों की भी काउंसिलिंग की जा रही है। इसलिए कोरोना से स्वस्थ होने के बाद भी पूरी तरह से सावधानी जरूरी है।
डॉ। आशीष, इंचार्ज मन कक्ष
जो लक्षण बड़ों में होते हैं बच्चों में नहीं होते, ऐसे में वायरस बच्चों के कई अंगों पर गंभीर असर करता है और बच्चे एमआईएस-सी की चपेट में आ जाते हैं समय पर डॉक्टर की सलाह न लेने पर यह घातक साबित हो सकता है इसलिए संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद भी बच्चे की तबियत बिगड़ने पर फौरन डॉक्टर को दिखाएं।
डॉ। रवि खन्ना, बाल रोग विशेषज्ञ