- नया सेशन शुरू, स्कूल खुले
- फर्स्ट डे पेरेंट्स खुद पहुंचाने गए बच्चों को
- पेरेंट्स का रुटीन हुआ चेंज
BAREILLY : छोटे कंधों पर सजे बैग के साथ हंसते मुस्कुराते चेहरे, फ्रेंड्स के साथ मस्ती, पहली बार पेरेंट्स से चंद घंटों के लिए दूर होते नन्हें-मुन्ने बच्चे। कुछ इसी ढंग से उन्होंने एजूकेशन के क्षेत्र में अपना पहला कदम रखा। वहीं कुछ नए सेशन के तहत अगली क्लास में प्रवेश किए। यह माहौल वेडनसडे को सिटी के अधिकांश स्कूल के बाहर देखने को मिला। दूसरी ओर सुबह को रोड पर काफी दिनों के बाद स्कूली बच्चों से भरे ऑटो और रिक्शे नजर आएं। वेडनसडे से ही सीबीएसई और आईसीएसई के स्कूल ओपन हो गए हैं। सेशन के पहले दिन पेरेंट्स खुद अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने गए थे।
फर्स्ट डे हुई प्रॉब्लम्स
फर्स्ट डे पेरेंट्स के साथ बच्चों को भी प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ा। इस बाबत पेरेंट्स को डेली रूटीन चेंज करना पड़ा, जिसमें सुबह जल्दी उठना, टिफिन तैयार करना, रोते बच्चे को हंसते हुए स्कूल में नए फ्रेंड्स, टीचर्स, गेम्स और अन्य एक्साइटिंग प्लान से मनाना पड़ा। स्कूल बस, टेम्पो, रिक्शा व अन्य व्हीकल्स होने के बाद भी फर्स्ट डे होने से बच्चों को स्कूल तक पेरेंट्स ने ड्रॉप भी किया।
स्कूल्स ने किया मेंटल प्रिपेयर
फर्स्ट डे होने के कारण स्कूल्स ने भी प्रिपेरेशन कर रखी थी। बच्चों को स्ट्रेस फ्री करने के लिए डिफरेंट प्रोग्राम बना गए थे। सिटी के कई स्कूल्स ने एंटरटेनमेंट के लिए गेम्स, सांग्स, डांस और कंप्यूटर पर एजूटेनमेंट के जरिए बच्चों को स्कूल से जुड़ने के लिए मेंटल प्रिपेयर किया। दूसरी ओर नए ड्रेस, बुक्स और टिफिन अरेंजमेंट के बारे में भी बच्चों को सीख दी। इस वजह से दोपहर में छुट्टी होने पर सुबह घर से निकलते वक्त रोने वाले बच्चे भी मुस्कुराते हुए घर वापसी की।
पेरेंट्स को मिली बच्चों जैसी डांट
कई पेरेंट्स ऐसे भी रहे, जिन्होंने देर से अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाया। इसके लिए उन्हें डांट भी खानी पड़ी। स्कूल के गार्ड ने भी फर्स्ट डे होने की वजह से किसी भी स्टूडेंट को वापस नहीं भेजा। पर उसने पेरेंट्स को वॉर्न जरूर किया, अगर इसके बाद भी वह इतना लेट हुए तो उन्हें अपने बच्चे को लेकर वापस जाना होगा। वहीं पेरेंट्स ने भी पहले दिन बच्चों की छुट्टी, लंच ऑवर्स के बारे में क्वेरीज भी की। सबसे ज्यादा क्वेरीज प्री-नर्सरी या नर्सरी के पेरेंट्स करते नजर आए।
मेरे बच्चे का स्कूल का पहला दिन था। इसके लिए लास्ट क्भ् डेज से ही प्रिपेरेशन कर ली थी। मुझे लग रहा था कि फर्स्ट टाइम स्कूल जाने में कुछ परेशानी हो सकती है। पर वह बहुत खुश है। हमने उसे इसके लिए प्रिपेयर किया था।
संतोष कुमार, पेरेंट्स
मेरी बेटी नर्सरी में है। उसे स्कूल में नए फ्रेंड्स से मिलने का काफी क्रेज था। वह आज खुद ही जल्दी से सुबह उठ गई और खुद ही तैयार भी हुई। पहला दिन है, इसलिए हम इसे छोड़ने आए हैं।
पुष्पा, पेरेंट्स
फर्स्ट टाइम स्कूल ज्वॉइन करने में बच्चों को थोड़ी प्रॉब्लम हुई। हमें भी रुटीन से हटकर वर्क करना पड़ा, लेकिन स्कूल का फर्स्ट डे होने के बावजूद बच्चे काफी खुश हैं। बच्चे काफी एक्टिव और होशियार हैं।
शरीफ खान, पेरेंट्स